प्रस्तुति- किशोर प्रियदर्शी / गणेश प्रसाद
काक (हरिश्चन्द्र शुक्ल) | |
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जन्म | 16 मार्च 1940 गाँव : पूरा, जिला : उनाव, उत्तर प्रदेश, भारत |
राष्ट्रीयता | ![]() |
व्यवसाय | कार्टूनिस्ट |
सक्रिय वर्ष | 1967–वर्तमान |
जालस्थल | kaakdrishti.com |
हस्ताक्षर | |
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अनुक्रम
जीवनी
काक का जन्म १६ मार्च १९४० को उत्तरप्रदेश के उनाव जिले में हुआ। लगभग दो दर्जन से ज्यादा समाचारपत्रऔर पत्रिकाओं के फ्रीलांस कार्टूनिस्ट के रूप में कार्य कर चुके काक के कार्टूनिस्ट जीवन की शुरुआत १९६७ में दैनिक जागरणमें छपे पहले कार्टून से हुई। दिनमान, शंकर्स वीकली, साप्ताहिक हिंदुस्तान, नवभारत टाइम्स, जनसत्ताजैसे प्रमुख समाचारपत्रों के लिए कार्टून बना चुके काक वर्तमान में प्रभासाक्षीडॉट कॉम के लिए कार्टून बना रहे हैं।.[3]काक कार्टूनिस्ट्स क्लब ऑफ इंडियाके प्रथम निर्वाचित अध्यक्ष पद पर भी रह चुके हैं।[4]जमीनी स्तर पर लोगों की समस्याओं के बारे में उनकी शानदार समझ की वजह से काक को जनता के कार्टूनिस्ट (cartoonist of masses) के रूप में भी जाना जाता है।[5]लक्ष्मण के आम आदमी के विपरीत, काक का आम आदमी एक मूक दर्शक नहीं है बल्कि एक मुखर टीकाकार है जो बोलने का कोई भी मौका चूकता नहीं।[6]
आम आदमी पात्र
पुरस्कार एवं सम्मान
- २००३: हिन्दी अकादमी दिल्ली द्वारा काका हाथरसी सम्मान २००२-०३
- २००९: एर्नाकुलम (कोच्चि) में कार्टून शिविर के दौरान केरल ललित कला अकादमीऔर केरल कार्टून अकादमी द्वारा सम्मानित
- २००९: इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ कार्टूनिस्ट्स, बेंगलूर द्वारा लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड[7]
- २०११: कार्टून वाचके तत्वावधान में कार्टून महोत्सव, नई दिल्ली में डॉ॰ ए पी जे अब्दुल कलामद्वारा लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित[8]
किताबें
- १९८८ : नज़रिया, रूपा एंड कंपनी द्वारा प्रकाशित, विनोद भरद्वाज द्वारा चयन[9]
- १९९९ : कारगिल कार्टून्स, भारतीय रक्षा बलों को समर्पित कार्टूनों के एक संग्रह का संकलन[10]
- २००० : Laugh as you Travel : काक और शेखर गुरेराद्वारा भारतीय रेल के 150 गौरवशाली साल पूरा करने के अवसर पर बनाये कार्टूनों का एक संकलन[11]
टिप्पणियां एवं साक्षात्कार
- चार्ली ब्राउन की ही तरह काक की अपील में भी मानव मूर्खता पर हंस सकने और शर्म महसूस करवाने की अभूतपूर्व क्षमता है : मृणाल पांडे (संपादक : दैनिक हिंदुस्तान)[12]
- मैं महज पांच सौ सदस्यों के साथ लोकसभा की स्पीकर (संसद) हूँ जबकि काक लाखों में सदस्यों की लोक सभा के स्पीकर हैं : बलराम जाखड़ (लोकसभाअध्यक्ष, १६ दिसम्बर 1986, हरिद्वार)[13]
बाहरी कड़ियाँ
- Opinion Balram Jakhad
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