प्रस्तुति- राज्ेश सिन्हा / किशोर प्रियदर्शी
इंटरनेट टेलीविज़न (आइ.टीवी {iTV}, ऑनलाइन टीवीया इंटरनेट टीवीभी कहते हैं) इंटरनेटके माध्यम से प्रसारित दूरदर्शनसेवा होती है। ये सेवा २१वीं शताब्दीमें काफी प्रचलित हो चुकी है। इसके उदाहरण हैं संयुक्त राज्यमें ह्यूलु एवं बीबीसीआईप्लेयर, नीदरलैंड्समें नीदरलैंड २४ सेवा। इसके लिये तेज गति वाला ब्रॉडबैंड कनेक्शनचाहिये, जिसके द्वारा इंटरनेट पर उपलब्ध टीवी चैनलोंकी स्ट्रीमिंग करके लाइव खबरें व अन्य सामग्री देख सकते हैं। अभी तक उपभोक्ता पहले सीधे उपग्रह, फिर केबल टीवीऔर उसके बाद डीटीएचयानी डायरेक्ट टू होमडिश के माध्यम से टीवी देखते रहे हैं। इंटरनेट अब नया माध्यम है, जिस पर टीवी देखा जा सकता है। यह आम आदमी तक देश और दुनिया के समाचार व मनोरंजन सामग्री[1]पहुंचाने का नया तरीका है और एकदम वैसा ही, जैसे बाकी माध्यम है। भारतमें इस पूरी प्रक्रिया की शुरुआत को इंटरनेट प्रोटोकाल टेलीविजन (आईपीटीवी) के रूप में समझ सकते हैं। इसमें इंटरनेट, ब्राडबैंड की सहायता से टेलीविजन कार्यक्रम घरों तक पहुंचाता है। इस नेट नियोजित प्रणाली में टेलीविजन के कार्यक्रम डीटीएच या केबल नेटवर्क के बजाय, कंप्यूटर नेटवर्क में प्रयोग होने वाली तकनीकी मदद से देखे जाते हैं।[2]
संभवत: दुनिया में एबीसी का वर्ल्ड न्यूज नाउपहला टीवी कार्यक्रम रहा है, जिसे इंटरनेट पर प्रसारित किया गया था। इंटरनेट के लिए एक वीडियो उत्पाद तैयार किया गया, जिसका नाम आईपीटीवीरखा गया था। लेकिन सबसे पहले जो टेलीविजन के कार्यक्रम इंटरनेट ब्राडबैंडके द्वारा प्रसारित किए गए तो उस फार्मेट को भी आईपीटीवी का ही नाम दिया गया। भारत सरकारने भी इसे स्वीकृति दे दी है और भारत के कई शहरों में यह सेवा चालू हो चुकी है।
अनुक्रम
आईपीटीवी
मुख्य लेख : आईपीटीवी
इंटरनेट प्रोटोकाल टीवी में किसी भी वेबसाइटपर वेबपेज क्लिक करके दूरदर्शन के कार्यक्रम नहीं देखे जाते हैं, बल्कि यह एक बेहद सुरक्षित नेटवर्किगमाध्यम है, जिसमें इंटरनेट ब्राडबैंड की सहायता से टेलीविजन प्रोग्राम किसी टीवी या कंप्यूटर तक पहुंचता है। यह टेलीकॉम प्रदाता कंपनियों (जैसे एमटीएनएल, भारती एयरटेल, रिलायंस इंडस्ट्रीज़[3]आदि) द्वारा प्रदान की जा रही सेवा द्वारा संभव हो पाता है, जिसे डिजिटल केबल या उपग्रह सेवाओं के स्थान पर प्रयोग किया जा सकता है। इसमें निश्चित आईपी के प्रयोग के लिए एक सेट टॉप बॉक्स के द्वारा टीवी प्रसारण प्राप्त किया जाता है। दूसरी तरफ जो इंटरनेट टीवी के विकल्प (आईटीवी) अभी उपलब्ध हैं उनमें किसी भी साइट पर बहुधा रिकॉर्डेड प्रोग्राम देखे जाते हैं। अब जो थ्रीजी मोबाइलसेवा का विकल्प आ रहा है उसके द्वारा भी इंटरनेट के माध्यम से टीवी सेवा का विस्तार होगा। इसमें यहां तक व्यवस्था रहती है कि जब टीवी को आईपीटीवी ब्राडबैंड कनेक्शन से जोड़ते हैं, तो वीडियो ऑन डिमांड (वीओडी) और इंटरनेटसेवा (वेब एक्सेस, वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल-वीओआईपी, इंटरनेट टीवी) की सुविधा भी प्राप्त की सकती है। पारंपरिक सेवाओं की बजाय इसमें डिजिटल वीडियो और काफी अच्छी ऑडियो की गुणवत्ता मिलती है।[2][4]इसकी सबसे बड़ी विशेषता है कि ये सुविधा इंटरैक्टिव होती है। कोई क्रिकेटमैच देखते हुए मैच के बीच ही अपने किसी खिलाड़ी का इतिहास जानना चाहते हैं, तो इसमें यह विकल्प भी उपलब्ध रहता है, जिसकी सहायता से संबंधित खिलाड़ी का पिछला रिकार्ड सामने आ सकता है। इसी प्रकार किसी भी उपलब्ध चैनल के कार्यक्रमों के बारे में जानकारी, प्रसारण समय व भविष्य प्रसारण सूची भी उपलब्ध रहती है। यदि किसी कार्यक्रम के प्रसारण के समय व्यस्त हों, तो बाद में अपनी सुविधानुसार टीवी पर उसकी आरक्षित कराई गई रिकार्डिग भी देख पाएंगे। इसके अलावा, वीडियो ऑन डिमांड (वीओडी) सेवा की सहायता से ऑनलाइन फिल्म अनुक्रमणिका से चुन कर देख सकते हैं।[2]यह अन्य नेटवर्किग सेवाओं की अपेक्षा सस्ता भी है। इसके अलावा वीडियो ऑन डिमांड, इंट्रेक्टिव गेम्स, टाइम शिफ्टिड टीवी, आई कंट्रोल और यूट्यूब के वीडियो भी इसमें उपलब्ध हो सकते हैं।
ऑनलाइन टीवी
टीवी और इंटरनेट साथ-साथ उपलब्ध होने के इन विकल्पों को उपलब्ध कराने हेतु कई टीवी कंपनियां इंटरनेट संपर्को को साधने में समर्थ टीवी निर्माण कर रही हैं। इनमें सोनी, सैमसंगऔर एलजीशामिल हैं। एलजी के अनुसार नया टीवी ऑनलाइन प्रदर्शन को आसान और बेहतर बनाएगा। एलजी ने ऑनलाइन टीवी विकल्पों को प्रदर्शित करने के लिए जिस टीवी सेट का निर्माण किया है। एलजी नेटफ्लिक्स के सहयोग से जल्द ही ऐसे टीवी सेट का उत्पादन करने जा रही है, जो सीधे इंटरनेट से जुड़े रह सकेंगे और इंटरनेट उपभोक्ता बिना किसी दूसरे उपकरण के इंटरनेट के माध्यम से टीवी और वीडियो भी देख सकेंगे।[5]नेटफ्लिक्स सेवा वर्तमान में नाममात्र के मासिक किराये पर असीमित फिल्मों और ऑनलाइन टीवी शो उपलब्ध कराती है। इस कंपनी की लाइब्रेरी में इस समय १ लाख से भी अधिक फिल्में उपलब्ध हैं।इसके द्वारा दर्शक के रूप में क्रिकेट, समाचार, टीवी कार्यक्रम आदि अपने कंप्यूटर या लैपटॉप के द्वारा, कहीं भी, कभी भी देख सकते हैं। और इसके लिए कोई अलग से साफ्टवेयर की भी आवश्यकता न रहेगी। हालांकि इस मामले में दूरदर्शन का विकल्प कंप्यूटर पहले से ही बना हुआ है। एक टीवी कॉम्बो बॉक्सऔर उसके साथ सैट टॉप बॉक्स या टीवी ट्यूनर कार्डको जोड़ कर कंप्यूटर को दूरदर्शन में बदला जा सकता है। ये कार्ड या युक्तियां कंप्यूटर में बाहरी या आंतरिक हो सकती हैं। हां एक्सटर्नल कार्ड्स का कोई दुष्प्रभाव भी कंप्यूटर पर नहीं पड़ता, जबकि इंटरनल टीवी ट्यूनर के कारण कई बार कंप्यूटर में आंतरिक खराबी की शिकायतें मिल सकती हैं। और जब एक ही मॉनीटरपर दूरदर्शन और इंटरनेट के दोनों विकल्प उपलब्ध हों तो अलग-अलग कंप्यूटर और टीवी की आवश्यकता नहीं रहती है। हां जहां देखने वाले और उनकी आवश्यकताएं अलग-अलग हैं वहां की बात अलग है।
वेब टीवी
ऐसी बहुत सारी इंटरनेट साइट हैं जहां पर जाकर थर्ड पार्टी की वीडियो स्ट्रीमिंग करके ऑडियो वीडियो सामग्री कंप्यूटर पर देख सकते हैं। इसी क्रम में आइडब्लूआई जैसे विकल्प भी इंटरनेट पर हैं जहां से विश्व में हजारों टीवी चैनलों में से फ्री टू एयरचैनलों का सीधा प्रसारण अपने कंप्यूटर पर देख सकते हैं। लोग इसके माध्यम से कार्यक्रम और समाचार चुन-चुन कर देख सकते हैं।गूगल टीवी
जल्दी ही गूगलने बाजार में गूगल टीवी लॉन्च करने की तैयारी कर ली है। न्यूयॉर्क टाइम्सके अनुसार गूगल, इंटेलऔर सोनीएक सेटटॉप बॉक्स पर काम कर रहे हैं जो कि गूगल एड्रॉयड सॉफ्टवेयरपर काम करेगा जिसे गूगल टीवी नाम दिया गया है। इस तकनीक के लिए वह विभिन्न टेलीविजन कंपनियों से संपर्क में है। इन युक्तियों द्वारा में गूगल इंटरफेस के रूप में काम करेगा। इस दिशा में याहू भी टेलीविजन की तकनीक पर काम कर रहा है। गूगल के सहायक एड्रायड सॉफ्टवेयर का प्रयोग कर सेटटॉप बॉक्स बनाने में कार्यरत हैं। उनके अनुसार इस युक्ति में गूगल क्रोमका प्रयोग होगा। गूगल यूजर इंटरफेस की अभिकल्पना करेगा व इसके माध्यम से भी इंटरनेट के साथ दूरदर्शन देखा जा सकेगा।[2]सन्दर्भ
- एलजी करेगा इंटरनेट टीवी का उत्पादन। मीडिया विस्फ़ोट.कॉम। ५ जनवरी २००९