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न्यूज चैनलों में इंटर्न की भूमिका






प्रस्तुति- किशोर प्रियदर्शी 


  1. 1. महात्मा गाांधी अांतरराष्‍ट्रीय् हहांदी हिश््िहि्ायय, िधाा (महाराष्‍टर) MAHATMA 

  1. 2. न्यूज चैनलों के प्रतत इंटनथ का नजररया (आउटपुट डेस्क के संदर्थ में) -सारांश- न्यूज चैनलों के प्रति इंटनों के नजरिए को नकाि नह ं जा सकिा। इस शोध के दौिान इस बाि का पिा चलिा है कक इंटनन के दौिान छात्रों को ससखने का भिपुि मौका समलिा है। छात्र इसका फायदा भी उठािे हैं। छात्रों को सबसे ज्यादा मौके छोटे चैनलों में समलिे हैं। अधधकांश इंटनों का मानना है कक काम ससखने में उन्हें कोई खास ददक्कि नह ं आिी। हालांकक आधे इंटनों का मानना है। कक आउटपुट के कमनचारियों का व्यवहाि उनके प्रति बेहिि नह ं था। प्रस्तािना ‘इडियट वाक्स’ ने पूि दतुनया को खुद में समेट सलया है। आज भािि के 13.8 किोड़ घिों में टेसलववजन (‘इडियट वाक्स’) है। इन घिों में सिकाि चैनलों के साथ साथ प्राइवेट चैनलों के प्रोग्रासमग चैनल औि न्यूज एंि किेंट अफेयसन के कुल 800 चैनल देखे जािे हैं। इन चैनलों में 400 सौ (392 के अलावा कुछ टेस्टंग पि हैं) न्यूज एंि किेंट अफेयसन के चैनल हैं। सजनमें ्थानीय भाषा औि ्थानीय चैनलों की संख्या भी शासमल है। ये सभी चैनल 24 घंटे न्यूज पिोसने का दावा कििे हैं। इस दावे को पूिा किने के सलए िीन सशफ्टों में मीडिया कमी काम कििे है। जहां इस इडियट वॉक्स की भूख शांि किने के सलए खबिों की िोज द जािी है। ये काम न्यूज चैनल के आउटपुट डिपाटनमेंट में होिा है। जहां असस्टेंट प्रोड्यूसि से लेकि संपादक िक लगे होिे हैं। इन सब के बीच एक ऐसा ह शख्स काम कििा है जो कई सं्थाओं में अवैितनक िौि पि िो कई
  2. 3. सं्थाओं मेँ मामूल ्टाइपन पि काम कििे हैं। जो बाकक पत्रकािों की ििह ह खबिों औि उसके दिटमेंट के सलए जुझिे िहिे हैं। ये मीडिया सं्थानों के छात्र होिे हैं। सजन्हें अकुशल माना जािा है। प्रबंधन की भाषा में इन्हें इंटनन कहा जािा है। आज के दौि में ये इंटनन न्यूज चैनलों के सलए खासकि छोटे न्यूज चैनलों के सलए िो बैकबोन साबबि हो िहे हैं। इनका उद्देश्य न्यूज चैनलों में होने वाल गतिववधधयों को ससखना होिा है। िाकक आने वाले समय में वो भी मीडिया को बेहिि िि के से सीख सके। इसके सलए ये इंटनन अपने एकेिसमक गतिववधधयों से समय तनकालकि न्यूज चैनलों में इंटनन किने जािे हैं। इनका उद्देश्य कम समय में बेहिि प्रदशनन किना होिा है िाकक जब वे इस क्षेत्र में आये िो उन्हें काम की बाि ककयों की जानकाि िहे। उपकल्पना  इंटनथ करने िाले छात्रों के प्रतत चैनल कर्मथयों का व्यिहार बुरा रहता है ।  इंटनथ के करते समय आउटपुट डस्ेक के कायथकताथ इंटनथ को कायथ र्सााने में मदद करते है ।  इंटनथ को छोटे चैनलों की अपेक्षा बड़ ेचैनलों मे सीाने का मौका ज्यादा र्मलता ही ।
  3. 4. शोध का उद्देश्य  क्या इंटननसशप के दौिान उन्हें सीखने समझने का मौका समलिा है।  इंटनन के दौिान होने वाल पिेशानी का पिा चल पायेगा।  आउटपुट के कमनचाि इंटनन को सीखाने या सीखने में ककिनी मदद कििे हैं।  इंटनन के प्रति बाकक कमनचारियों का कैसा व्यवहाि होिा है।  इंटनन को काम सीखने का मौका बड़ ेया छोटे चैनलों में समलिा है। शोध सीमा एिं प्रविधध प्र्िुि शोध का अध्ययन क्षेत्र न्यूज चैनलों में इंटनन कि चुके महात्मा गांधी अंिििाष्ट्ि य दहन्द ववश्वववद्यालय के जनसंचाि एवं मीडिया अध्ययन केन्र के 10 छात्रों को ससमसलि ककया गया है। इन छात्रों से प्रश्नावल ववधध से प्राप्ि आंकड़ों का ववश्लेषण ककया गया हैं। साथ ह मीडिया सं्थानों में काम कि चुके मीडिया कसमनयों के अनुभवों का अध्ययन ककया जायेगा। इसके सलए साक्षात्काि ववधध का इ्िेमाल ककया जायेगा।
  4. 5. साक्षात्कार का विश्लेषण मीडिया में काम कि चुके लोगों के तनजी अनुभव के आधाि पि साक्षात्काि सलये गये हैं। साक्षात्काि में ये बाि सामने आयी है कक इंटननसशप के दौिान छात्रों को छोटे न्यूज चैनलों में ज्यादा सीखने का मौका समलिा है जबकक बड़ े न्यूज चैनल इंटनन को ज्यादा िवज्जो नह ं द जािी। इसके साथ ह बड़ ेन्यूज चैनल एक सीसमि समय के सलए इंटनन िखिे हैं औि उसके बाद उसे वह रिन्यू कम ह कििे हैं। जबकक छोटे न्यूज चैनलों में सीखने का समय औि मौका ज्यादा ददया जािा है। कई छोटे न्यूज चैनल इंटनन के दम पि चल िहे हैं। छोटे न्यूज चैनलों में कम कमनचारियों के होने के कािण इंटनन को हि ि्ेक औि डिपाटनमेंट में मौका ददया जािा है। जहां छात्रों को हि ववभाग को जानने का मौका समल जािा है। कई बाि छात्रों के सु्ि िवैये के चलिे उन्हें सीखने का मौका नह ं समल पािा है। टाल मटोल किने वाले छात्र आउटपुट के कसमनयों के साथ बेहिि सामंज्य नह ं बना पािे हैं। जो काम उन्हें ददया जािा है ससफन उिना ह काम किके शांि हो जािे हैं। कफि उन्हें दोबािा काम देने के सलए ढूंढ़ना पड़िा है। ऐसे में कई छात्र इंटनन के दौिान कुछ नह ं पािे। जबकक एसक्टव छात्र इंटनन के दौिान बेहिि प्रदशनन कििे हैं। उनका ध्येय सीखना होिा है। इंटनन से साधािणिया पैकेसजंग का काम सलया जािा है। कई बाि काम की जानकाि नह ं होने की वजह से कई बाि छात्र काम को लेकि उलझन में िहिे हैं सजन्हें कई सहकमी बेहिि िि के से हैंिल कििे हैं जबकक कई सहकमी अपनी खीज जादहि कि देिे हैं। हालांकक जॉब के दौिान भी इन सब हालािों से गुजिना होिा है। साक्षात्काि के दौिान कई मीडिया कसमनयों ने इस बाि की वकालि की कक इंटनन को एक तनसश्चि िासश द जानी चादहए।
  5. 6. साक्षात्काि के अवलोकन से इस बाि का पिा चलिा है कक इंटनन की भूसमका न्यूज चैनलों में बेहद महत्वपूणन है। इन्हें नकािा नह ं जा सकिा। यहां एसक्टव िहने पि सीखने का मौका है। इन्हें अवैितनक नह ं िखना चादहए। 120 100 80 60 40 20 0 आंकड़ों का विश्लेषण प्रश्न 1 का विश्लेषण प्रश्न 1:- क्या न्यूज चैनलों मेंइंटनथ को सीाने का मौका र्मलता है। हााँ नह ं आरेा क्रम.1:- के अनुसाि न्यूज चैनलों में इंटनन किने वालो को न्यूज चैनलों में काम सीखने का पूिा 100% मौका समलिा है। प्रश्न 2 का विश्लेषण 100 80 60 40 20 0 प्रश्न 2:- आउटपटु डेस्क पर काम सीाने के दौरान इंटन थ को परेशानी होती है। हााँ नह ं
  6. 7. आरेा क्रम.2:- के अनुसाि आउटपुट ि्ेक पि काम सीखने वाले 20 फीसद इंटनों ने माना कक उन्हें कोई पिेशानी नह ं होिी है जबकक 80 फीसद लोगों ने काम के दौिान पिेशानी की बाि को माना है। प्रश्न 3 का विश्लेषण 100 90 80 70 60 50 40 30 20 10 0 प्रश्न 1:- आउटपुट डस्ेक में काम करने िाले लोग सीाने में इंटनथ की मदद करते ह।। हााँ नह ं आरेा क्रमांक 3:- 90 फीसद इंटनों का मानना है कक आउटपुट ि्ेक पि काम किने वाले लोग उन्हें सीखने में मदि कििे है। जबकक 10 फीसद लोगों ने इसका जवाब ना में ददया है। प्रश्न 4 का विश्लेषण 60 50 40 30 20 10 0 प्रश्न 4:- क्या आउटपुट डस्ेक के लोगों का व्यिहार इंटनथ के प्रतत नकारात्मक रहता है। हााँ नह ं
  7. 8. आरेा क्रमांक 4:- आउटपुट में काम कि चुके 50 फीसद इंटनन ये मानिे हैं कक आउटपुट के कमनचारियों का उनके प्रति व्यवहाि नाकािात्मक होिा है। जबकक 50 फीसद इंटनों ने कमनचारियों के व्यवहाि को सह बिाया है। 100 90 80 70 60 50 40 30 20 10 0 प्रश्न 5 का विश्लेषण प्रश्न 5:- क्या इंटनथ को बड़ ेचैनलों में सीाने का ज्यादा मौका र्मलता है। हााँ नह ं आरेा क्रमांक 5:- बड़ ेचैनलों में काम ससखने का िफ्िाि थोड़ी धीमी है। मात्र 10 फीसद इंटननस ऐसा मानिे है कक बड़ ेचैनलों में काम ज्यादा ससखने को समलिा है। आंकड़ों से ये बाि जादहि होिा है कक छोटे चैनलों में इंटननस को ज्यादा ससखने को समलिा है। 90 फीसद इंटननस ऐसा मानिे हैं। 100 80 60 40 20 0 प्रश्न 6 का विश्लेषण प्रश्न 6:- क्या इंटनथ को छोटे चैनलों में सीाने का अधधक मौका र्मलता है। हााँ नह ं
  8. 9. आरेा क्रमांक 6:- 90 फीसद इंटनों का मानना है कक छोटे चैनलों में उन्हें ज्यादा ससखने का मौका समलिा है। जबकक 10 फीसद ये मानिे है कक उन्हें सीखने का मौका छोटे चैनलों में नह ं समलिा है। तनष्कषथ आकड़ों के आधार पर ये कहा जा सकता है कक छात्रों को इंटनथ के दौरान काम र्साने का र्रपूर मौका र्मलता है। सबसे अधधक िहीं छात्र सीा पाते ह। जो छोटे चैनलों में इंटनथ करते ह।। हालांकक एक नाकारात्म पक्ष ये है कक छोटे चैनलों के कमथचाररयों का इंटरथनों के प्रतत व्यिहार ाासा अ्छा नहीं रहता। संदर्थ ग्रंर् साक्षात्कार आउटपुट में कायथरत पत्रकारों से र्लया गया है। अलग-अलग न्यूज चैनलों में इंटनथ कर चुके विद्याधर्थयों की राय ली गई।

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