प्रस्तुति - स्वामी शरण
*यह कैसा नया वर्ष* ❓🤔
*एक जनवरी को क्या नया हो रहा है ?* 🤔
*
*👉🏻 न ऋतु बदली.. न मौसम*
*👉🏻 न कक्षा बदली... न सत्र*
*👉🏻 न फसल बदली...न खेती*
*👉🏻 न पेड़ पौधों की रंगत*
*👉🏻 न सूर्य चाँद सितारों की दिशा*
*👉🏻 ना ही नक्षत्र।।*
*एक जनवरी आने से पहले ही सब नववर्ष की बधाई देने लगते हैं। मानो कितना बड़ा पर्व है।नया केवल एक दिन ही नही होता.. कुछ दिन तो नई अनुभूति होनी ही चाहिए। आखिर हमारा देश त्योहारों का देश है।*
*ईस्वी संवत का नया साल एक जनवरी को और भारतीय नववर्ष (विक्रमी संवत) चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को मनाया जाता है।* *आईये देखते हैं दोनों का तुलनात्मक अंतर:*
*1. प्रकृति-*
एक जनवरी को कोई अंतर नही जैसा दिसम्बर वैसी जनवरी..
*👌चैत्र मास में चारो तरफ फूल खिल जाते हैं, पेड़ो पर नए पत्ते आ जाते हैं। चारो तरफ हरियाली मानो प्रकृति नया साल मना रही हो I*
*2. वस्त्र-*
दिसम्बर और जनवरी में वही वस्त्र, कंबल, रजाई, ठिठुरते हाथ पैर..
*👌 चैत्र मास में सर्दी जा रही होती है, गर्मी का आगमन होने जा रहा होता है I*
*3. विद्यालयो का नया सत्र-*
दिसंबर जनवरी वही कक्षा कुछ नया नहीं..
*👌जबकि मार्च अप्रैल में स्कूलो का रिजल्ट आता है नई कक्षा नया सत्र यानि विद्यालयों में नया साल I*
*4. नया वित्तीय वर्ष-*
दिसम्बर-जनबरी में कोई खातो की क्लोजिंग नही होती..
*👌 जबकि 31 मार्च को बैंको की (audit) कलोसिंग होती है नए वही खाते खोले जाते है I सरकार का भी नया सत्र शुरू होता है I*
*5. कलैण्डर-*
जनवरी में नया कलैण्डर आता है..
*👌चैत्र में नया पंचांग आता है I उसी से सभी भारतीय पर्व, विवाह और अन्य महूर्त देखे जाते हैं I इसके बिना हिन्दू समाज जीवन की कल्पना भी नही कर सकता इतना महत्वपूर्ण है ये कैलेंडर यानि पंचांग I*
*6. किसानो का नया साल-*
दिसंबर-जनवरी में खेतो में वही फसल होती है..
*👌जबकि मार्च-अप्रैल में फसल कटती है नया अनाज घर में आता है तो किसानो का उत्साह बढ़ जाता है I*
*7. पर्व मनाने की विधि-*
31 दिसम्बर की रात नए साल के स्वागत के लिए लोग डिस्को पार्टीज पे जाते हैं, जमकर शराब पीते हैं, हंगामा करते हैं, रात को पीकर गाड़ी चलाने से दुर्घटना की सम्भावना, छेड़छाड़ जैसी वारदात, पुलिस प्रशासन बेहाल और भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों का विनाश होता है..
*👌जबकि भारतीय नववर्ष व्रत से शुरू होता है पहला नवरात्र होता है घर घर मे माता रानी की पूजा होती है शुद्ध सात्विक वातावरण बनता है I*
*8. ऐतिहासिक महत्त्व-*
1जनवरी का कोई ऐतेहासिक महत्व नही है..
*👌जबकि चैत्र प्रतिपदा के दिन महाराज विक्रमादित्य द्वारा विक्रमी संवत् की शुरुआत, भगवान झूलेलाल का जन्म, नवरात्रे प्रारंम्भ, ब्रहम्मा जी द्वारा सृष्टि की रचना इत्यादि का संबंध इस दिन से है I*
*9 अंग्रेजी कलेंडर की तारीख और अंग्रेज मानसिकता के लोगों के अलावा कुछ नही बदला..
*👌अपना नव संवत् ही नया साल है I*
*👌जब ब्रह्माण्ड से लेकर सूर्य चाँद की दिशा, मौसम, फसल, कक्षा, नक्षत्र, पौधों की नई पत्तिया, किसान की नई फसल, विद्यार्थी की नई कक्षा, मनुष्य में नया रक्त संचरण आदि परिवर्तन होते है। जो विज्ञान आधारित है I*
*💐अपनी संस्कृति और विज्ञान आधारित भारतीय काल गणना को पहचाने। स्वयं सोचे की क्यों मनाये हम एक जनवरी को नया वर्ष..?*
*"केवल कैलेंडर बदलें.. अपनी संस्कृति नहीं"*