अपील / दिनेश श्रीवास्तव
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सुन सारे!कहाँ से आवत हवे रे घूम के?
जब मना बा त का जरूरत बा एने वोने घुमला के।बुझात नइखे का।पूरा देश परेशान बा आ तोहार मटरगस्ती चालू बा।।
सुन ले सुमेरवा!कान खोल के-
थेथरई मत कर न त टास्क फोर्स पकड़ लेई तब का करबे?घरवे में बैठला के काम बा।
पो सभे कान खोल के सुन लेयीं और गाँठ बाँध लेयीं-
लबर लबर कर के समान नहीं खरीदिये।दुकान भागल नहीं जा रहा है।
बढ़िया से हाथ गोड धो के बिस्तर पर पड़े रहिए।हाथ त कई बार सबुनाइये।मन घबराए त बी बी सी लंदन घरहि में बैठ के सुन लीजिए नाहीं त घरवे में जोगीरा गाईये।बहरा जायके कौनो काम नइखे।
घर के लईकन आ बुढ़ऊ क हाथ पैर बांध के घरहि में रखिये।
भोरे खरिहान जाना है त अकेलही जाईये।
खयिनी अकेलहिं ठोकिये और अकेलही खाइये।केहुसे न त माँगिये और न दीजिए।
कोरोना भुतहा रोग नहीं है।केहू ओझा सोखा के पास मत जाइए।
बुखार खाँसी सर्दी ज़ुकाम पहिलहुँ होखे।घबराए के नइखे।हँ कई दिन से होखे त डॉक्टर बाबू के पास जरूर जाईये।
बाकी भगवान पर भरोसा रखिये।कुछु ना होई।
हाँ, मोदी क कहना मान के एक दिन 22 के घरहि में अपने को बंद कर लीजिए।
🙏
दिनेश श्रीवास्तव