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प्रधानमंत्री के नाम एक पत्र

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प्रस्तुति - अशोक प्रियदर्शी

मार्च 30, 2020

सेवा में
माननीय नरेंद्र मोदी जी
प्रधानमंत्री
भारत सरकार
साउथ ब्लॉक, नई दिल्ली

विषय : इस संवेदनशील समय में छोटे, मझोले और स्वतंत्र पत्रकारों की आर्थिक स्थिति के संदर्भ में

माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी,
विनम्र निवेदन है कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से निपटने के लिए आपके द्वारा उठाये जा रहे क़दम सराहनीय हैं।
इन परिस्थितियों में माननीय भारत सरकार द्वारा लॉकडाउन अभियान का पूरा देश पालन कर रहा है। ऐसे में सहयोग की भावना से देश और देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना से लड़ाई में डॉक्टरों, चिकित्साकर्मियों, पुलिस, प्रशासन के साथ ही मीडियाकर्मी भी कंधे-से-कंधा मिलाकर चल रहे हैं और कोरोना से बचाव के तरीक़े तथा संक्रमण की जानकारियाँ लोगों तक पहुँचाने का कार्य सफलतापूर्वक कर रहे हैं। इस समय न्यूज़ चैनल और बड़े समाचार पत्रों के पत्रकारों और इस पेशे से जुड़े अन्य कर्मियों को इतनी तकलीफ़ और परेशानी नहीं है, जितनी कि छोटे, मझोले और स्वतंत्र पत्रकारों को है। हमेशा तंगहाली में गुज़र करने वाले यह लोग आज आर्थिक परेशानी से जूझ रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद भी अपने कर्तव्यपालन में जुटे हुए हैं।
कहने का मतलब यह है कि लोगों को सचेत करने वाले छोटे और मझोले समाचार पत्रों एवं मीडिया संस्थानों के मालिक इस विकट परिस्थिति में अपने कर्मचारियों को वेतन देने में असमर्थ दिखाई पड़ रहे हैं। स्वतंत्र पत्रकारों को इस समय और भी मुश्किलें आ रही हैं। इसके अलावा इस डिजिटल युग में सोशल मीडिया और वेबसाइट पर समाचार उपलब्ध कराने कराने वाले श्रमजीवी पत्रकारों की आर्थिक स्थिति बहुत ख़राब है। अतः 'दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन' (डीजीए) जो कि नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट (इंडिया) से सम्बद्ध संस्था है, आपसे अनुरोध करते हुए यह अपील करती है कि छोटे मीडिया संस्थानों, पत्रकारों और स्वतंत्र पत्रकारों की आर्थिक स्थिति के विषय में विचार करें। इससे न केवल इस क्षेत्र में लगे मीडियाकर्मियों को राहत मिलेगी, बल्कि उनको और उनके परिवार को भी आर्थिक सहायता मिल पायेगी।
धन्यवाद
पंडित प्रेम बरेलवी

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