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गांधीजी की चिटठी की नीलामी /नलिन चौहान

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अमेरिका में गांधी की चिठ्ठी की नीलामी

कभी अमेरिका नहीं गए महात्मा गांधी के एक सार्वजनिक चिठ्ठी की बोस्टन शहर में नीलामी है। गाँधी ने नव स्थापित हरिजन सेवक संघ के लिए धन जुटाने के हिसाब से एक चिठ्ठी लिखी थी। पुणे की यरवदा जेल से लिखी सार्वजनिक अपील यही चिठ्ठी अमेरिका में बिक्री के लिए उपलब्ध है।

बोस्टन की 'आर. आर. ऑक्शन'नामक कंपनी ने अपनी वेबसाइट पर यह चिठ्ठी नीलामी के लिए डाली है। इस चिठ्ठी की बिक्री का न्यूनतम मूल्य पन्द्रह हजार डाॅलर रखा गया है। जबकि नीलामी में भाग लेने की आखिरी तारीख 13 मई है।

नौ अक्तूबर 1932 को एक पेज की आकार (4 X 6.5) वाली अंग्रेजी में गांधी की हस्तलिखित इस चिठ्ठी में एम के गांधी के नाम से हस्ताक्षर हैं।

गांधी इस चिठ्ठी में अपील करते हुए कहते हैं, “प्रिय मित्रों, मैं आपको आपके सहानुभूति वाले पत्र के लिए धन्यवाद देता हूं। इन विषयों को आगे बढ़ाने के हिसाब से घनश्याम दास बिरला की अध्यक्षता में गठित अस्पृश्यता विरोधी संघ को पैसे भेजे जा सकते हैं।”

उल्लेखनीय है कि वर्ष 1932 में, गांधी ने भारत की जाति व्यवस्था से अस्पृश्यता की अवधारणा को मिटाने के अपने प्रयासों के तहत अखिल भारतीय अस्पृश्यता विरोधी लीग स्थापित किया था। यह अब हरिजन सेवक संघ के नाम से जाना जाता है।


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