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गांधीजी और कोरोनाः संकट /अभिजीत मेहरा

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गाँधी पे आज दोबारा लिख रहा हूँ!
 पिछली बार बहुत गालियां मिली थी, आशा करता हूँ कि इसबार भी मिलेगी।
ना आज गाँधी जयंती है, और न स्वंतत्रता दिवस फिर भी गाँधी के बारे में लिख रहा हूँ, क्योंकि देश फिर एक बार संकट में है!

पहले अंग्रेजों के वजह से और आज कोरोना के वजह से! पहले भी हम लड़े थे और जीते भी थे! और आज भी हम लड़ रहे है, इस बार भी हमलोग ही जीतेंगे।

कोरोना से भी ज्यादा भयानक आज कल एक बीमारी पनप रहा है, जिसका नाम नफरत है!
आज कांग्रेस, गाँधी और नेहरू का मीम हर जगह उपलब्ध मिलेगा!
मजाक बनाओ उससे हमें कोई दिक्कत नही है, लेकिन एक बार पढ़ लो उनके बारे में, उम्मीद है कि ऐसी हरकतें करना बंद कर दोगे।

गाँधी का तुलना आजकल गोड्से से किया जाता है! लोग कहते है, हम गोड्से को मानते है, गाँधी को नही!
गोड्से सच्चा देशभक्त है, उनलोगों के लिए जिनलोगों को नफरत पसन्द है, दंगा पसन्द है।

मैं नही मानता हूँ कि गोड्से सच्चा देशभक्त था! और दावा के साथ कह सकता हूँ कि तुम भी नही मानते हो गोड्से को देशभक्त!
तुम सिर्फ गोड्से का गुणगान इसलिए करते हो ताकि गाँधी को नीचा दिखा सकों।
मुझे ही नही ये बात सबको पता है कि गाँधी को नही मानने वाले लोग किस पार्टी के है!
और गाँधी के बारे में भी झूठ फैलाने वाले लोगों के दिलों में किस पार्टी का झंडा फहरता है ये भी सबको पता है।

आजादी के बाद सबके लिए समान कानून बनाया गया और फिर बनाया गया पार्लियामेंट , जहाँ जनता द्वारा चुने गए लोग जाकर जनता के हितों के लिए फैसला लेते है।

गाँधी के किताब "हिन्द स्वराज"में ये लिखा गया है कि पार्लियामेंट बाँझ और वेश्या होती है।
इस टॉपिक पे ज्यादा अभी मुझे घुसना नही है, अगर आपको विस्तार से जानना है तो हिन्द स्वराज पढ़ लीजिए।

सत्ता कौन नही चाहता है, और हमेशा के लिए सत्ता पे बना रहना तो हर कोई चाहता है!
बस इसी सत्ता के भूख ने कुछ लोगों के आँख में पट्टी बांध दिया है!इसलिए उन्हें इतिहास समझ नही आता है!
गाँधी जिसे भारत ही नही भारत के बाहर के लोग भी मानते है, उसके बारे में नफरत फैलाना और भाषण देना सत्ता में बैठे लोगों के लिए मुश्किल का काम है!
इसलिए वे लोग खुद न फैलाकर दूसरे से फैलवाते है नफरत!

गाँधी के बारे में नफरत  इसलिए भी फैलाया जाता है क्योंकि वे कांग्रेस से थे! लोगों के दिमाग में विरोधी पार्टी के नेताओं और पूर्व नेताओं  के विरुद्ध इतना जहर घोल दो की उसका सत्ता में आना मुश्किल हो जाए! यही फॉर्मूला अपनाया जा रहा है।
गाँधी के विरुद्ध नफरत फैलाने के लिए ही गोड्से का झूठा गुणगान किया जाता है।
कहीं न कहीं आज भी कांग्रेस, गाँधी और नेहरू के नाम से ही चर्चा में रहते है।

ये झूठ फैलाने वाले लोग गाँधी के एक दो कमियों का बवंडर तो बना देते है, लेकिन उनके एक भी अच्छे कामों का गुणगान नही करते है।

आज कल एक ऑटोमेटिक मशीन चला है, जिसमें आपको 5 मिनट में देशभक्ति और देशद्रोही का सर्टिफिकेट मिल जाएगा!
ये मान लेना अच्छी बात नही है कि दूसरे के विचार गलत है, और मेरा ही विचार सही है, तथा जो हमारे विचारों के अनुसार नही चलता वो देश का दुश्मन है और उसके साथ गाली गलौज करना देशभक्ति।

कांग्रेस एक बीज की तरह है, जो कभी दिखाई नही देता है, लेकिन एक विशाल पेड़ बना देता है, खुद मिट्टी में मिलकर।
कांग्रेस अभी गलत हो सकता है, लेकिन तब नही था!
देश और देश के जनता के लिए कांग्रेस ने बहुत कुछ किया है।
बहुत सारे महापुरुषों का नाम जुड़ा है कांग्रेस से!
गलत करता है, तो विरोध कीजिए, इसमें कोई बात नही है!
लेकिन झूठ बोल कर बदनाम मत कीजिए!
गाँधी को भारत में हिन्दू विरोधी कहा जाता है, और पाकिस्तान के किताबों में गाँधी को सिर्फ एक हिन्दू नेता कहा जाता है।
इतना कोई कैसे गिर सकता है।?

आपको गोड्से को मानना है, मानिए  आप! लेकिन गाँधी को लेकर नफरत मत फैलाइए।
बाकी मुझे भी पता है की जिस प्रकार राम का चर्चा होता है,वहाँ रावण का भी नाम लिया जाता है! उसी प्रकार जहाँ गाँधी का नाम लिया जाएगा, वहाँ गोड्से का भी नाम आएगा! लेकिन इस तरह गोड्से को पूजा नही जाना चाहिए!
गाँधी इतना बड़ा नाम है कि उनकी हत्या करने वाले भी प्रसिद्ध हो जाते है।
अंतिम में एक बात याद रखना की गाँधी का बुराई करने वाला कभी देशभक्त नही हो सकता।

✍️ Abhijeet Mehra




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