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एकांकी वाया दफ्तर





वाया दफ्तर ..... (पांच दृश्य)
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दफ्तर 1 - उप चुनावों के नतीजे सुनकर उनके कलेजे में जो ठण्डक दौड़ी, चपरासी से एसी बंद करने को बोलना पड़ा.. एकाएक दफ्तर के कौने कौने में सत्तू भरी हंडिया लटक गयी और दफ्तर में मौजुद हर नेता मुंगरी लाल की तरह उन हंडियों को फोड़ने लगा..
"कोंग्रेचुलेशन"बहुत ही अच्ची खबर है,  हम अगली बार सरकार बनायेगें..
त्यागमुर्ति रानी साहिबा के इस डॉयलाग से स्वप्नलोक में खोये नेता एकाएक जाग पड़े..
"मेडम ये आपकी मेहनत का नतीजा है.. देश बदल रहा है, जनता फिर से हमें चाहने लगी है.."
मेडम ने बीच में टोकते हुए- हमारी नही, हमारे बेटे की मेहनत का नतीजा...( सोच में डूबते हुए)..  पर क्या हमारा बेटा पीऐम बन पायेगा....!!
दफ्तर में सन्नाटा पसर गया, कुछ समझदार नेता दफ्तर के गेट पर फूल लटकाने चले गये.. एक नेता पेन्टर को ढंग से कलर करने के लिए फटकारने लगा..  किसी गहरी सोच में खोयी मेडम ने चपरासी को एसी को फिर से चालू करने के लिए ईशारा किया..

दफ्तर 2 - चौबीस कैरट सोने से बनी लगभग 2 किलो  हाथी की मुर्ति पर कपड़ा मारते हुए एक चपरासी ने  टेबल पर ताजा फूलों का गुलदस्ता तैयार करते दूसरे चपरासी से-...  "भैया,  भेहन जी का योग पक्का ही लग रहा है .... गठबंधन हुआ तो भेहन जी ही बनेगी..
दूसरा- अरे वो तो भैया अभी से बन बैठी है,  देखा नहीं कल कितना जोर से फटकारा था सबको ,.. खामखां हम ऑफिस को चमका रहे है, "वो दिल्ली बैठेगी दिल्ली."... बस जरा अखिलेस बाबू मान जाये तो....

दफ्तर - 3, ममता जी तेजी से प्रवेश... दांये बांये दो लोग, .एक दौड़ते हुए, एक फोन पर - "हां जी हां.. बीजेपी का घमंड चुर हो गया है..  अगली बार पूरी खतम.. सबकी लड़ाई में मेडम की जीत होगी.. नेक्स्ट पीएम..
उधर से - ओके,  बहुत खूब, बधाई.. क्या राहुल जी मेडम के फेवर में है ??
"पता नहीं,  पर उनका नंबर तो नहीं आयेगा, ये पक्का है,  बाकि बड़े बड़े आपस में लड़ पड़ेगें और अपना चांस पक्का"... समझ रहे हो ना...
फोन पर बातें सुन रही मेडम मुस्कुराती है और सिर्फ थेंक्यू बोलती है...

दफ्तर -4,  ऑफिस की लग्जरी चेयर पर बैठे बाबू कॉफी खींच रहे है, कुछ हट्टे कट्टे कार्यकर्ता टेबल के सामने रखी थोड़ी कम लग्जरी कुर्सियों पर बैठे है, अखिलेश बाबू (कप नीचे रखते हुए) .. "जो यूपी को करना था वो अब देश करेगा.. मैंने कहा ना अक्ल आयेगी.. (हंसते है)
सामने बैठा व्यक्ति... "किस्मत दिल्ली बुला रही है सर".
सर- तो हमने कब मना किया है.. तैयार बैठे है..
फिर ठहाका..

दफ्तर -5, देश के प्रधानमंत्री का ऑफिस.. फाईलों में  खोये उस व्यक्ति को इस बार चपरासी ने हिम्मत करते हुए कहा..
सर सो जाईये.. दो बज रहे है.. सुबह आपकी मिटिंग भी है ... सात बजे.....
(परदा गिरता है)
(Kg kadam)




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