गुरूजंभेश्वर विश्वविद्यालय जनंसपर्क एवं विज्ञापन प्रबंधन विभाग में - ई-जनसंपर्क विषयक कार्यशाला आयोजित | ||
8 फरवरी - जनसंपर्कीय भाषा में महारत, सोशल मीडिया का जनसंपर्क के लिए प्रभावी इस्तेमाल, जनसंपर्क कर्मियों का अखबारों तथा मीडिया संगठनों से संबंधों एवं प्रबंधन समेत जनसंपर्कीय कला के विविध पहलुओं पर आज गुरूजंभेश्वर विश्वविद्यालय के जनंसपर्क एवं विज्ञापन प्रबंधन विभाग में आयोजित किए जा रहे- ई-जनसंपर्क विषयक कार्यशाला में मंथन हुआ। विभाग की अध्यक्षा डा. बंदना पाण्डे ने बताया कि जनसंचार केन्द्र (राजस्थान विश्वविद्यालय) के अध्यक्ष प्रो. संजीव भानावत ने जनसंपर्कीय भाषा में महारत हासिल करने के लिए जरूरी टिप्स दिए। प्रो. भानावत ने कहा कि भाषायी जनसंपर्क कर्मियों के लिए महत्त्वपूर्ण है। उन्होंने प्रभावी लेखन के गुर अपने विशेष व्या यान में बताए। प्रो. भानावत ने जनसंपर्क कर्मियों को अपने शब्दावली भंडार में वृद्धि करने की बात कही। प्रतिष्ठित लेखक तथा फीचर संपादक (दैनिक भास्कर, राजस्थान) विनोद भारद्वाज ने कहा कि मीडिया प्रबंधन एक कला है। जनसंपर्क कर्मियों को अखबारों के साथ सतत संबंधों की वकालत विनोद भारद्वाज ने की। कार्यशाला में ई-जनसंपर्क पर विशेष व्या यान महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक के जनसंपर्क निदेशक सुनित मुखर्जी ने दिया। सुनित मुखर्जी ने बताया कि सूचना प्रौद्योगिकी क्रांति के इस दौर में सोशल मीडिया- फेसबुक, ट्विटर, आदि का महत्त्व बढ़ गया है। सरकारी संगठन, कारपोरेट सेक्टर, शैक्षणिक संस्थान सोशल मीडिया नेटवर्क का इस्तेमाल अपनी सांगठितक जनसंपर्क के लिए कर सकते हैं। सुनित मुखर्जी ने कहा कि कनेक्टीविटी जनसंपर्कीय कला की लाइफ लाइन है। इसमें ई-जनसंपर्क सशक्त माध्यम है। कार्यशाला में आज कंप्यूटर विज्ञान की प्राध्यापिका मोनिका ने कंप्यूटर फंडामेंटल्स पर व्या यान दिया। उन्होंने कहा कि जनसंपर्क कर्मियों से की आईटी से जुडऩा होगा। व्या यान उपरांत प्रतिभागियों तथा विशेषज्ञों के मध्य इंटरैक्टिव सत्र भी आयोजित किया गया। हरियाणा के सूचना जनसंपर्क एवं सांस्कृतिक विभाग के सहयोग से आयोजित किए जा रहे इस पंचदिवसीय कार्यशाला में विभाग के प्राध्यापिका सुनयना, शील नीधि त्रिपाठी, संध्या, कंवलजीत, आदि ने सहयोग दिया। यह कार्यशाला 10 फरवरी तक आयोजित की जाएगी। |
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ई-जनसंपर्क कार्यशाला आयोजित
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