Monday, March 18, 2013
पत्रकारों की योग्यता और काटजू की चिन्ता
प्रेसपरिषदकेअध्यक्षन्यायमूर्तिमार्कण्डेयकाटजूकाकहनाहैकिमीडियाक्षेत्रकोव्यवसायकेरूपमेंअपनानेवालोंकेलिएन्यूनतमयोग्यतातयहोनीचाहिए।उनकेइसकथनपरइनदिनोंटीवी-अखबारोंमेंजोरदारबहसछिड़ीहुईहै।कलकेजनसत्तामेंकार्यकारीसम्पादकओमथानवीकाऔरआजकेदैनिकभास्करकेकिसीसंस्करण (बीकानेरकेमेंनहीं) मेंकवि-पत्रकारप्रियदर्शनकालेखहै, दोनोंनेबहुतसलीकेसेन्यायमूर्तिकेइसकथनकाविरोधकियाहै।पत्रकारिताकोव्यवसायकेरूपमेंअपनाचुकेऔररुचिरखनेवालोंकोइन्हेंजरूरपढ़नाचाहिए।दोनोंलेखोंकेलिएलिंकफेसबुकपरउपलब्धहैं।
न्यायमूर्तिकीकुछबातेंतार्किकतोकुछबातेंघोरअतार्किकलगतीरहीहैं।वेन्यायिकपेशेसेआयेहैंऔरतबकेउनकेकईफैसलेचर्चामेंभीरहेहैं।लेकिनजबसेउन्हेंप्रेसपरिषदकाअध्यक्षबनायागया, तबसेहीवेविवादोंमेंरहनेलगेहैं।जोबातवेमीडियाकेबारेमेंकहतेहैंकिवहांयोग्यलोगोंकीकमीहै, याअन्यक्षेत्रोंकेअनुशासनोंऔरविषयोंपरभीजबवेटिप्पणीकरतेहैंतोवेखुदशायदअपनामूल्यांकनकरनाभूलजातेहैंकिवहउसविषयविशेषपरटिप्पणीकरनेकीयोग्यतारखतेहैंकिनहीं।उनकेकथनोंसेलगताहैकिजोकहरहेहैंउनकेअनेकसन्दर्भोंकीजानकारीउन्हेंखुदकोहैहीनहींयाआधी-अधूरीहै।
इसमेंदोरायनहींकिमीडियामेंयोग्यलोगोंकीकमीहै।पत्रकारिताकेहीक्षेत्रमेंक्योंबल्किउन्हेंचलानेवालेमीडियाहाउसकेमालिकभीइसव्यवसायकेयोग्यहैंकिनहीं, यहभीएकबड़ाप्रश्नहै।अखबारोंऔरटीवीचैनलोंकेअधिकांशनयेमालिकोंयामालिकोंकीनईपीढ़ियोंकोइसव्यवसायकेअयोग्यकहाजासकताहै।लेकिनयहव्यवसायभीउसीसमाजकाहिस्साहैजिससमाजकेअन्यव्यवसायोंमेंअयोग्योंकायाव्यावसायिकमूल्यहीनताकाबोलबालाहै, फिरकहाजासकताहैकिमीडियासेहीमूल्योंकीउम्मीदक्योंकीजारहीहै? लोकतंत्रकाचौथापायामीडियाखुदबनायाकिसीनेउसेथरपाहैपतानहींलेकिनउसकामहत्त्वचौथेपायेसेकमनहींहै।इसलिएबार-बारयहउम्मीदेंकीजातीरहीहैंकिकमसेकममीडियाअपनेव्यावसायिकमूल्योंपरकायमरहेऔरवहांकाकामकरनेवालेलोगयोग्यहों।
सत्तारूपमेंपरिवर्तितहोतेइसव्यवसायमेंवेसबबुराइयांआतीजारहीहैंजोअन्यसभीसत्तारूपोंमेंआगईहैं।अबतोपत्रकारिताकीयोग्यताहीयहमानलीगईहैकिकौनकितनीकमाईकरवासकताहैयाकमाईमेंसहायकहोसकताहै।कोईभीव्यवसाययदिलालचमेंपरिवर्तितहोताजायेगातोउसकायहीहश्रहोगाजोमीडियाकाहोताचलाजारहाहै।रहीकोईयोग्यतातयकरनेकीबाततोतमामक्षेत्रोंकेडिग्रीऔरडिप्लोमाधारियोंकेपरखीलगाकरदेखलेंकिवेसचमुचमेंकितनेयोग्यहैं।बातसमाजमेंबदलावकीहै, मूल्योंकीस्थापनाकीहै, दक्षताकीहै।इनकीजरूरतबतानेऔरस्थापितकरनेकाएकमाध्यममीडियाभीहोसकताहै, इसलिएशायदन्यायमूर्तिकाटजू, ओमथानवीऔरप्रियदर्शनकेअलावाभीअन्यकईचिन्तितहैं।काटजूकीचिन्ताजायजहैपरचूंकिवेसम्बन्धितक्षेत्रोंकोपूरीतरहजानते-समझतेनहींहैंअतःसहीउपायउन्हेंनहींसूझरहाहैउपायकीओरओमथानवीऔरप्रियदर्शननेसंकेतकियाहैयहप्रश्नखड़ाकरकेकिसमाजकोसमझनेकीडिग्रीकहांसेआयेगी