🚩 *31 दिसंबर को केवल अंग्रेजी कैलेंडर बदलेगा, हमारा नव-वर्ष नहीं होगा* 🚩
आईये हम सभ भारतीय नव-वर्ष के बारे में जानें :
13 अप्रैल 2021 (प्रथम नवरात्रे) से भारतीय नववर्ष एवं विक्रम शक संवत्सर 2078 आरंभ होगा ! इसे हिन्दू नववर्ष भी कहा जाता है। इसके आरंभ के साथ ही नवरात्र भी प्रारंभ हो जाते हैं, बसंत ऋतु के आगमन का संकेत मिलने लगता है और वातावरण खुशनुमा एहसास कराता है। हिन्दू नववर्ष का आरंभ चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से होता है। ब्रह्मा पुराण के अनुसार सृष्टि का प्रारंभ इसी दिन हुआ था। ब्रह्माजी द्वारा सृष्टि की रचना प्रारम्भ करने के दिन से ही नव वर्ष का आरम्भ होना माना जाता है। इसी दिन से ही काल गणना का प्रारंभ हुआ था। सतयुग का प्रारंभ भी इसी दिन से माना जाता है।
इस नववर्ष से अोर भी कई अधिक ऐतिहासिक संदर्भ जुडे हुए हैं : जैसे:--
* मर्यादा पुरुषोत्तम राम जी का राज्याभिषेक दिवस।
* शक्ति की आराधना हेतु नवरात्र आरम्भ।
* महर्षी दयानन्द जी द्वारा आर्य समाज की स्थापना।
* राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के संस्थापक डा. केशव राव बलीराम हेडगेवार जी का जन्म दिवस।
* देव भगवान झूलेलाल जी का जन्म दिवस।
* धर्मराज युधिष्ठिर का राजतिलक आदि।
लेकिन बडे दुख: का विषय है कि आज नई पीढी भारतीय/हिंदू नववर्ष से एकदम अनभिज्ञ है, वह अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक पहली जनवरी को नया साल बडे ही जोशो-खरोश के साथ मनाती है, मगर भारतीय/हिंदू नव-वर्ष पर उनका ध्यान ही नहीं रहता है। आज आवश्यकता है तो इस बात की कि भारतीय/हिंदू नववर्ष का प्रचार-प्रसार ज्यादा से ज्यादा किया जाए ताकि नई पीढी का ध्यान इस ओर खींचा जा सके।
तो आइए हम जोर-शोर से अंग्रेजी केलेण्डर के मुताबिक 1 जनवरी को नया साल मनाने की जगह जोश व उमंग के साथ नव संवत्सर को नये साल का शुभारंभ कर भारतीय संस्कृति को अपनायें और पश्चमी संस्कृति का विरोध करें !
संस्कृति सबकी एक चिरंतन खून रगो मे हिन्दू है ।।
विराट सागर समाज अपना हम सब इसके बिन्दु है ।।।
वंदेमातरम् भारत माता की जय हो सत्य सनातन धर्म की जय हो ।
⛳ ⛳जय श्री राम