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किसानों के साथ साथ पत्रकारों का भी दमन

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किसानों के बाद अब निशाने पर पत्रकार / यशवंत सिंह


आज दड़बे से बाहर निकला. पता चला कि किसान आंदोलन कवर करने वाले युवा और प्रतिभाशाली पत्रकार मनदीप पुनिया को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है और इसके खिलाफ मीडियाकर्मी दिल्ली पुलिस के नए मुख्यालय न्यू दिल्ली पुलिस हेडक्वार्टर के सामने प्रदर्शन करने वाले हैं तो अपन भी चलने के लिए तैयार हो गए. साथी अजय प्रकाश से सहमति बनी कि वे मेरी तरफ से गुजरेंगे ताकि मैं भी उनकी कार में लद जाउंगा. तभी शीतल भइया का फोन आ गया कि वे मेरे घर आ रहे हैं. उनको मैंने अपना आगे वाला प्रोग्राम बताया तो वो भी तुरंत चलने को राजी हो गए. इस तरह दो गाड़ियों से हम तीन चार लोग निकल पड़े न्यू दिल्ली पुलिस हेडक्वार्टर.


रास्ते में तरह तरह की बैरिकेटिंग और अवरोध के कारण काफी घूमघाम व भटक कर प्रदर्शन स्थल पर अपन पहुंचे. वहां रोड जाम कर पत्रकारों की नारेबाजी चल रही थी. पत्रकार साथी लगातार आ रहे थे. पुलिस ने चारों तरफ से घेर रखा था. अपन वहां पहुंचते ही मोबाइल आन कर रिकार्डिंग शुरू कर दिए. हालांकि वहां जितने भी लोग थे उसमें से दो तिहाई से ज्यादा लोग रिकार्डिंग ही कर रहे थे. बचे एक तिहाई लोग असली प्रदर्शन कर रहे थे. यूट्यूब और फेसबुक चैनलों की मीडिया ने क्रांति मचा रखी है. स्थापित मीडिया हाउसों के नुपंसक और सत्ता परस्त होते जाने के कारण विकल्प के तौर पर सोशल मीडिया व वेबसाइट्स की पत्रकारिता जबरदस्त उंचाई पर है. इनकी विश्वसनीयता खूब बढ़ी है.


तो मौके पर मैंने वरिष्ठ पत्रकार शीतल पी सिंह जी और वरिष्ठ पत्रकार व साहित्यकार अनिल यादव जी से बातचीत कर उनके दृष्टिकोण को रिकार्ड किया. काफी अच्छी बातें बताईं इन लोगों ने. इनके वीडियो लिंक दे रहा हूं. तीसरा वीडियो प्रदर्शन स्थल के क्रियाकलापों का है. देखें और दिखाएं. गोदी मीडिया ये सब कहां दिखाता है. वहां तो किसानों को गद्दार बताने की होड़ मची है. वहां तो भाजपा की भाषा बोली जा रही है. वहां तो सत्ता के एजेंडे को एस्टैबलिश किया जा रहा है.


कुल मिलाकर आज का संडे सफल रहा. अच्छे मकसद के लिए सड़क पर उतरते हुए महसूस होता है कि हम लोकतंत्र को मजबूत कर रहे हैं. अभिव्यक्ति की आजादी के हथियार का इस्तेमाल कर रहे हैं. अन्याय के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के हक का इस्तेमाल में ला रहे हैं.


आईआईएमसी से पढ़े प्रतिभाशाली पत्रकार मनदीप पुनिया के बारे में मेरा मानना है कि मोदी जी ने उसे भी नेता बना दिया. बंदा हंसते मुस्कराते तिहाड़ जेल गया है. उसकी राजनीतिक ट्रेनिंग शुरू हो चुकी है. जैसे अन्ना आंदोलन ने बहुत सारे नए नेताओं को पैदा किया उसी तरह मोदी जी के दमनचक्र से बहुत सारे नेता निकलेंगे. इन सारे मुद्दों पर अनिल यादव ने काफी अच्छी बात बताई.


वीडियो देखें और अगर आप वहां नहीं पहुंचे हैं तो वीडियो देखते हुए खुद को वहां पाएंगे. अगर आप वहां नहीं गए हैं तो वीडियो को अपने चंद मित्रों तक पहुंचाकर मीडियाकर्मियों के विरोध प्रदर्शन के प्रति अपना समर्थन जता सकेंगे. 


https://www.bhadas4media.com/ab-patrakar-andolan-bhi-shuru/ 


https://youtu.be/P2kX8KnRu94 


https://youtu.be/HxB_BubcP5o 


 https://youtu.be/_liaTZS4cZw 


-यशवंत


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