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सैनिकों के समर्पण का अद्भुत गाँव हैं जाटूसाना

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देशभक्ति से लबरेज हैं सैनिकों का जाटूसाना 


 रेवाड़ी: भारतीय सेना में हर दसवां सैनिक हरियाणा का है. यही वजह है कि हरियाणा को भारत का टेक्सस कहा जाता है और इसकी बानगी देखने को मिली है रेवाड़ी के जाटूसाना गांव में. वैसे तो ये गांव दिखने में बाकी गांवों के जैसा ही है, लेकिन इस गांव की एक बहुत बड़ी खासियत है और वो है देश सेवा.

हर युद्ध में इस गांव के जवानों ने दिया योगदान
जाटूवास गांव के सैनिक पहले और दूसरे विश्व युद्ध में भी शहीद हुए हैं. शायद ये देश में अकेला ऐसा गांव होगा जहां के सौनिकों ने 1962, 65 और 71 की जंग में सीमा पर देश के लिए मोर्चा संभाला है.

ये है फौजियों का गांव जाटूसाना, देखें स्पेशल रिपोर्ट

जाटूसाना गांव की शान हैं रिटायर मेजर टीसी राव

कोसली विधानसभा क्षेत्र के गांव जाटूसाना गांव के रहने वाले ताराचंद यादव ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि उनके पड़दादा आर्मी में हवलदार थे, उसके बाद उनके दादा के पिता और फिर उनके पिता ने आर्मी में रहकर देश सेवा की है.

ये भी पढ़ें- भारतीय सेना के लिए 'जवानों की फैक्ट्री'रेवाड़ी, हर साल देश को देता है हजारों सैनिक

जब एक के बाद एक पीढ़ी ने देश सेवा के लिए आर्मी को चूना तो फिर ये छोटा सा बालक ताराचंद यादव भला पीछे कहां रहता. दसवीं की परीक्षा पास करने के बाद साल 1976 में भर्ती हुए डॉ. मेजर टीसी राव ने 1989 में चले ऑपरेशन पवन में बतौर प्लांनिग अधिकारी की भूमिका निभाई थी. वहीं 1999 में हुए कारगिल युद्ध में भी पाकिस्तान के दांत खट्टे करने में उनका अहम रोल था.

बचपन से ही युवाओं के दिल में फौजी बनने का सपना
इसके बाद मेजर टीसी राव आर्मी में रिटायर हो गए, लेकिन इसके बाद भी टीसी राव में देश सेवा का जुनून कम नहीं हुआ. उन्होंने अपने गांव में समाज सेवा शुरू की. साथ ही वो अब अपने जिले के युवाओं को आर्मी में जाने के लिए प्रेरित करते हैं. यहां का युवा भी अपने बुजुर्गों से प्रेरणा लेकर आर्मी में भर्ती होना चाहता है.

17 हजार 500 से ज्यादा जवान ऑन सर्विस
भारतीय सेना में ऑन सर्विस 17 हजार 500 से ज्यादा जवान अपनी सेवा दे रहे हैं. भारतीय सेना के लिए साल के हर तिमाही में चरखी दादरी कार्यालय से भर्ती की जाती है. जिसमें रेवाड़ी जिले से प्रति हर साल 1400 से 1500 तक जवान भर्ती होते हैं.

जिले में 5 हजार 848 रिटायर्ड जवान
जिले में 5 हजार 848 जवान रिटायर होकर पेंशन ले रहे हैं. आंकड़ों के हिसाब से देश की आर्मी में रेवाड़ी जिले के 111 अधिकारी और 4 शहीदों की विधवाएं पेंशन का लाभ उठा रहीं हैं. द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान के भारतीय सेना के 20 जवान और 42 शहीदों की विधवाएं सेना भत्ते का लाभ ले रहीं हैं.


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