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Channel: पत्रकारिता / जनसंचार
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देवदूत की तरह सेवा में लगे हैं ये फ़रिश्ते / विवेक शुक्ला

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 फरिश्तों को देखिए,लड़ते कोरोना  से  / विवेक शुक्ला


मत कहिए कि दिल्ली में फऱिश्ते नहीं हैं। यकीन मानिए,ये हमारे करीब ही हैं। आप इन्हें देखिए-पहचानिए। ये अपना फर्ज निभा रहे हैं। कोरोना की दूसरी लहर के असर से दिल्ली अस्पताल के एक अदद बेड से लेकर ऑक्सीजन, दवाओं वगैरह के लिए कराहने लगी तो सामने आ गए ये फरिश्ते।


नवभारत टाइम्स और हिन्दुस्तान टाइम्स  में सेहत से जुड़े मामलों पर लगातार लिखने वाली Nishi Bhat  ने अपने संबंधों-संपर्कों के चलते दर्जनों रोगियों को राजधानी-एमसीआर के अलग-अलग अस्पतालों में बेड दिलवाए हैं। निशी कोरोना रोगियों के परिवारवालों से लगातार बात कर रही हैं। उनका वाट्स एप स्टेटस चेक करिए। वो रात के दो बजे भी आन लाइन हैं और सुबह पांच बजे भी।


यही काम Sarjana Sharama  भी कर रही हैं। वो दिग्गज पत्रकार हैं। उन्होंने भी अनेक  लोगों को अस्पतालों में बेड दिलवाए। वे जाने अनजाने सब लोगों के साथ खड़ी रही हैं । सर्जना जी प्रिंट और टीवी की दुनिया का बेहद खास नाम है। उर्दू और हिन्दी के पत्रकार A N Shibli  ने भी अपनी कलम दवात को रख दिया है । वे ओखला में लोगोँ की दिन रात दवाएं दिल्वाने में मदद कर रहे हैं ।


इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष रहे डा.विनय अग्रवाल भी दिन-रात रोगियों को बेड दिलवाते रहे हैं। रोगियों के संबंधियों से फोन और वाट्स एप पर बात कर रहे हैं। उन्हें सब ठीक होने का वादा-भरोसा दे रहे हैं। कहने लगे- “ इस दिल्ली ने मुझे क्या नहीं दिया। अब जब मेरे शहर के लोग संकट में हैं,तो मैं सब कुछ निर्विकार भाव से नहीं देख सकता था।” फिर वे यह भी कह देते हैं कि “ये सब लिखना नहीं।”पर उन पर लिखा तो जाएगा।


 साउथ दिल्ली के निजामउद्दीन एरिया के सोशल वर्कर Shaikh Jilani , जामिया में टीचर मोहम्मद फैजान  और इनके दोस्तों के एहसान को दिल्ली याद रखेगी। ये जरूरतमंदों के लिए लगातार ऑक्सीजन के सिलेंडर की व्यवस्था कर रहे हैं। इन्होंने सिलेंडर देते हुए रोगी की जाति और मजहब को नहीं देखा।  ओखला से विधायक रहे आसिफ खान ने भी यह काम खूब किया। आसिफ मोहम्मद खान के पास जो आया उसकी मदद की गई।


 और गोल मार्किट के पुराने तपे हुए सामाजिक कार्यकर्ता प्रीतम धारीवाल कौन से कोरोना से डरे हैं। वे इस समय भी गोल मार्किट इलाके में घर-घर जाकर लोगों से वैक्सीन लगवाने का आग्रह कर रहे हैं। उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर दो जगहों में मुफ्त में वैक्सीन लगवाने की व्यवस्था भी की है। इन जैसों की वजह से तो अच्छी लगती है दिल्ली।


 उधर, अपोलो अस्पताल के प्लास्टिक सर्जन डा.अनूप धीर Anup Dhir, Dr Gyan Prakash Aggarwal   तथा ईस्ट दिल्ली के ईएनटी स्पेशलिस्ट डा.अमित पाल सिंह सुबह-शाम दिल्ली को फोन पर कोरोना से लड़ने के लिए जरूरी दवाएं बता रहे हैं। इनका भी फिलहाल सोने-जगने का कोई समय नहीं है। ये सेवा मुफ्त में हो रही है। इस तरह के राजधानी में ना जाने कितने डाक्टर हैं। ये सब कोरोना जैसे डरावने वायरस के गले में अंगूठा देने के लिए तैयार है।


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