1. माध्यम तय करती है भाषा- पत्रकारिता करते समय आप किस तरह की भाषा का प्रयोग कर रहे हैं, यह आपकी पत्रकारिता के माध्यम पर निर्भर करता है. जैसे- अगर आप आपका माध्यम रेडियो है तो
- आपकी भाषा ज्यादा सरल होनी चाहिए
- आप जाने-माने याने प्रचलित शब्दों का प्रयोग करें
- आपके वाक्य छोटे-छोटे और चुटीले हों
- यहां आप प्रयोग कर सकते हैं.
- आप अप्रचलित शब्दों का प्रयोग कर सकते हैं.
- यहां आप जटिल वाक्यों और विश्लेषणों का सहारा ले सकते हैं.
- आपकी वर्तनी सही और वाक्य संचरना संतुलित हों.
- टेलीविजन के परदे पर का पाठ्य वर्तनी की दृष्टि से सही हों
- आपकी की साफ हो
- उच्चारण सही हों, मसलन ड़ ड और में फर्क, श, स और ष में फर्क, एकार और ऐकार में अंतर, ओकार और औ-कार में फर्क
- कम से कम शब्दों से काम चलाया जा सकता है
- यहां भी वाक्य छोटे, सरल और संतुलित हों
- एकबार फिर, यहां परदे पर दिखने वाले पाठ्य अहम होते हैं इसलिए इनकी वर्तन शुद्ध हों.