इनको टीवी सीरियल के दर्शक भाभीजी घर पर हैं के सक्सेनाजी के तौर पर भली भांति जानते हैं। फिल्मों में भी अपना अच्छा मुकाम हासिल करने की दिशा में बहुत हद तक सफल हैं।
कानपुर के इस बहुगुणी प्रतिभा के व्यक्ति का नाम सानन्द वर्मा Saanand Verma है।
कल इनको दादा साहेब फाल्के आईकन अवार्ड मिला है, बहुत बहुत बधाई और सुनहरे भविष्य की शुभकामनाएं।
मैं इनको 1991 से जानता हूँ तब ये दैनिक जागरण के दिल्ली संस्करण में रिपोर्टर थे। कलाकार स्वभाव होने से मेरे करीबी बन गए। मैं 92 में नईदुनिया ( भोपाल) का ब्यूरो चीफ बना तो चुलबुले सानन्द को भी साथ ले गया।
पत्रकारिता में भाई का मन लगता नहीं था। दिल इनका तब भी अभिनय के लिए धड़कता था और धुन के पक्के होने से आखिरकार दिल्ली दरबार छोड़कर मायानगरी पहुंचे और अपनी जगह बना ही ली।
इसके लिए कितना संघर्ष किया होगा यह बताने की जरूरत नहीं है। बहुत खुशी होती है छोटे भाई स्वरूप सानन्द को आनन्द में देखकर। छा जाओ💐🎉🎉
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