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चक्रासन के लाभ* / चित्रा फूलोरिया

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*चक्रासन के लाभ* 


 *पेट की चर्बी कम करे :  पेट की चर्बी को कम करने का एक बेहतरीन योगाभ्यास है। इस आसन में इतनी क्षमता है कि  पेट की चर्बी को कम करते हुए इसे सामान्य कर दे। एक सप्ताह के अंदर ही अंतर आने लगेगा।

 *बुढ़ापे को रोके : चक्रासन की नियमित प्रक्रिया युवावस्था को बरकरार रखती है। बुढ़ापे में कमर नहीं झुकती अर्थात उम्र बढ़ने की प्रक्रिया के दुष्प्रभावों को यह अभ्यास धीमा कर देता है।

 *त्वचा की सुंदरता के लिए:* इस आसन में जब हम अपने सिर को नीचे लटकाते हैं तो खून का प्रवाह अधिक होता है जो चेहरे में निखार लाता है।

 *रीढ़ की हड्डी की समस्या में रामबाण:* आज की जीवन शैली में अक्सर लोग स्पाइन की समस्याओं से जूझ रहे हैं।  लेकिन चक्रासन का अभ्यास मेरुदंड से जुड़ी परेशानियों को दूर कर सकता है। यह रीढ़ की हड्डी को लचीला एवं मजबूत बनाता है। सर्वाइकल की समस्या को दूर करने के लिए यह रामबाण उपाय है।

 *कमर पतली करने के लिए :  मोटी कमर को कमरा से वापस पतली कमर बनाने में चक्रासन का अभ्यास महत्वपूर्ण सिद्ध होता है।

 *छाती और फेफड़ों के लिए : इससे छाती चौड़ी होती है और फेफड़ों से सम्बंधित विकारों को दूर करता है।

 *कंधों के लिए : यह कंधों, हाथों एवं घुटनों को मजबूत बनाता है।

 *पाचन तंत्र के लिए : हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में पाचन तंत्र की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। चक्रासन का नियमित अभ्यास पाचन संबंधी गड़बड़ियों  को दूर करता है।

 *स्वस्थ हृदय :*  यह हृदय को स्वस्थ व सक्रिय रखता है।

 *मानसिक तनाव को दूर भगाए : डिप्रेशन, चिंता और तनाव जैसी मानसिक समस्याओं को कम करने में चक्रासन कारगर सिद्ध होता  है।  

*थायरॉइड : थायरॉयड की समस्या को कम करता है और उसके लक्षणों को बढ़ने नहीं देता। 

 *रोग प्रतिरोधक क्षमतावर्धक : चक्रासन करने से हमारे शरीर में रक्त संचरण कुछ इस प्रकार होता है कि शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होने लगता है जिससे इंफेक्शन होने का खतरा कम हो जाता है।

 *शरीर में स्फूर्ति : चक्रासन हमारे शरीर को संपूर्ण स्फूर्ति से भर देता है। 

 *पुष्ट मांसपेशियां : चक्रासन करने से मांसपेशियां मजबूत होती हैं जिसके कारण हाथ, पैर और कंधे चुस्त दुरुस्त होते है |

 *शक्ति वर्धक : चक्रासन करने से लकवा, शारीरिक थकान, सिरदर्द, कमर दर्द तथा आंतरिक अंगों में होने वाले दर्द से मुक्ति मिलती है। 

 *अन्य लाभ : 

चक्रासन से रक्त का प्रवाह तेजी से होता है| मेरुदंड तथा शरीर की समस्त नाड़ियों का शुद्धीकरण होकर यौगिक चक्र जाग्रत होते हैं|

 *चक्रासन करने में सावधानियां* 

यह आसन थोड़ा कठिन है कभी  भी इसे जबरदस्ती नहीं करना चाहिए, धीरे-धीरे अभ्यास के साथ आगे बढ़ना चाहिए।

उच्च रक्तचाप, हृदय की समस्याओं और चक्कर आने की स्थिति में इसे न करें। 

पेट में सूजन आने तथा हर्निया से पीड़ित व्यक्तियों को यह आसन नहीं करना चाहिए।

अधिक कमर दर्द में भी इसका अभ्यास न करें।


 Chitra Phuloria. Certified A label Yoga Trainer,  Ministry of Skill Development and Entrepreneurship, Government of India & Patnjali Haridwar


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