नागालैंड की राजधानी कोहिमा है, लेकिन डीमापुर राज्य का सबसे बड़ा शहर और प्रमुख वाणिज्यिक केंद्र है। यह शहर देश के अन्य भागों से रेल और हवाई मार्ग से जुड़ा है। यही वजह है कि यह शहर असम के बड़े शहरों सा ही प्रतीत होता है जहां देश के सभी राज्यों के लोग देखने को मिल जाएंगे।
अपने नागालैंड यात्रा के दौरान 3 दिन डीमापुर में भी रही। एक दिन लिया (जिस फार्म हाउस में रुकी, वहां की केयरटेकर) के 11 वर्षीय बेटे के साथ ऑटो से शहर घूमने का मन बनाया। न्यू मार्केट और हांगकांग मार्केट की ओर जाते वक्त एक पुराना मार्केट नजर आया तो वहां रुके। दुकानदारों से पता चला कि इस मार्केट का नाम ‘सुपर मार्केट’ है। वैसे तो यह काफी पुराना डेली मार्केट है लेकिन प्रत्येक बुधवार को इसी स्थान पर साप्ताहिक बाजार भी लगता है जिसमें दूरदराज के ग्रामीण अपने जैविक उत्पाद, पौधे और तरह तरह के जीव-जंतु ब्रिकी करने आते हैं। सुबह-सवेरे ही यह मार्केट सज जाता है जो देर शाम तक खुला रहता है।
इस मार्केट में एक स्टॉल देखा जो डोनट की तरह पूड़ी का था। पूछने पर पता चला कि उसे लोग नागा रोटी या नागा पूड़ी भी कहते हैं। यह आटे या मैदे के बजाय चिपचिपे चावल के आटे से बनी होती हैं जिसके बीच में छेद किया जाता है। स्टॉलों में अनाज, फल-सब्जियां भले ही कम थीं, लेकिन सभी ने बड़े ही करीने से अपनी दुकानें सजा रखी थीं। वहीं, यह बात भी समझ आई कि यहां के लोग जीवित जीव-जंतु खरीदना ज्यादा पसंद करते हैं। खास बात यह भी रही कि ज्यादातर लोग हिन्दी समझ रहे थे। और असमिया भाषा से मिलती जुलती भाषा होने के कारण ‘नागालिम’ मैं भी समझ पा रही थी।
नागा लोगों का मुख्य आहार चावल, दालें, बीन्स, उबली हरी पत्तेदार सब्जियां, दुनिया की सबसे तीखी मिर्च ‘नागा चिली’ की चटनी, सूखी और नमकीन मछली, मुर्गियां, सूअर यानी पोर्क आदि हैं। कुल मिलाकर यदि आप शाकाहारी हैं तो भी आपको सभी छोटे-बड़े होटलों में नॉन वेज आइटम के साथ दाल, चावल, चटनी तो कम से कम खाने को मिल ही जाएगी। फिर भी यदि आपको शुद्ध शाकाहारी भोजन ही चाहिए तो तमाम बड़े होटल और रिसोर्ट हैं जहां आप निःसकोच बुकिंग करा सकते हैं। या अपने टूर ऑपरेटर्स से कंसल्ट कर सकते हैं। वैसे सुपर मार्केट से सटा होटल सारामति यहां के अच्छे होटलों में से एक है।