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Channel: पत्रकारिता / जनसंचार
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❤ DR. रामजी लाल जांगिड़ की पत्रकारिता में योगदान और कुछ छात्रों की टिप्पणी

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प्रो. रामजी लाल जांगिड़ की पत्रकारिता में योगदान और कुछ छात्रों की टिप्पणी ❤



रामजी लाल जांगिड़: 

मंगलवार  २३ अप्रैल २०२३           


  वर्ष १९७९ में मैने भारतीय जनसंचार संस्थान, नई दिल्ली में भारतीय भाषा पत्रकारिता विभाग की स्थापना की। पूरे देश में ये अपनी तरह का पहला और अनोखा प्रयास था। वर्ष १९८० से १९८७ तक मैने इसमें हिंदी, उर्दू, गुजराती, मराठी और ओडिया अर्थात पांच भारतीय भाषाओं में पत्रकारिता तथा जनसंचार के अब तक उपेक्षित रहे पक्षों की नई दिल्ली, जयपुर, वाराणसी, भावनगर, अहमदाबाद, औरंगाबाद, भुवनेश्वर और नागपुर में शिक्षा दी।

 इससे गांव और कस्बों की युवतियों और युवकों को नई दिशा मिली। इन आयोजनों से मैं उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, गुजरात और दिल्ली के युवा पत्रकारों को एशिया के सर्वश्रेष्ठ मीडिया शिक्षा केंद्र से जोड़ सका। इन राज्यों के सैकड़ों युवा पत्रकारों को रोजगार व अपने अपने क्षेत्रों में पहचान मिली। इनमें से बहुतों ने अपनी मेहनत और दक्षता के बल पर राष्ट्रीय और राज्यों के स्तर पर यश प्राप्त किया। इनमें से अधिकांश से मैं दशकों बाद भी जुड़ा हूं। 

परसों मैंने १९८१ (४२ वर्ष पहले)  के छात्र दयानंद वत्स की उपलब्धियों की  कई आभासी मंचों और समाचार पत्रों में चर्चा की थी। कल रात को वर्ष १९८१ के छात्र उमेश मेहता का ४० साल बाद फोन आया था। वह मेरी छात्रा उमा हरित से आधा घंटे तक मेरी चर्चा करके गदगद थे। उर्मिला भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय में निदेशिका हैं।उमेश का कहना था कि ज्योंहि उन्होंने कहा कि मैं डा जांगिड का शिष्य हूं, त्योंहि उमा ने कहा कि मैं भी डा जांगिड के आशीर्वाद से ही डायरेक्टर बन पाई हूं। उर्मिला शुरू से ही विनम्र और मेधावी रही हैं। 

आज प्रातः वर्ष १९८७ _ ८८ बैच के छात्र शशिकांत वत्स से फोन पर बात हुई। दोपहर को वर्ष १९८७_ ८८ बैच के ही दो छात्र नोएडा स्थित मेरे आवास पर मिलने आए। जगदीश चंद्र आर्य पिछले ३५ वर्षों से पत्रकारिता और राजभाषा हिन्दी का योद्धा है। दिल्ली मेट्रो में हिन्दी में जो भी घोषणाएं होती हैं, वे सभी जगदीश ने लिखी हैं। वह उच्चतम न्यायालय में वकील बन गया है। उसने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय से पीएचडी की है। वह पंजाब विश्वविद्यालय, अतिथि गृह के संस्थापकों में भी शामिल है। अन्य संस्थापक हैं डा मनमोहन सिंह, सुषमा स्वराज, पवन बंसल आदि। उसके साथ था अनामी शरण बबल। अनामी ने अपना कविता संग्रह कोई अपना होता और अपनी पत्रिका सृजन मूल्यांकन का २०१९ का विशेषांक भेंट किया। अनामी स्वर्गीय मुलायम सिंह का मित्र रहा है। वह मेरी जीवनी लिखना चाहता है, इसके लिए उसने तीन घंटे मेरा इंटरव्यू लिया। अनामी मधुबाला पत्रकारिता संस्थान में पत्रकारिता भी पढ़ाता था। यह संस्थान गुरू गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय से जुड़ा है। 

मधुबाला मेरी धर्मपत्नी स्वर्गीय डा सत्या जांगिड की छात्रा थी, कमला नेहरु कालेज ( दिल्ली विश्वविद्यालय में)। मधु दूरदर्शन में प्रोड्यूसर थी। बाद में उसने विदेश से प्रशिक्षण लिया। फिर एनसीईआरटी से जुड़ गई। अंत में अपने नाम से मीडिया शिक्षा संस्थान खोल दिया। उसके पति प्रो जुल्का अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में कैंसर के विख्यात चिकित्सक रहे हैं। सेवा निवृत्त होकर मैक्स अस्पताल से जुड़ गए हैं। 

मैंने उन्हें दस चीजें खिलाई। उनके लिए हुए चित्र संलग्न है।                     

 डा राम जी लाल जांगिड


कुछ टिपण्णी 


रामजी लाल जांगिड़: great,,,proud of u


रामजी लाल जांगिड़: शानदार लिखा है विकास ने, वैसे, आपकी शख्सियत का कोई सानी नहीं है सर।



 रामजी लाल जांगिड़: सर हम गर्व करते है कि आपसे हमे पढने का मौका मिला... आपसे मिले ज्ञान ने हमे जीवन और कैरियर मे रास्ता दिखाया.

: जांगिड सर प्रणाम ,


आप हमारे प्रेरणास्रोत रहें है। आपकी कार्यशैली हमेशा से चेतना का स्त्रोत रही है। आपके प्रति हमारा आदरभाव सदैव रहेगा। भाषाई पत्रकारिता पर आपका कार्य अनमोल है। 


प्रोफ़ेसर सुधीर गव्हाणे, पूर्व कुलपति, YCMOU , Nashik & MGM U -Aurangabadरामजी लाल जांगिड़: नमस्ते प्रोफेसर साहब। आपके अच्छे स्वास्थ्य की हार्दिक मंगलकामनाएं। आपके विद्यार्थियों की आपसे मिलने पर खुशी देखकर अच्छा लगा। यही अच्छे शिक्षक की कमाई है।.. 

प्रोफेसर राजबीर सोलंकी पूर्व कुलपति।🙏


रामजी लाल जांगिड़: आप तो हमारे रचयिता हैं सर। एक पत्रकार के तौर पर हमारी नींव गढ़ते हुए पत्रकारिता का ककहरा सिखाया और सोपान के सफर का जोश, जज्बा, जुनून रोपा। जीवन में जो कुछ भी हासिल कर पाया, उसमें आपका योगदान अमूल्य है। आपको बारम्बार प्रणाम🙏🙏



Anil Bhaskar, Former Resident Editor, Hindustan(Hindi Daily), Ranchi, Jharkhand


 रामजी लाल जांगिड़: Sir 

We want to be as Guest Speaker in IIMT if possible for you.


रामजी लाल जांगिड़: 🌹🙏🙏🙏आपकी इन उल्लेखनीय उपलब्धियों पर हम सबको गर्व है। ईश्वर आपको शतायु करें और आपको जीवन में सदा प्रसन्न व स्वस्थ रखें। आपका जीवन हम सबके लिए एक प्रेरणा श्रोत है। श्री राधे।🌹


रामजी लाल जांगिड़: Sir 

We want to be as Guest Speaker in IIMT if possible for you.


 रामजी लाल जांगिड़: 🌹🙏🙏🙏आपकी इन उल्लेखनीय उपलब्धियों पर हम सबको गर्व है। ईश्वर आपको शतायु करें और आपको जीवन में सदा प्रसन्न व स्वस्थ रखें। आपका जीवन हम सबके लिए एक प्रेरणा श्रोत है। श्री राधे।🌹


रामजी लाल जांगिड़: अद्भूद संस्मरण. सलूट आपको और आपके मेधावी छात्रों को.


🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏


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