Quantcast
Channel: पत्रकारिता / जनसंचार
Viewing all articles
Browse latest Browse all 3437

जनवाणी के 25 साल

$
0
0




जनवाणी के 25 साल: मनेगा जश्न, उठेगा सवाल
visfot news network
image
1985 में दूरदर्शन पर शुरू हुए जनवाणी कार्यक्रम के 25 साल पूरे हो चुके हैं. इलेक्ट्रानिक मीडिया के इतिहास में पहली बार जनता को सीधे नेता से बात करने का मौका देनेवाले जनवाणी कार्यक्रम को याद करने के लिए दिल्ली में एक कार्यक्रम का आयोजन किया है. यह कार्यक्रम टाइम्स फाउण्डेशन और द संडे इंडियन ने संयुक्त रूप से आयोजित किया है.
जनवाणी कार्यक्रम ने भारतीय मीडिया में एक क्रांतिकारी प्रयोग किया था जिसे आज तक याद किया जाता है. जन अभिव्यक्ति की उसी आजादी पर सार्थक बहस करने के लिए दिल्ली के कमानी सभागार में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. इस कार्यक्रम में प्रमुख वक्ता के तौर पर टीवी पत्रकारिता की जानी मानी हश्तियां उपस्थित रहेंगी. इनमें प्रभु चावला, सतीश जैकब, सीमा मुश्तफा, एन के सिंह, राहुल देव, आशुतोष, पुण्य प्रसून वाजपेयी, उर्मिलेश, अजीत अंजुम, संजय अहिरवाल, मुकेश कुमार और वर्तिका नंदा उपस्थित रहेंगी. इन हस्तियों के अलावा अमर उजाला के समूह संपादक अजय उपाध्याय, दूरदर्शन के महानिदेशक लीलाधर मंडलोई भी मौजूद रहेंगे.
ये हस्तियां जश्न मनाने के साथ साथ इस बात पर गंभीर चिंतन भी करनेवाली हैं कि जनवाणी ने जो एक बुद्धू बक्से के जरिए जनवादी पत्रकारिता की जो उम्मीद पैदा की थी, वह आज बुद्धिमान बक्सों के ढेर लग जाने के बाद भी पूरी क्यों नहीं हो ा रही है. कार्यक्रम के संयोजक तथा संडे इंडियन हिन्दी के कार्यकारी संपादक ओंकारेश्वर पाण्डेय का कहना है कि इस बात पर गंभीर विमर्श करने की जरूरत है कि पच्चीस साल पहले सरकारी नियंत्रण वाले एक चैनल ने आम आदमी को आजादी का जो अहसास कराया था, उसका आखिर ऐसा क्या दुरूपयोग हुआ कि आज पच्चीस साल बाद सरकार निजी चैनलों पर सरकारी लगाम लगाना चाहती है.
कार्यक्रम मंडी हाउस के कमानी सभागार में आयोजित किया गया है. इस जश्न में आप भी शामिल होना चाहते हैं तो आयोजकों की तरफ से आपका स्वागत है.

Viewing all articles
Browse latest Browse all 3437

Latest Images

Trending Articles



Latest Images

<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>