प्रस्तुति-- राहुल मानव
बनारस अख़बारका प्रकाशन जनवरी, 1845 में हुआ। यह अख़बार गोविन्द नारायण थत्ते के सम्पादन में उत्तर प्रदेशसे प्रकाशित हुआ। अख़बार के संचालक राजा शिवप्रसाद सितारेहिन्द थे। अधिकांश लोग इस अख़बार को ही हिन्दीका पहला अख़बार मानते हैं। किंतु इसे हिन्दी भाषी क्षेत्र का प्रथम समाचार पत्र माना जा सकता है।
अरबी तथा फ़ारसी शब्दों का प्रयोग
देवनागरी लिपिके प्रयोग के बावजूद इस अख़बार में अरबीऔर फ़ारसी भाषाके शब्दों की बहुतायत थी, जिसे समझना साधारण जनता के लिए एक कठिन कार्य था। पंडित अंबिका प्रसाद वाजपेयीने लिखा है कि "बनारस अख़बार की निकम्मी भाषा का उत्तरदायित्व यदि किसी एक पुरुष पर है तो वे राजा शिवप्रसाद सिंह हैं।"बनारस से ही 1850 में तारा मोहन मैत्रेय के संपादन में ‘सुधाकर’ पत्र का प्रकाशन प्रारंभ हुआ। यह पत्र साप्ताहिक था तथा बंगलाएवं हिन्दीदोनों भाषाओं में प्रकाशित होता था। भाषाकी दृष्टि से समाचार पत्र 'सुधाकर'को हिन्दी प्रदेश का पहला पत्र कहा जाना अधिक उपयुक्त है। 1853 में यह पत्र सिर्फ हिन्दी में ही छपने लगा था।अन्य अख़बार
'बनारस अख़बार'एवं 'सुधाकर'के बाद कुछ अन्य अख़बारों का भी प्रकाशन हुआ, जिनके नाम निम्नलिखित हैं-- 'मार्तण्ड' (11 जून, 1846)
- 'ज्ञान दीपक' (1846)
- 'जगदीपक भास्कर' (1849)
- 'सामदण्ड मार्तण्ड' (1850)
- 'फूलों का हार' (1850)
- 'बुद्धिप्रकाश' (1852)
- 'मजहरुल सरुर' (1852)
- 'ग्वालियर गजट' (1853)
- 'मालवा अख़बार' (1894)