प्रस्तुति-- स्वामी शरण
एक किताब का किसी बिस्तर के सिरहाने होना 2014: कहानी-उपन्यासों से इतर हिंदी किताबें 2014: इस साल हिन्दी उपन्यासों का हाल 2014: दलित साहित्य में क्या रहा खास 2014: नारीवादी हिन्दी साहित्य 2014: साल के उल्लेखनीय कविता संग्रह'दिल के भरे रिवाल्वर की बेचैनी का ज़ोर''साहित्य की बौद्धिकता ख़तरे में है'अतीत को तलाशने की कोशिश है 'कई चांद थे सरे आसमां'वरिष्ठ कथाकार अमरकांत का देहांत
जूते की ज़द में आए 10 नामी चेहरे
एक किताब का किसी बिस्तर के सिरहाने होना
किताबों के ज़रिए किसी भाषा के सफ़र को नापना शायद न वाजिब है न काफ़ी, पर ज़रूरी तो है. किसी भी ज़िंदा समाज की नब्ज़ उसकी किताबों के ज़रिए परखी जा सकती है, इसलिए उसपर बातचीत और बहस ज़रूरी हैं. पढ़ें, 2014 के हिन्दी साहित्य पर विशेष लेख.
- 26 दिसंबर 2014
2014: कहानी-उपन्यासों से इतर हिंदी किताबें
साल 2014 में कविताओं कहानियों से इतर क्या छपा है?
- 29 दिसंबर 2014
2014: इस साल हिन्दी उपन्यासों का हाल
साल के पाँच उपन्यासों के बहाने हिन्दी फ़िक्शन पर गिरिराज किराडू.
- 31 दिसंबर 2014
2014: दलित साहित्य में क्या रहा खास
इस साल प्रकाशित दलित साहित्य से समाजशास्त्री बद्रीनारायण का चयन.
- 28 दिसंबर 2014
2014: नारीवादी हिन्दी साहित्य
निर्भया कांड के बाद आंदोलित समाज में नारीवादी हिंदी लेखन.
- 27 दिसंबर 2014
2014: साल के उल्लेखनीय कविता संग्रह
साल 2014 में प्रकाशित हिन्दी कविता संग्रहों से कवि लाल्टू का चयन.
- 26 दिसंबर 2014
'दिल के भरे रिवाल्वर की बेचैनी का ज़ोर'
मुक्तिबोध की 50वीं पुण्यतिथि पर कवि ज्ञानेंद्रपति.
- 11 सितंबर 2014
'साहित्य की बौद्धिकता ख़तरे में है'
कवि एवं उपन्यासकार विनोद कुमार शुक्ल से बीबीसी की बातचीत.
- 1 जनवरी 2014
अतीत को तलाशने की कोशिश है 'कई चांद थे सरे आसमां'
उर्दू के मशहूर साहित्यकार शम्सुर्रहमान फ़ारूक़ी से बातचीत.
- 15 जनवरी 2014
वरिष्ठ कथाकार अमरकांत का देहांत
अमरकांत ने हिन्दी को अपनी कहानियों और उपन्यासों से किया समृद्ध.
- 17 फरवरी 2014
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