चीन की पत्रकारिता के चरितार्थ
शंघाई अंतरराष्ट्रीय अध्ययन विश्वविद्यालय SISU की पत्रकारिता स्नातककोत्तर की छात्रा दिशा(वांग होंग्यू ) हिंदी आनर्स में स्नातक है । उन्होंने चीन के सियान अंतरराष्ट्रीय अध्ययन विश्वविद्यालय और भारत के पुदुचेरी पांडिचेरी विश्वविद्यालय में भी अध्ययन किया।
हिंदी और भारत को जानने के कारण उनको भारत के प्रति उतनी ही चिंता है जितनी किसी भी भारत के शुभचिंतक हो सकती है।
भारतीय फिल्मकारों और अदाकारों ने जब एक गीत भारत के जल्दी स्वस्थ होने, सुखी होने, आनंद में होने की कामना के साथ गाया तो चीन में भी उसका प्रचार शुरू हो गया। चीनी लोग अपना सुर मिलाने लगे।
क्या दुनिया इस संकल्पना के साथ आगे बढ़ सकती है कि हम सीमाओं के बाहर दुख में एक दूसरे के साथी बनें और सभी के स्वस्थ होने की कल्पना भी करें। यह उन लोगों के लिए भी सूचना है जो घृणा के माध्यम से स्वयं को स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं।
भगवान बुद्ध ने भारत से जो प्रेम और त्याग का संदेश दिया और दुनिया में इसलिए फैला क्योंकि उससे लोग एक दूसरे के समीप आए पूर्वी एशिया और चीन उसका विशेष उदाहरण है। आज हमें दुनिया के साथ अपने कल्याण की बात सोचने वाले लोगों की जरूरत है। अकेले अपनी खुशी, अपना कल्याण, अपना लाभ अपना स्वास्थ्य, अपने लिए ऐश्वर्य चाहने वालों के बजाय सबके खुशी में शामिल होने वालों की जरूरत है ।
मैं दिशा (वांग होंग्यू )की भावना को भारतीय पाठकों तक पहुंचाने का प्रयास कर रहा हूं, जैसे अनेक चीनी शिक्षक , विद्यार्थी और समाज के लोग पसंद कर रहे हैं। आशा है लोगों को मेरा यह प्रयास अच्छा लगेगा।
भारत कोरोना से जल्दी मुक्त हो , यह कामना चीन में चीनी माध्यमों में चीनी लोग कर रहे हैं । प्रेम से दुनिया जीतो, घृणा से नहीं ।
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