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फेसबुक

फेसबुक

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प्रकारनिजी कंपनी
स्थापनाकैम्ब्रिज, मासाचुसेट्स, संयुक्त राज्य[1]
संस्थापकमार्क ज़कर्बर्ग
एदुआर्दो सॅवेरिन
डस्टिन मॉस्कोविट्ज़
क्रिस ह्यूएस
मुख्यालयपालो ऑल्टो, कैलीफोर्निया
डबलिन, आयरलैंड (यूरोप, अफ़्रीका एवं मध्य-पूर्व के लिये अंतर्राष्ट्रीय मुख्यालय)
सिओल, दक्षिण कोरिया (एशिया का अंतर्राष्ट्रीय मुख्यालय)
सेवित क्षेत्रविश्वव्यापी
गणमान्य व्यक्तिमार्क ज़कर्बर्ग (सी.ई.ओ]])
डस्टिन मॉस्कोविट्ज़ (सह-संस्थापक)
शेराइल सैंडबर्ग (मुख्य प्रचा.अधि.)
मैट कोह्लर (प्रोड. मैनेजमेंट के उपाध्यक्ष)
क्रिस ह्यूइस (सह-संस्थापक)
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३० करोड़ अमेरिकी डॉलर (२००८ अनुमान)[2]
कर्मचारी१४००+[3]
जालस्थलwww.facebook.com
ऐलेक्साश्रेणी२ (मई, २०१० अनुसार)[4]
जालस्थल का प्रकारसामाजिक नेटवर्किंग सेवा
विज्ञापनबैनर ऍड्स, रेफ़रल मार्केटिंग, कैज़ुअल गेम्स
पंजीकरणवांछित
उपलब्धबहुभाषी
चालू हुई४ फ़रवरी, २००४
वर्तमान स्थितिसक्रिय
फेसबुक (अंग्रेज़ी:Facebook) इंटरनेटपर स्थित एक निःशुल्क सामाजिक नेटवर्किंग सेवाहै, जिसके माध्यम से इसके सदस्य अपने मित्रों, परिवार और परिचितों के साथ संपर्क रख सकते हैं। यह फेसबुक इंकॉ. नामक निजी कंपनी द्वारा संचालित है। इसके प्रयोक्ता नगर, विद्यालय, कार्यस्थल या क्षेत्र के अनुसार गठित किये हुए नेटवर्कों में शामिल हो सकते हैं और आपस में विचारों का आदान-प्रदान कर सकते हैं।[5]इसका आरंभ २००४में हार्वर्ड के एक छात्र मार्क ज़ुकरबर्ग ने की थी। तब इसका नाम द फेसबुकथा। कॉलेज नेटवर्किग जालस्थल के रूप में आरंभ के बाद शीघ्र ही यह कॉलेज परिसर में लोकप्रिय होती चली गई। कुछ ही महीनों में यह नेटवर्क पूरे यूरोप में पहचाना जाने लगा। अगस्त२००५में इसका नाम फेसबुककर दिया गया। फेसबुक में अन्य भाषाओं के साथ हिन्दीमें भी काम करने की सुविधा है।
फेसबुक ने भारतसहित ४० देशों के मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियों से समझौता किया है। इस करार के तहत फेसबुक की एक नई साइट का उपयोग मोबाइलपर निःशुल्क किया जा सकेगा। यह जालस्थल फेसबुक का पाठ्य संस्करण है। भारत में रिलायंस कम्युनिकेशंसऔर वीडियोकॉन मोबाइलपर यह सेवा प्रदान करेंगे। इसके बाद शीघ्र ही टाटा डोकोमोपर भी यह सेवा शुरू हो जाएगी। इसमें फोटो व वीडियो के अलावा फेसबुक की अन्य सभी संदेश सेवाएं मिलेंगी।[6]

अनुक्रम

प्रोफाइल

चित्र:Facebook open account page hindi.PNG
फेसबुक पर खाता खोलने का हिन्दी में प्रारूप पृष्ठ
फेसबुक का उपयोग करने वाले अपना एक प्रोफाइल पृष्ठ तैयार कर उस पर अपने बारे में जानकारी देते हैं। इसमें उनका नाम, छायाचित्र, जन्मतिथि और कार्यस्थल, विद्यालय और कॉलेज आदि का ब्यौरा दिया होता है। इस पृष्ठ के माध्यम से लोग अपने मित्रों और परिचितों का नाम, ईमेल आदि डालकर उन्हें ढूंढ़ सकते हैं। इसके साथ ही वे अपने मित्रों और परिचितों की एक अंतहीन श्रृंखला से भी जुड़ सकते हैं। फेसबुक के उपयोक्ता सदस्य यहां पर अपना समूह भी बना सकते हैं।[5]यह समूह उनके विद्यालय, कॉलेज या उनकी रुचि, शहर, किसी आदत और जाति का भी हो सकता है। समूह कुछ लोगों का भी हो सकता है और इसमें और लोगों को शामिल होने के लिए भी आमंत्रित किया जा सकता है। इसके माध्यम से किसी कार्यक्रम, संगोष्ठी या अन्य किसी अवसर के लिए सभी जानने वालों को एक साथ आमंत्रित भी किया जा सकता है।
चित्र:Facebookprofilein hindi.PNG
फेसबुक पर एक खाता प्रोफाइल पृष्ठ (हिन्दी)
लोग इस जालस्थल पर अपनी रुचि, राजनीतिक और धार्मिक अभिरुचि व्यक्त कर समान विचारों वाले सदस्यों को मित्र भी बना सकते हैं। इसके अलावा भी कई तरह के संपर्क आदि जोड़ सकते हैं। साइट के विकासकर्त्ता भी ऐसे कई कार्यक्रम तैयार करते रहते हैं, जिनके माध्यम से उपयोक्ता अपनी रुचियों को परिष्कृत कर सकें। फेसबुक में अपने या अपनी रुचि के चित्र फोटो लोड कर उन्हें एक दूसरे के साथ बांट भी कर सकते हैं। ये चित्र मात्र उन्हीं लोगों को दिखेंगे, जिन्हें उपयोक्ता दिखाना चाहते हैं। इसके लिये चित्रों को देखनेका अनुमति स्तर निश्चित करना होता है। चित्रों का संग्रह सुरक्षित रखने के लिए इसमें पर्याप्त जगह होती है। फेसबुक के माध्यम से समाचार, वीडियो और दूसरी संचिकाएं भी बांट सकते हैं। फेसबुक ने २००८ में अपना आवरण रूप बदला था।[5]

स्टेटस अद्यतन

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फेसबुक का मुख्यालय, पालो ऑल्टो, कैलीफोर्निया
फेसबुक पर उपयोक्ताओं को अपने मित्रों को यह बताने की सुविधा है कि किसी विशेष समय वे क्या कर रहे हैं या क्या सोच रहे हैं और इसे 'स्टेट्स अपडेट' करना कहा जाता है। फेसबुक और ट्विटरके आपसी सहयोग के द्वारा निकट भविष्य में फेसबुक एक ऐसा सॉफ्टवेयर जारी करेगा, जिसके माध्यम से फेसबुक पर होने वाले 'स्टेट्स अपडेट' सीधे ट्विटर पर अद्यतित हो सकेंगे। अब लोग अपने मित्रों को बहुत लघु संदेशों द्वारा यह बता सकेंगे कि वे कहाँ हैं, क्या कर रहे हैं या क्या सोच रहे हैं।[7]
ट्विटर पर १४० कैरेक्टर के 'स्टेट्स मैसेज अपडेट' को अनगिनत सदस्यों के मोबाइल और कंप्यूटरों तक भेजने की सुविधा थी, जबकि फेसबुक पर उपयोक्ताओं के लिये ये सीमा मात्र ५००० लोगों तक ही सीमित है। सदस्य ५००० लोगो तक ही अपने प्रोफाइल के साथ जोड़ सकते हैं या मित्र बना सकते हैं। फेसबुक पर किसी विशेष प्रोफाइल से लोगों के जुड़ने की संख्या सीमित होने के कारण 'स्टेट्स अपडेट' भी सीमित लोगों को ही पहुँच सकता है।

सार्वजनिक खाते

चित्र:Facebook mobile.png
फेसबुक की मोबाइल पर वेबसाइट
सार्वजनिक खाते (पब्लिक पेज) यानी ऐसे पेज जिन्हें हर कोई देख सकता है और लोग जान सकते हैं कि उनके आदर्श नेता, प्यारे पॉप स्टार या सामाजिक संगठन की क्या गतिविधियाँ हैं। फेसबुक के ट्विटरसे जुड़ जाने के बाद अब कंपनियाँ, संगठन, सेलिब्रिटी अपने प्रशंसकों और समर्थकों से सीधे संवाद कर पाएँगे, उन्हें बता पाएँगे कि वे क्या कर रहे हैं, उनके साथ फोटो शेयर कर पाएँगे। फिलहाल यह सुविधा पब्लिक पेज प्रोफाइल वालों को ही उपलब्ध है। फेसबुक के सार्वजनिक पृष्ठ (पब्लिक पेज) बनाना हाल के दिनों में काफी लोकप्रिय होता जा रहा है। पब्लिक पेज बनाने वालों में अमेरिकी राष्ट्रपतिबराक ओबामा, फ्रांसीसी राष्ट्रपति निकोला सारकोजीऔर रॉक बैंड यू-२ शामिल हैं। इनके अलावा भी कई बड़ी हस्तियों, संगीतकारों, सामाजिक संगठनों, कंपनियों ने अपने खाते फेसबुक पर खोले हैं।[7]ये हस्तियां या संगठन अपने से जुड़ी बातों को अपने प्रशंसकों या समर्थकों के साथ बाँटना चाहते हैं तो आपसी संवाद के लिए फेसबुक का प्रयोग करते हैं।

प्रतिबंध

फेसबुक पर आयोजित पैगंबर मोहम्मदके आपत्तिजनक कार्टून बनाने की प्रतियोगितामें मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने के आरोप के कारण पाकिस्तानके एक न्यायालय ने फेसबुक पर कुछ समय के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। फेसबुक पर चल रही इस कार्टून प्रतियोगिता को ईशनिंदा के कारण पाक में ३१ मई, २०१० तक प्रतिबंधित किया गया है। इसके साथ ही न्यायालय ने पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय को निर्देश जारी किया कि वह ईशनिंदा में बनाए गए कार्टून के मामले को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उठाए।[8][9]
बाद में जिस फेसबुक उपयोक्ता ने 'एवरीवन ड्रॉ मोहम्मद डे' प्रतियोगिता आयोजित की थी, उसने यह पृष्ठ हटा लिया है। इसके साथ ही उसने इस अभियान से जुड़ा ब्लॉग भी हटा लिया था। [10]

खतरा

सोश्यल नेटवर्किंग साइट फेसबुक इंटरनेट के माध्यम से जुड़े लोगों के जीवन का अभिन्न अंग बनती जा रही है।परंतु कुछ साइबर विशेषज्ञ फेसबुक से उत्पन्न खतरों के बारे में समय समय पर आगाह करते रहते हैं। चीफ सैक्यूरिटी ऑफिसर ऑनलाइन नामक सामयिक के वरिष्ठ सम्पादक जॉन गूडचाइल्ड के अनुसार कई कम्पनियाँ अपने प्रचार के लिए फेसबुक जैसे नेटवर्किंग माध्यम का उपयोग करना चाहती है परंतु ये कम्पनियाँ ध्यान नहीं देती कि उनकी गोपनियता अभि भि अनिश्चित है। सीबीसी न्यूज़ के 'द अर्ली शॉ ऑन सैटर्डे मॉर्निंग' कार्यक्रम में गूडचाइल्ड ने फेसबुक से उत्पन्न पाँच ऐसे खतरों के बारे में बताया जिससे निजी और गोपनीय जानकारियों की गोपनीयता पर प्रश्नचिह्न लग गया है।[11]ये इस प्रकार से हैं:
  • डाटा बांटना: यहां दी गई जानकारी केवल घोषित मित्रों तक ही सीमित नहीं रहती है, बल्कि वह तृतीय पार्टी अनुप्रयोग विकासकर्त्ताओं (थर्ड पार्टी अप्लिकेशन डेवलपर) तक भी पहुँच रही हैं।
  • बदलती नीतियां: फेसबुक के हर नये संस्करण रिलीज़ होने के बाद उसकी प्राइवेसी सेटिंग बदल जाती है और वह स्वत: डिफाल्ट पर आ जाती है। प्रयोक्ता उसमें बदलाव कर सकते हैं परंतु काफी कम प्रयोक्ता इस ओर ध्यान दे पाते हैं।
  • मैलावेयर: फेसबुक पर प्रदर्शित विज्ञापनों की प्रामाणिकता का कोई वादा नहीं है। ये मैलावेयर हो सकते हैं और उनपर क्लिक करने से पहले उपयोक्ताओं को विवेक से काम लेना चाहिये।
  • पहचान उजागर: उपयोक्ताओं के मित्र जाने अनजाने उनकी पहचान और उनकी कोई गोपनीय जानकारी दूसरों से साझा कर सकते हैं।
  • जाली प्रोफाइल: फेसबुक पर सेलिब्रिटियों को मित्र बनाने से पूर्व उपयोक्ताओं को ये चाहिये कि पहले उनकी प्रोफाइल की अच्छी तरह से जाँच अवश्य कर लें। स्कैमरों के द्वारा जाली प्रोफाइल बनाकर लोगों तक पहुँच बनाना काफी सरल है।

फेसबुक छोड़ो अभियान

हाल ही में फेसबुक ने अपने सुरक्षा नियमों को पहले से कुछ कड़ा कर दिया है जिसके कारण इसके उपयोक्ताओं में काफी रोष दिखा है। इसके कड़े सुरक्षा नियमों से नाराज उपयोक्ताओं ने एक समूह बनाकर फेसबुक पर फेसबुक के विरुद्ध ही अभियान चला दिया है।[12]उन्होंने ने एक साइट बनाई है क्विटफेसबुकडे डॉट कामजिसपर फेसबुक उपयोक्ताओं से ३१ मई को फेसबुक छोड़ो दिवस के रूप में मनाने का आहवान किया है। इस वेबसाइट पर संदेश है कि यदि आप को लगता है कि फेसबुक आपकी स्वतंत्रता, आपके निजी डाटा और वेब के भविष्य का सम्मान नहीं करता तो आप फेसबुक छो़ड़ो अभियान में हमारा साथ दे सकते हैं। फेसबुक छोड़ना आसान नहीं है, यह इतना ही मुश्किल है जितना की धूम्रपान छोड़ना लेकिन फिर भी उपयोक्ताओं को अपने अधिकारों के लिए यह करना ही पड़ेगा।[13]क्विटफेसबुकडे डॉट काम पर अब तक एक हजार से अधिक लोग ३१ मईको अपना फेसबुक खाता समाप्त करने की शपथ ले चुके हैं।

फेसबुक पर बुक

उत्तर प्रदेशके एक आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने फेसबुक पर अपने अनुभवों तथा अपने कार्यों को पृष्ठभूमि बनाते हुए हिंदीतथा अंग्रेजीभाषा में एक-एक पुस्तक लिखने का कार्य प्रारम्भ किया है जो बहुत शीघ्र ही प्रकाशित हो जायेंगे. अमिताभ ठाकुर द्वारा ये पुस्तकें फेसबुक संस्थापक मार्क जकरबर्ग तथा अपने फेसबुक के साथियों को समर्पित किया गया है.

संदर्भ

  1. एल्डन, एरिक. (१८ दिसंबर, २००८). "२००८ ग्रोथ पुट्स फ़ेसबुक इन बैटर पोज़ीशन टू मेक मनी". वेन्चरबीट. अभिगमन तिथि: 2008-12-19.
  2. "बाय द नंबर्स: बिलियनेर बैचेलर्स". फोर्ब्स. अभिगमन तिथि: २० सितंबर, २००८.
  3. "प्रेस इन्फ़ो", फ़ेसबुक। अभिगमन तिथि: २७ मई, २०१०
  4. फ़ेसबुक जालस्थल - ट्रैफ़िक डीटेल्स फ़्रॉम ऍलेक्सा, ऍलेक्सा इंटरनेट, इंका., अभिगमन तिथि: २२ मई, २०१०
  5. 5.05.15.2फेसबुक।लाइव हिन्दुस्तान। २७ मई, २०१०
  6. मोबाइल पर फेसबुक फ्री में।दैनिक भास्कर।२० मई, २०१०
  7. 7.07.1फेसबुक ने ट्विटर के लिए खोला गलियारा।वेबदुनिया।डॉयचे वेले, जर्मन रेडियो
  8. पैगंबर के कार्टून के कारण पाक में फेसबुक बैन।दैनिक भास्कर। २० मई, २०१०
  9. पाकिस्तान में फेसबुक पर प्रतिबंध।वेबदुनिया।१९ मई, २०१०।लाहौर
  10. फेसबुक से विवादित पेज को हटाया।नवभारत टाइम्स।२२ मई, २०१०
  11. फेसबुक के 5 खतरे|तरकश।१४ मई, २०१०
  12. फेसबुक अकाउंट डिलीट करो दिवस।दैनिक भास्कर। १६ मई, २०१०
  13. क्विटफेसबुकडे डॉट काम

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