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रवि अरोड़ा की नजर से ....

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फुस्स पटाखा

रवि अरोड़ा

मुआफ़ करना मोदी जी आपने आज बहुत निराश किया । मुझे पूरी उम्मीद थी कि आप आज चीन की नापाक हरकतों के ख़िलाफ़ कोई बड़ा एलान करेंगे । जनता को सम्बोधित करने के लिए अपने प्रिय समय रात आठ बजे की बजाय आज शाम चार बजे टीवी पर आने के भी यही अर्थ निकाले गए थे कि आपका भाषण यक़ीनन चीन सम्बंधी होगा । चूँकि चीन का समय भारत से ढाई घंटा आगे है और हमारे चार बजे चीन का प्राइम टाइम यानि साढ़े छः बजे होता है अतः यह सहज अनुमान लगाया गया था कि काम के समय में आपका टीवी पर आना हमारे लिए नहीं वरन चीन को चेतावनी देने के लिए है । कल ही चीनी एप्स पर प्रतिबंध लगाये गये थे और आज आपका सम्बोधन था अतः किसी ने सोचा भी नहीं था कि आप चीन की बात आज नहीं करेंगे । मगर पता नहीं क्यों इस बार भी आपने चीन का नाम नहीं लिया । किसी बड़ी घोषणा की बात तो दूर आपने तो चीन की हरकतों का इशारों इशारों में भी ज़िक्र नहीं किया और फ़ुस्स पटाखा छोड़ कर चल दिये ।

क्षमा करें मोदी जी आपके सत्रह मिनट के सम्बोधन को मैंने फ़ुस्स पटाखा इसलिये कहा कि एसी कोई घोषणा आपने नहीं की जिसके लिए स्वयं प्रधानमंत्री को एक सौ तीस करोड़ लोगों के पास जाना पड़े । आपने श्रमिकों की बात बेशक की मगर श्रमिकों के प्रति आपकी सरकार कितनी संवेदनशील है यह उस समय ही समझ आ गया था जब लाखों लाख श्रमिक सड़कों पर पैदल चलते दिखे थे । आपने किसान की बात की मगर किसान का तेल आप डीज़ल के दाम बढ़ा कर पहले ही निकाल चुके हैं । पता नहीं आपको अपनी बातों का अंतरविरोध क्यों नज़र नहीं आता । एक तरफ़ तो आप सख़्ती की बात करते हैं और दूसरी ओर आर्थिक गतिविधियाँ तेज़ करने को कहते हैं । ग़रीब आदमी को आप नवम्बर तक राशन देंगे यह बहुत अच्छी बात है मगर देश में जो साढ़े तेरह करोड़ लोग बेरोज़गार हो गए हैं और बारह करोड़ भयानक ग़रीबी के कुचक्र में फँस गए हैं,  क्या यह घोषणाएँ उनके लिये काफ़ी हैं ?  हाल ही आपने बीस लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा की थी मगर आप ही आज स्वीकार कर रहे हैं कि उनमे से ग़रीब की झोली में केवल पौने दो लाख करोड़ ही जायेंगे । पीएम केयर फ़ंड का आपकी सरकार हिसाब नहीं देती न दे मगर हाल ही में क़ोरोना से लड़ने के लिये पिछत्तर अरब रुपया विश्व बैंक से और डेड खरब रुपया एशियाई विकास बैंक से जो क़र्ज़ लिया है , कम से कम उसे ही सही तरह से ख़र्च कर दे ।

क्षमा करे मोदी जी आपकी सरकार पब्लिक की जेब काट रही है और आप मुँह बना बना कर हमें लाखों करोड़ों शब्द एसे सुनाते हैं जैसे सब अपनी जेब से ही दे रहे हों । अभी पिछले महीने ही आपकी सरकार ने पेट्रोल और डीज़ल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ा कर एक लाख साठ हज़ार करोड़ कमाये हैं । शायद आपको किसी ने बताया नहीं कि लगातार बाईस दिन तक तेल की क़ीमत बढ़ा कर आपने एक रिकार्ड बनाया है । 2014 में जब आप सरकार में आए थे तब पेट्रोल पर 9. 48 व डीज़ल पर केवल 3. 56 रुपये एक्साइज ड्यूटी थी जिसे बढ़ाते बढ़ाते आप क्रमशः 32. 98 व 31. 83 रूपये तक ले आये हैं । एसे दिन भी आपने ही दिखाये हैं कि पेट्रोल से डीज़ल महँगा है । वह डीज़ल जो आज किसान की पहली आवश्यकता है और जिसके दाम बढ़ते ही महँगाई दोगुनी गति से बढ़ती है । वैसे ज़रा पता तो लगे कि सरकारी तेल कंपनियाँ कितना मुनाफ़ा कमा रही हैं । सुनने में आया कि पिछले साल उन्होंने बारह लाख करोड़ का धंधा किया किया 68 हज़ार करोड़ रुपये कमाये । ज़रा बताइये तो सही कि बेस रेट से पाँच गुना दाम पर जनता को तेल बेचकर भी मुनाफ़ा इतना कम क्यों है ? बुरा मत मानना मोदी जी आप एक हाथ से देते हैं और चार हाथ से लेते हैं । ऊपर से एहसान जताते हैं सो अलग ।

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