... तब राजीव गांधी के मंत्री ने कहा था,
रजवा के कुत्ते प्रधानमंत्री का मुंह चाट रहे हैं
अब से 30-35 साल पहले पत्रकारिता का क्या दौर था ? प्रधानमंत्री राजीव गांधी के मंत्रिमंडल में कल्पनाथ राय मंत्री थे। फेयरफैक्स और बोफ़ोर्स घोटाले का विरोध करते-करते वीपी सिंह राजीव गांधी सरकार से बाहर होकर जनमोर्चा बना चुके थे। कल्पनाथ राय अपनी ज़ुबान को लेकर अलग पहचान रखते थे। वरिष्ठ पत्रकार और हम लोगों के अग्रज वीरेंद्र सेंगर जी कल्पनाथ राय से मिलने गये थे। वे बात को कुछ आगे बढ़ाते कि वीपी सिंह का नाम आते ही राय साहब शुरू हो गये। जैसा उन्होंने बोला तब चर्चित साप्ताहिक अख़बार चौथी दुनिया राय साहब की बात लगभग उन्हीं के शब्दों में जस की तस पहले पेज पर प्रमुखता से छाप दी।
हेडिंग लगी, ‘रजवा के कुत्ते प्रधानमंत्री ( राजीव गांधी) का मुंह चाट रहे हैं’।
2-यूपी में 1990 में मुलायम सिंह यादव की सरकार थी। गजरौला में ननों से दुष्कर्म की घटना हुई थी। घटना की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री खुद मौक़े पर गये। दो-तीन दिन बाद मेरठ ज़िले में भी दो बहनों से दुष्कर्म की घटना घट गई।मुख्यमंत्री वहां नहीं गये। दिल्ली, लखनऊ, पटना और जयपुर से प्रकाशित एक राष्ट्रीय दैनिक ने खबर छापी।
हेडिंग लगी, ‘मुख्यमंत्री जी गजरौला की ननों से कम पवित्र नहीं है...पंडित की बेटियां’
3-श्रीपति मिश्र यूपी के मुख्यमंत्री थे। उनके यहां घर पर जोखई काम करते थे। उस समय रविवार मैग्जीन अपनी अलग धमक रखती थी। केंद्र व उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सरकारें थी। इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं।वरिष्ठ पत्रकार संतोष भारतीय जी की कवर पेज स्टोरी छपी, ‘ मुख्यमंत्री जी जोखई की ज़मीन लौटा दीजिए’। कुछ समय बाद मुख्यमंत्री हटा दिये गये। रविवार ने फिर कवर पेज स्टोरी की, ‘ जोखई की हाय, श्रीपति को खा गई,।
और अब अंत में...
मैं ताल्लुक़ात उससे कैसे बिगाड़ लूं,
वह शहर में है मेरी ज़मानत लिए हुए।।