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रवि अरोड़ा की नजर से....

अच्छे नहीं होते युद्धरवि अरोड़ापिछले दो-तीन दिन में जिस किसी से भी मिला उसकी ही ज़ुबान पर यह सवाल था कि क्या भारत और चीन के बीच जंग होगी ? सच कहूँ तो यह सवाल ख़ुद मेरे ज़ेहन में भी है कि क्या वाक़ई...

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भारतवर्ष का नया रिकॉर्ड / विवेक वाजपेयी

टीवी 9 भारतवर्ष की प्रयोगधर्मिता को फालो करने लगे हैं दूसरे चैनल11 महीनों में टीवी 9 भारतवर्ष के उत्थान की ये कहानी रोचक है। उन दिनों देश में कई ऐसे फैसले हो रहे थे जिनसे राष्ट्र की दिशा और दशा बदलने...

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वीरता को सलाम है शहीद अब्दुल हमीद जी

*वीर अब्दुल हमीद*भारत को 1947-49 के दौरान पाकिस्तान के साथ हुए कश्मीर वॉर में अपने कई सैनिकों से हाथ धोना पड़ा था। तब पाकिस्तान को लगा कि भारत उसकी सैन्य क्षमता के आगे काफी कमजोर है। पाकिस्तान ने इसी...

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सोमपाल शास्त्री और राजनीति की पड़ताल / वीरेंद्र सेंगर

आज फेसबुक ने एक पुरानी फोटो के जरिए तमाम स्मृतियां ताजा कर दीं।पूर्व केंद्रीय मंत्री सोमपाल शास्त्री     से गुप्तगूं   की फोटो है।उनसे मेरे दशकों पुराने रिश्ते हैं।आमतौर पर राजनेताओं के साथ फोटो का...

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पिता को याद करतें हुए / वीरेंद्र सेंगर

एक पाती पिता के नाम!     पितृ दिवस पर तमाम मित्रों की पोस्ट पढ़ी।मन भावुक हुआ।पिता श्री की स्मृतियों कौंध गयीं।दशकों  हो गये बिछुड़े थे। मैं 19का था  ।1975may में कानपुर के हैलट अस्पताल में उन्होंने...

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तालेबंदी का निर्मम काल / वीरेंद्र सेंगर -ll

लाकडाउन काल अब बहुत निष्ठुर और निर्मम दौर में आ पहुंचा है।जरा भी अपने घेरे से निकलिए।बाहर झांकिए।और गरीब बस्तियों की आहट भर लीजिए।बिना ध्वनि की चीत्कारें आपका दिल चीरकर रख देती हैं।अजीब मुर्दनी सी छा...

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कल्पनाथ राय की जुबानी / वीरेंद्र सेंगर- राजकेश्वर सिंह

... तब राजीव गांधी के मंत्री ने कहा था,रजवा के कुत्ते प्रधानमंत्री का मुंह चाट रहे हैंअब से 30-35 साल पहले पत्रकारिता का क्या दौर था ? प्रधानमंत्री राजीव गांधी के मंत्रिमंडल में कल्पनाथ राय मंत्री थे।...

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एक टीवी एंकर का इंटरव्यू / असगर वजाहत

एक टीवी एंकर का इंटरव्यू(कथा-कहानी)असग़र वजाहत-आप टीवी एंकर होने से पहले क्या करते थे?- मैं एक लिंचिंग ग्रुप का मेंबर था।- क्या टीवी एंकर बनने में पुराना अनुभव आपके काम आया?- दरअसल पुराने अनुभव के आधार...

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चंद्रशेखर होने का मतलब / वीरेंद्र सेंगर

चंद्रशेखर होना हर किसी के बस की बात नहीं।।         आज जब चहुँओर चापलूसी की होड लगी हो तो भोंडसी बाबा तो छोड़िए उनका बोनसाई होना भी दुर्लभ है ।काश वे संकट की इस घडी में जिंदा होते तो बोलते जरूर कोई बडी...

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स्वयं सिद्धा क्या किसी की जागीर है? / गीताश्री

कोई शुभ काम हो और उस पर विवाद न हो, ऐसा नहीं हो सकता. कल प्रतिमा सिन्हा ने अपने “स्वंय सिद्धा” पेज पर मुझसे लाइव बातचीत करते हुए कहा था- “ आपका कोई काम निर्विघ्न संपन्न नहीं होता”यही हुआ. कल हमारी...

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सरोज खान का महाशून्य / रतन भूषण

सरोज खानचली गईं मेनकाओं की मास्टरनीबॉलीवुड की मशहूर कोरियोग्राफर सरोज खान नहीं रहीं। उन्हें कुछ दिन पहले मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 72 साल की सरोज खान के पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक...

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डॉ अनामिका जी अनामी का को ढेरों शुभकामनायें मुबारकवाद

डॉ0 अनामिका श्रीवास्तव : कार्यक्रम प्रमुखडॉ0 अनामिका श्रीवास्तव ने दिनांक 01 अगस्त 2018 को आकाशवाणी गोरखपुर के कार्यक्रम प्रमुख का कार्यभार संभाला। कार्यक्रम के क्षेत्र में आपको 2010 में न्यूयॉर्क में...

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हूल जनक्रांति संघर्ष दिवस

दशमत सोरेन, जमशेदपुर : संताल हूल भारत से अंग्रेजों को भगाने के लिए प्रथम जनक्रांति थी. जनजातीय समाज में अब तक जितने भी संघर्ष हुए हैं, उनका एक प्रधान पहलू सामुदायिक पहचान बचाना रहा है. जो जल, जंगल व...

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विलक्षण विद्वान वैज्ञानिक अनुसंधानक संत यात्री चोमा की कहानी / त्रिलोकदीप

अलेक्जांडर चोमा द कोरोश के बारे में कुछ विद्वानों से भी बातचीत हुई थी। सांसद हीरेन्द्र नाथ मुकर्जी (जिन्हें प्रोफेसर हीरेन मुकर्जी के तौर पर भी जाना जाता है), सच्चिदानंद वात्स्यायन अज्ञेय और प्रोफेसर...

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रवि अरोड़ा की नजर से...

अकेला नहीं है कोरोनारवि अरोड़ासयाने कहते हैं कि मुसीबत अकेली नहीं आती । कोरोना संकट में भी कुछ यही हो रहा है । हालाँकि दो ढाई महीने शांति रही मगर लॉकडाउन में रियायत मिलने के साथ ही क्षेत्र में अपराध और...

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हिंदी पत्रकारिता का इतिहास

हिंदी पत्रकारिता का काल विभाजन भारत में हिंदी पत्रकारिता का तार्किक और वैज्ञानिक आधार पर काल विभाजन करना कुछ कठिन कार्य है। सर्वप्रथम राधाकृष्ण दास ने ऐसा प्रारंभिक प्रयास किया था। उसके बाद ‘विशाल...

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खबरिय पत्रकारिता

IIMC'ianSearch this siteनेविगेशनAbout meIIMC HINDI JOURNALISMIIMC Hindi Journalism Courseसंचार : अवधारणा और प्रक्रियापत्रकारिता का इतिहाससमाचार लेखन : अवधारणा और प्रक्रियासमाचार लेखन व्यवहारिक...

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कठिन समय में हौसला देना ही है दोआबा का चरित्र / शहंशाह आलम

समीक्षा :#दोआबासंपादक : #जाबिर_हुसेनसंपादकीय संपर्क : दोआबा प्रकाशन247 एमआईजी, लोहिया नगर, पटना – 800 020ईमेल : doabapatna@gmail.comमूल्य : 75 ₹__#कठिन_समय_से_लड़ने_और_जीतने_की_पत्रिका_है ‘दोआबा’■...

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रवि अरोड़ा की नजर से.....

कुछ और भी दिखा लेह मेंरवि अरोड़ाप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लेह लद्दाख यात्रा से मैं बहुत प्रसन्न हूँ । प्रसन्नता के तमाम अन्य कारण तो हैं हीं मगर सबसे अधिक प्रसन्नता मुझे अपने प्रधानमंत्री की फ़िटनेस...

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बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर...... /vivek shukla

Baba Sahab’s lessons for Advani, Joshi and Priyanka GandhiDr BR Ambedkar was indeed a man of principles. He set a great example for the likes of LK Advani, MM Joshi, Priyanka Gandhi and others to...

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