हिंदी पत्रकारिता का काल विभाजन भारत में हिंदी पत्रकारिता का तार्किक और वैज्ञानिक आधार पर काल विभाजन करना कुछ कठिन कार्य है। सर्वप्रथम राधाकृष्ण दास ने ऐसा प्रारंभिक प्रयास किया था। उसके बाद ‘विशाल भारत’ के नवंबर 1930 के अंक में विष्णुदत्त शुक्ल ने इस प्रश्न पर विचार किया, किन्तु वे किसी अंतिम निर्णय पर नहीं पहुंचे। गुप्त निबंधावली में बालमुकुंद गुप्त ने यह विभाजन इस प्रकार किया – प्रथम चरण – सन् 1845 से 1877 द्वितीय चरण – सन् 1877 से 1890 तृतीय चरण – सन् 1890 से बाद तक डॉ. रामरतन भटनागर ने अपने शोध प्रबंध ‘द राइज एंड ग्रोथ आफ हिंदी जर्नलिज्म’ काल विभाजन इस प्रकार किया है– आरंभिक युग 1826 से 1867 उत्थान एवं अभिवृद्धि प्रथम चरण (1867-1883) भाषा एवं स्वरूप के समेकन का युग द्वितीय चरण (1883-1900) प्रेस के प्रचार का युग विकास युग प्रथम युग (1900-1921) आवधिक पत्रों का युग द्वितीय युग (1921-1935) दैनिक प्रचार का युग सामयिक पत्रकारिता – 1935-1945 उपरोक्त में से तीन युगों के आरंभिक वर्षों में तीन प्रमुख पत्रिकाओं का प्रकाशन हुआ, जिन्होंने युगीन पत्रकारिता के समक्ष आदर्श स्थापित किए। सन् 1867 में ‘कविवचन सुधा’, सन् 1883 में ‘हिन्दुस्तान’ तथा सन् 1900 में ‘सरस्वती’ का प्रकाशन है।[2] काशी नागरी प्रचारणी द्वारा प्रकाशित ‘हिंदी साहित्य के वृहत इतिहास’ के त्रयोदय भाग के तृतीय खंड में यह काल विभाजन इस प्रकार किया गया है – प्रथम उत्थान – सन् 1826 से 1867 द्वितीय उत्थान – सन् 1868 से 1920 आधुनिक उत्थान – सन् 1920 के बाद ‘ए हिस्ट्री आफ द प्रेस इन इंडिया’ में श्री एस नटराजन ने पत्रकारिता का अध्ययन निम्न प्रमुख बिंदुओं के आधार पर किया है – बीज वपन काल ब्रिटिश विचारधारा का प्रभाव राष्ट्रीय जागरण काल लोकतंत्र और प्रेस डॉ. कृष्ण बिहारी मिश्र ने ‘हिंदी पत्रकारिता’ का अध्ययन करने की सुविधा की दृष्टि से यह विभाजन मोटे रूप से इस प्रकार किया है – भारतीय नवजागरण और हिंदी पत्रकारिता का उदय (सन् 1826 से 1867) राष्ट्रीय आन्दोलन की प्रगति- दूसरे दौर की हिंदी पत्रकारिता (सन् 1867-1900) बीसवीं शताब्दी का आरंभ और हिंदी पत्रकारिता का तीसरा दौर – इस काल खण्ड का अध्ययन करते समय उन्होंने इसे तिलक युग तथा गांधी युग में भी विभक्त किया। डॉ. रामचन्द्र तिवारी ने अपनी पुस्तक ‘पत्रकारिता के विविध रूप’ में विभाजन के प्रश्न पर विचार करते हुए यह विभाजन किया है – उदय काल – (सन् 1826 से 1867) भारतेंदु युग – (सन् 1867 से 1900) तिलक या द्विवेदी युग – (सन् 1900 से 1920) गांधी युग – (सन् 1920 से 1947) स्वातंत्र्योत्तर युग (सन् 1947 से अब तक) डॉ. सुशील जोशी ने काल विभाजन कुछ ऐसा प्रस्तुत किया है – हिंदी पत्रकारिता का उद्भव – 1826 से 1867 हिंदी पत्रकारिता का विकास – 1867 से 1900 हिंदी पत्रकारिता का उत्थान – 1900 से 1947 स्वातंत्र्योत्तर पत्रकारिता – 1947 से अब तक[2] उक्त मतों की समीक्षा करने पर स्पष्ट होता है कि हिंदी पत्रकारिता का काल विभाजन विभिन्न विद्वानों पत्रकारों ने अपनी-अपनी सुविधा से अलग-अलग ढंग से किया है। इस संबंध में सर्वसम्मत काल निर्धारण अभी नहीं किया जा सका है। किसी ने व्यक्ति विशेष के नाम से युग का नामकरण करने का प्रयास किया है तो किसी ने परिस्थिति अथवा प्रकृति के आधार पर। इनमें एकरूपता का अभाव है। टीका टिप्पणी और संदर्भ ↑ 1.0 1.1 1.2 1.3 1.4 प्रतिरोध के सामूहिक स्वर, परतंत्र भारत में प्रतिबंधित पत्र-पत्रिकाएँ (हिंदी) सृजनगाथा। अभिगमन तिथि: 25 दिसम्बर, 2012। ↑ 2.0 2.1 2.2 2.3 2.4 2.5 विश्व में पत्रकारिता का इतिहास (हिन्दी) (एच.टी.एम.एल) आइये सीखें पत्रकारिता (ब्लॉग)। अभिगमन तिथि: 25 दिसम्बर, 2012। बाहरी कड़ियाँ संबंधित लेख [छिपाएँ] देखें • वार्ता • बदलें समाचार पत्र और पत्रिकाएँ समाचार पत्र आज · प्रभात ख़बर · नवभारत टाइम्स · अमर उजाला · दैनिक भास्कर · दैनिक जागरण · राष्ट्रीय सहारा · हिन्दुस्तान · नईदुनिया · जनसत्ता · पंजाब केसरी · हरिभूमि राष्ट्रीय हिन्दी दैनिक · बनारस अख़बार · समाचार सुधावर्षण · पयामे आज़ादी · कवि वचन सुधा · सुधाकर · पायनियर · हिंदी प्रदीप · भारत मित्र · सार सुधानिधि · सज्जन कीर्ति सुधाकर · उचित वक्ता · भारत जीवन · अमृत बाज़ार पत्रिका · हिन्दोस्थान · शुभचिन्तक · विशाल भारत · हिंदी बंगवासी · साहित्य सुधानिधि · अभ्युदय · लीडर · बंगाल गजट · आत्ता दिउरना · कल्पना · कल्याण पत्रिका पत्रिकाएँ आनन्द कादम्बिनी · इंडिया टुडे · अहा ज़िन्दगी · हरिश्चन्द्र मैगजीन · युगवाणी · नागरी प्रचारिणी पत्रिका · आउटलुक · कादम्बिनी · नवनीत · धर्मयुग · साप्ताहिक हिंदुस्तान · चंपक · चन्दामामा · नंदन · पराग · पर्यावरण डाइजेस्ट · वीणा · उदंती · सरस्वती · मर्यादा · उदन्त मार्तण्ड · हिंदुस्तानी · हिंदी अनुशीलन · इंडियन लिटरेचर · संस्कृत प्रतिभा · समकालीन भारतीय साहित्य · हरिजन सेवा · संस्कृति · शेषामृत · शीतल वाणी · पाखी · चित्र भारती · अहा जिंदगी अन्य दैनिक अख़बार · साप्ताहिक पत्रिका · पाक्षिक पत्रिका · मासिक पत्रिका · त्रैमासिक पत्रिका · अर्द्धवार्षिक पत्रिका · वार्षिक पत्रिका और पढ़ें12>»
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साभार bhartdiscovery.org