नैतिकता के अवतार संविद महापात्रा जी ! ओडिशा केवल भोज-भात की भूमि नहीं है। PMO India
खबर चौंकाने वाली नहीं है, न रुलानेवाली है। क्योंकि इस हादसे का आपकी देहरी से वास्ता नहीं है। इस लिए इस पोस्ट को पढ़िए और पॉजिटिव खबरों की तलाश में आगे बढिये । बात ओडिशा की हो रही है जहाँ साल 2000 तक कांग्रेस की सरकार थी। राज्य के सुंदरगढ़ जिले में एक 13 वर्षीय आदिवासी बच्ची का थाना प्रभारी सहित कई पुलिस वालों ने 3 महीनों तक दुष्कर्म किया। कांग्रेस की चर्चा इस कारण जरूरी है क्योंकि राज्य की गरीबी, पिछड़ेपन और अराजकता के मूल में इसी पार्टी पर दोषारोपण मढ़ने की परम्परा है। भले ही 20-20 साल से सूबों में गैर-कोंग्रेसी सत्ता है। Odisha With BJP Odisha Mirror CMO Odisha. WE SUPPORT NABIN PATTNAIK District Administration, Sundargarh, Odisha CMO Odisha Naveenpatnaik
खबर यही है कि बच्ची लॉकडाउन से तुरंत पहले ही मेला देखने गयी थी। आरोप है कि मेले से लौटने में बच्ची को देरी हो गयी और इलाके में राउंड पर आई पुलिस बच्ची को थाने ले गयी। उसे रात भर थाने में रखा गया और कथित तौर से दुष्कर्म किया गया। सुबह होने पर उसे घर पहुंचा दिया। इसके बाद 3 महीनों तक बच्ची को थाने बुला बुला कर लगातार दुष्कर्म किया गया। इसी बीच बच्ची गर्भवती भी हो गयी। जिसके लिए पुलिस वालों ने एक स्थानीय डॉक्टर से उसका गर्भपात करवा दिया।
राज्य के पुलिस महानिदेशक ने खबर मिलते ही थाना प्रभारी, अन्य पुलिस कर्मियों और डॉक्टर सहित बच्ची के सौतेले पिता को गिरफ्तार किया है।आरोपी की पहचान ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले के बीरमित्रपुर पुलिस थाने के प्रभारी निरीक्षक (IIC) आनंद चंद्र माझी के रूप में हुई है। ओडिशा के डीजीपी अभय ने इसके लिए उस लड़की से माफी मांगी है। मामले पर डीजीपी ने कहा, 'उनका आचरण शर्मनाक था। लड़की से हमारी माफी।' Odisha Katha
इस खबर से देशवासी अनभिज्ञ हैं। मीडिया को फुर्सत नहीं है। टीआरपी के बिसातियों को इस खबर पर दांव लगाने से प्राप्ति की उम्मीद नहीं है। आदिवासी विषय भी टीवी स्क्रीन के लिए मनोरंजक नहीं है। हथिनी की मौत पर रुदाली करती पोलिटिकल पार्टीज चुप हैं।
नैतिकता के अवतार संविद महापात्रा के राज्य में यह घटना हुई है। दलितों में घर मे जिमनेवाला यह शख्स आज चुप है क्योंकि ओडिशा में सरकार उसके मौसेरे भाई की है। उसे कंठ में लकवा इस लिए मार गया है क्योंकि वो बच्ची आदिवासी है।