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राष्ट्रपति भवन की परम्पराए / विवेक शुक्ला

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फर्स्टलेडी की परंपरा

पूर्व राष्ट्रपति डा.शंकर दयाल शर्मा की पत्नी श्रीमती विमला शर्मा के हाल ही में हुए निधन से बहुत से लोगों को देश के पहले राष्ट्रपति डा. राजेन्द्र प्रसाद की पत्नी श्रीमती राजवंशी देवी ( चित्र मेें )की याद आ गईं। विमला जी की तरह वह भी अति सरल और शालीन महिला थीं। उन्हें राष्ट्रपति भवन में सब मां जी ही कहते थे। 


राजवंशी देवी जी राष्ट्रपति भवन के अंदर चलने वाले स्कूल में होने वाले कार्यक्रमों में भाग लेते हुए मेधावी बच्चों को पुरस्कृत भी करती थीं।


 डा. राजेन्द्र प्रसाद ने देश के पहले राष्ट्रपति का पदभार ग्रहण करने के बाद 1 फरवरी, 1950 को राष्ट्रपति भवन में सपरिवार रहना शुरू कर दिया था। इसी उपलक्ष्य में यहां हर वर्ष 1 फरवरी को राष्ट्रपति भवन दिवस मनाया जाता है। राजवंशी देवी जी इस दिन होने वाले  सांस्कृतिक कार्यक्रमों में राष्ट्पति भवन के स्टाफ और उनके परिवारजनों के साथ वक्त बिताया करती थी।  उनकी अपनी पौत्रियां कनॉट प्लेस के ऱघुमल कन्या विधालय में पढ़ती थीं।


देश के दूसरे राष्ट्रपति एस. राधाकृष्णन विधूर थे। उनकी पत्नी का निधन 1956 में हो गया था।


 डा. जाकिर हुसैन की पत्नी श्रीमती शाहजहां बेगम अपने परिवार के भीतर ही रहना पसंद करती थीं। वह अपने पति के साथ जामिया यूनिवर्सिटी के पास के कब्रिस्तान में चिर निद्रा में हैं। वी.वी.गिरी की पत्नी श्रीमती सरस्वती बाई भी राष्ट्रपति भवन तक सीमित थीं। वह धार्मिक प्रवृति की महिला थीं।  


फिर राष्ट्रपति डा. फ़ख़रुद्दीन अली अहमद बने। उनकी पत्नी बेगम आबिदा अहमद जी भारत की प्रथम महिला नागरिक थीं जो अपने पति के साथ देश-विदेश में होने वाले कार्यक्रमों में भाग लिया करती थीं। वह 1980 और 1984 में उत्तर प्रदेश के बरेली संसदीय क्षेत्र से लोक सभा की दो बार सदस्य थी। उनका बहुत सक्रिय सामाजिक जीवन था। उनकी शिक्षा   अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से हुई थी।


एन.संजीव रेड्डी की पत्नी श्रीमती नागा रत्नम्मा मुगल गॉर्डन में आया-जाया करती थीं। 


उनके बाद बने राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह की पत्नी प्रधान कौर जी अपने पति के साथ शायद ही कभी किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में दिखीं। कहते है, प्रधान कौर जी अपने गांव के घर में रहना पसंद करती थीं। 


कमोबेश यही स्थिति आर.वेकटरामन की पत्नी श्रीमती जानकी वेंकटरामन की भी थी।  उनके बाद डा. शंकर दयाल शर्मा देश के राष्ट्पति बने। के.आर.नारायणन देश के  दसवें राष्ट्रपति थे। उनकी पत्नी उषा नारायणन अपने पति के साथ विदेश यात्राओं में जाती थीं।  वह मूल रूप से बर्मा से थीं। उषा जी पृथ्वीराज रोड स्थित  ईसाई कब्रिस्तान में अपने पति के साथ दफन हैं। 


फिर अविवाहित एपीजे अब्दुल कलाम देश के राष्ट्रपति बने।

 

देवीसिंह रणसिंह शेखावत भारत की पूर्व राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा पाटिल  के पति हैं। वे अपनी पत्नी और देश की राष्ट्रपति के साथ देश-विदेश भी आते-जाते थे। 


प्रणव कुमार मुखर्जी की पत्नी शुभ्रा मुखर्जी जी का अपने पति के सेवाकाल के दौरान 18 अगस्त 2015 को निधन हो गया था। वह शिक्षाविद्द थीं और लेडी इरविन स्कूल से जुड़ी हुई थीं।। वह मुगल गॉर्डन के मालियों से मिलती रहती थीं ताकि मुगल गॉर्डन में रंग-बिरंगे फूलों की छटा बिखरती रहे।

 

भारत की मौजूदा प्रथम महिला नागरिक श्रीमती सविता कोविन्द सरकारी नौकरी करती रही हैं। वह जमीन से जुड़ी हुई महिला हैं। पिछले दिनों मीडिया में खबरें छपी थीं कि सविता जी राष्ट्रपति भवन के भीतर कोविड-19 से बचाव के लिए जरूरी मास्क बना रही हैं। सविता जी भी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की तरह राष्ट्रपति भवन के मुलाजिमों के साथ मिलती-जुलती हैं। यानी राजवंशी देवी जी ने जिस परम्परा को शुरू किया था वह जारी है।


लेख 27 अगस्त को पब्लिश हुआ।


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