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मीना कुमारी औऱ हलाला

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 मीना कुमारी का हलाला कभी नहीं हुआ- ताजदार अमरोही


ताजदार झूठ बोल रहे हैं। अगर नहीं, तो मीना कुमारी ज़ीनत अमन के पिता लेखक अमानुल्लाह खान की एक रात की बेगम क्यों बनीं? फिर इद्दत यानी मासिक आने के बाद उन्होंने तलाक लेकर फिर से कमाल के पास आने की सोची, उसके बाद उन्होंने जब कहा कि अगर इस रस्म को निभाना है, तो मुझमें और एक वेश्या में क्या फर्क रह गया? मीना फिर कमाल अमरोही के पास नहीं गईं। 

अगर ताजदार को गलत लगता है तो कंगना क्यों? पहले उन तमाम किताबों, सोशल मीडिया पर केस करें, जहां यह किस्से बहुतायत पढ़ने को मिलते हैं। लोग सुनाते हैं।

सच कितना भी छिपाओ ताजदार साहब, सच यही है कि बाकर अली से थप्पड़ खाने के बाद मीना कुमारी ने कमाल से ही नहीं, अपनी ज़िंदगी से रिश्ता तोड़ लिया था।

मीना से उसके बाद लोग खिलौने की मानिंद खेलते रहे, उनकी धज्जी धज्जी रात हुई, तन्हा तन्हा दिन बिता, तो उसके कारण कमाल अमरोही थे। आप कुछ भी कहिये, पर सच यही है...


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