रामायण / भारत यायावर
रामायण अर्थात राम का अयन। / भारत यायावर
अयन का अर्थ होता है :
गति
चलना
मार्ग
रास्ता
गृह
आश्रय आदि।
तो रामायन का अर्थ हुआ
राम की गति
राम का चलना
राम का मार्ग
राम का रास्ता
राम का घर
राम का आश्रय।
कुछ लोग रामायन का अर्थ राम की कथा ही समझते हैं। लेकिन वाल्मीकि ने किस अर्थ में रामायण शब्द का प्रयोग किया है?
जैसा कि तुलसी ने कहा है कि रामायन शत कोटि अपारा। यहां शत कोटि का मतलब अनेकानेक से लेना चाहिए, सौ करोड़ नहीं। तात्पर्य यह कि जितने कवियों ने रामायन की रचना की है, सबके अलग-अलग तात्पर्य रहे होंगे।
राम की कथा में वह कौन-सी विशेषताएं हैं जो कवियों को आकर्षित करती रही हैं ? बौद्ध, जैन, सनातनी, मुस्लिम,कृस्तान मतावलंबियों ने भी अपनी तरह से रामायन की कथा लिखी है तो सबका उद्देश्य एक ही कैसे होगा?
राम एक गतिशीलता है। राम एक रास्ता है।राम एक निवासस्थल यानी घर है।राम एक सहारा यानी आश्रय है।
तुलसी ने राम के चरित्र को मानसरोवर की तरह निर्मल और पवित्र मानकर ही रामचरितमानस की रचना की है। मैथिलीशरण गुप्त ने राम की जन्मभूमि साकेत को ही महत्त्व दिया है।
रामायण विश्व मानवता के लिए धरोहर है। इसीलिए इसकी वैश्विक स्वीकृति है। मैं जब रांची में पढ़ता था,तब प्राय: गुरुवर दिनेश्वर प्रसाद के साथ फादर कामिल बुल्के के यहां जाता था और उनके साथ लम्बी बैठकी होली थी। रामकथाओं के उनके विस्तृत ज्ञानालोक में विचरने के साथ-साथ मेरे मन में यह प्रश्न भी उभरता रहता था कि इतनी तरह-तरह की रामकथाओं के मतलब क्या हैं?
महाभारत तो युगों-युगों के भारतीय मानस की गाथा है। किन्तु रामायण एक गतिशील जीवन प्रक्रिया की वैश्विक स्वीकृति है।
भारत यायावर