प्यार / भारत यायावर
प्यार कभी
पागल बनाकर छोड़ देता है
मगर जो प्यार में पड़कर
अपने को खोता है
वह लेता नहीं कुछ भी
बस देता ही देता है
वह निखरता है
फूलों सा महकता है
अपनी आत्मा में
वह संवरता है
किसी अनजान व्यक्ति के भी पास जाता है
उसके दुखते जीवन में खुशियों की बहार लाता है
किसी गिरते हुए मुसाफिर को थाम लेता है
किसी भूखे को खिलाता है
करुणा से भरा मन लिए
फिरता है जगत में
किसी मासूम बच्चे सा
निरंतर खिलखिलाता है
किसी बुढ़िया को माँ कहता
किसी बुजुर्ग को बाबा
किसी को भाई
किसी ज्ञानी के आगे
सिर झुकाता है
हर पीड़ित के आँसू बन टपकता है
किसी मीठी छुअन को याद रखता है
किसी के होंठ चूमे थे, वह आस्वाद
उसमें जिन्दगी भर आह्लाद भरता है
अति सीधा
सरल
सच्चा ही
ऐसा प्यार करता है ।