नेहरू जी मीटिंग में उपस्थित सदस्यों की तरफ देखते हुए कहते है कि....
मुझे लगता है कि भारतीय सेना में अभी किसी को
अनुभव नही है इसलिए किसी ब्रिटिश को ही क्यों न
सेनाध्यक्ष बना दिया जाय ..!
नेहरू जी की ऐसी बातें सुनकर नाथू सिंह राठौड़ जी
आवेश में बोले कि ... मुझे भी लगता है कि यहां के नेताओं को देश चलाने का तजुर्बा नही है क्यों न किसी ब्रिटिश को pm बना दिया जाय...!
ऐसा सीधा सपाट जवाब सुनकर नेहरू जी झेंप गए और
नाथू सिंह राठौड़ जी से बोले कि -
क्या आप सेना अध्यक्ष बनेंगे ..!
तो उन्होंने कहा कि नही केएम करिअप्पा जी मुझसे
वरिष्ठ है और इस पद के लिए ज्यादा योग्य है ......
जनरल करिअप्पा के बाद ही नाथू सिंह जी सेनाध्यक्ष बने....
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