देश को आत्मनिर्भर बनाने वाला बजट //विजय केसरी
केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने वर्ष 2021 - 22 का बजट को जिस रूप में प्रस्तुत किया है, यह देश को आत्मनिर्भर बनाने वाला बजट है। बीते एक वर्ष से हमारा देश कोरोना महामारी से युद्ध करता चला रहा है। कोरोना के इस युद्ध में हमारा देश निरंतर जीत की ओर बढ़ता चला जा रहा है। लॉकडाउन के कारण देश की आर्थिक प्रगति रुक गई है। बेरोजगारी बढ़ती चली जा रही है। लेकिन जिस रूप में बजट हम लोगों के समक्ष आया है , इससे बेरोजगारों को रोजगार मिलेगी। नए उद्यमों के खुलने के अवसर बढ़ेंगे। इससे देश की अर्थव्यवस्था में जबरदस्त सुधार होगा । जैसा कि अंदेशा था कि इस बजट में पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ेंगे। पेट्रोल और डीजल पर सिर्फ 4% कृषि शेष लगाया गया है। इससे पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर बहुत मामूली प्रभाव पड़ेगा। बजट में डीजल और पेट्रोल के दाम नहीं बढ़ाने से देशवासियों को बड़ी राहत हुई है। आयकर स्लैब में किसी भी तरह की कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। यह बजट के लिए अच्छी बात है। साथ ही सालाना आयकर स्लैब में कम किया जाना करदाताओं के लिए बड़ी खुशखबरी की बात है। इस बजट से निश्चित तौर पर कई चीजों के दाम बढ़ेंगे । इसका उपभोक्ताओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। लेकिन उत्पादन कर्ताओं, किसानों और उद्यमियों को इसका लाभ मिलेगा। इससे देश की अर्थव्यवस्था पर अनुकूल प्रभाव पड़ेगा । यह बजट देश के चतुर्दिक विकास के लिए एक कारगर बजट है। हमारा देश आत्मनिर्भर कैसे बने ? इस पर बहुत ही ध्यान दिया गया है ।
सरकार की भी ऐसी मंशा है कि उपभोक्ता सामग्रियां भारत में निर्मित हो और इसकी देश में ही इसकी बिक्री सुनिश्चित हो । देश में विदेशी वस्तुएं नहीं आए, इस निमित्त बजट को तैयार किया गया है। यह बजट देश में इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट की दिशा में एक सार्थक पहल होगी। उद्यमों को चलाने के लिए राव मैटेरियल भी देसी हो ,इसका भी ख्याल रखा गया है । अगर ये बातें जमीन पर उतरती हैं, तो आने वाले समय में इसका सीधा लाभ देश की अर्थव्यवस्था को मिलेगा। इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट से सबसे बड़ी बात यह होगी कि देश के बेरोजगारों को नौकरी मिल पाएगी। देशवासियों की माली हालत सुधरेगी। लोगों की क्रय शक्ति का बढ़ेगी। बजट के प्रावधानों से इलेक्ट्रॉनिक के सामानों में वृद्धि होगी। इस वृद्धि को गहराई से देखा जाए तो इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की कीमतों में बहुत मामूली बढ़ोतरी हुई है, जो समय की मांग है। राव मेटेरियलल के दाम बढ़े हैं । महंगाई बढ़ी है। उद्यमियों को अपने कर्मचारियों को वेतन वृद्धि कर देने पड़ रहे हैं। ऐसी स्थिति में कई चीजों के दाम बढ़ेंगे। जो स्वभाविक है। बजट के प्रावधानों से कई खाद्य सामग्रियों की कीमतें बढ़ेंगी। जैसे दलहन, तिलहन की कीमतें बढ़ेंगी। इस वृद्धि से आम उपभोक्ताओं के कंधों पर बोझ बढ़ेगा। लेकिन देश के किसान आत्मनिर्भर बनेंगे।
इस बजट में देखने योग्य बात यह है कि देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 80% गांव में रहने वाले ग्राम वासियों को आत्मनिर्भर बनाया जाए। इसका विशेष रुप से ख्याल रखा गया है। कृषि पर पूर्व की तरह किसी भी तरह का कोई अतिरिक्त कर नहीं लगाया गया है। कृषि उपकरणों की कीमतों में कोई वृद्धि नहीं की गई है। किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई तरह के छूट भी दिए गए हैं। इन बजट के प्रावधानों से निश्चित तौर पर किसानों को बहुत राहत मिलेगी । किसानों के लोन को और सस्ता किया गया है । आत्मनिर्भर भारत के लिए केंद्र की सरकार हर सुविधा प्रदान करने की दिशा में अग्रसर है। केंद्र की सरकार चाहती है कि देश आत्मनिर्भर बने। देश की अर्थव्यवस्था सुधरे। इस बजट में सबसे बड़ी बात यह है कि देशवासियों के स्वास्थ्य को कैसे बेहतर बनाया जाए ? इसका भी पुख्ता इंतजाम किया गया है। चूंकि देश अभी भी कोरोना संक्रमण से गुजर रहा है। जबकि भारत ने कोरोना वैक्सीन का अविष्कार कर लिया है। देशवासियों को कोरोना वैक्सीन दिए जा रहे हैं। फलत: कोरोना संक्रमण पर पूरी तरह लगाम लगाने के लिए देश का स्वास्थ्य विभाग जी तोड़ मेहनत कर रहा है। देश में हजारों की संख्या में स्वास्थ्य केंद्रों को खोलने की घोषणा की गई है। इस निमित्त ग्रामीण क्षेत्रों पर विशेष रुप से ध्यान रखा गया है । गांव में स्वास्थ्य को लेकर हो रही परेशानियों पर भी ध्यान रखा गया है। गांव एवं शहरों में चलंत एंबुलेंस की व्यवस्था सुनिश्चित करने की घोषणा की गई है। सरकार स्वास्थ सेवा को और बेहतर बनाने के लिए हर संभव कार्य करने के लिए कृत संकल्पित दिख रही है। सरकार स्वास्थ्य केंद्र पर हर समान उपलब्ध कराएगी, जो स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। हेल्थ इंश्योरेंस के दर को कम किया गया है । स्वास्थ्य क्षतिपूर्ति ज्यादा देने की बात कही गई है। यह बजट सेहत और सफाई पर जोर डालती है। देश स्वस्थ और स्वच्छ रहे। इस निमित्त बजट में हजारों का रुपयों प्रावधान किया गया है।
बजट में एक खास बात यह भी आई है कि बैंक के दिवालिया हो जाने पर पहले बैंक को अपने खाता धारको को कम से कम ₹100000 देने की गारंटी थी। अब यह गारंटी बढ़कर 500000 हो गई है। 75 प्लस के पेंशन धारियों को आइटीआर फाइलिंग नहीं करनी होगी । यह स्वागत योग्य पहल है।
इस बजट में देश की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा पर भी ध्यान दिया गया है। देश के भीतर ही रक्षा उपकरणों के निर्माण हो। देश रक्षा उपकरण बनाने में आत्मनिर्भर कैसे बने ? इसका भी ख्याल रखा गया है। देश की सीमा की सुरक्षा के लिए देश के सैनिकों को बेहतर से बेहतर रक्षा के उपकरण मिले, इसका भी ख्याल रखा गया है। यह बजट देश के निम्न वर्ग , मध्यमवर्ग के लोगों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। बजट के कुछ प्रावधानों से कुछ चीजें महंगी जरूर होगी। लेकिन देश की अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए यह कठोर कदम भी जरूरी है। देश की बुनियादी सुविधा सड़क , पानी, बिजली और स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए यह बजट बहुत ही बेहतर है । देश की कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए देशभर में सड़कों का नया जाल बिछाया जाएगा। गांवों को शहरों से जोड़ने की योजना पर तीव्र गति से काम प्रारंभ होगा । 20 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में मेट्रोलाइट की व्यवस्था की जाएगी। एक सौ नए जिलों में पाइपलाइन बिछाने की व्यवस्था की जाएगी। शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक सुधार के लिए देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बड़ा ऐलान किया है। इसके तहत देश में सैकड़ों की संख्या में सैनिक स्कूल खोले जाएंगे। एकलव्य स्कूल स्थापित किए जाएंगे। शिक्षकों की बहाली निश्चित हो पाएगी। इस निमित्त जो भी सुधार संभव होंगे, भारत सरकार करने के लिए कृत संकल्पित दिख रही है। बजट के प्रावधानों से प्रतीत होता है कि सोना कुछ सस्ता जरूर होगा। सोना भारतीय गृहणियों के लिए पहली पसंद रही है। यहां के निवासीगण हर पर्व - त्योहारों में आभूषण जरूर धारण करते हैं। वैसे परिवारों के लिए सोना का सस्ता होना एक स्वागत योग्य कदम है। देश के विभिन्न राज्यों को जोड़ने वाली कई सड़क योजनाओं को मंजूरी दी गई है। वर्षों से लंबित पूलों के निर्माण की बात दूहराई गई है । देश के 27 अतिरिक्त शहरों में मेट्रो लाइन चलाने की घोषणा की गई है । जम्मू-कश्मीर में गैस पाइपलाइन बिछाने जैसी योजना को भी हरी झंडी दी गई है। सरकार देश की सुरक्षा, देशवासियों के स्वास्थ्य, देश के भविष्य नौनिहालों की बेहतर पढ़ाई आदि के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध दिखती है । सरकार इस बजट के माध्यम से संपूर्ण देश को आत्मनिर्भर बनाने में जुटी है। यह बजट निश्चित तौर पर देश को आत्मनिर्भर बनाने वाला बजट है।
विजय केसरी,
( स्तंभकार / कथाकार),
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