जब महाराजा शिवाजी राव होलकर ने मंडी लुटवा दी....
प्रस्तुति - संजीव आचार्य
इंदौर के शासक महाराजा शिवाजी राव होलकर बडे निराले व्यक्तित्व के धनी थे।सन 1899ई० में भयंकर अकाल पडा।प्रजा में भुखमरी फैल गई।व्यापारियों ने अकाल का लाभ उठाने की नियत से अनाज का भंडारण कर लिया।इस कारण हालात और बिगड गए।
महाराजा ने तत्काल व्यपारियों को बुलाया और उनसे पूछा कि
कितना अनाज प्रत्येक व्यापारी के पास है ताकि उसका कुछ भाग होलकर सरकार खरीद कर प्रजा में वितरण करना चहाती
है।सभी व्यपारियों ने अपनी दुकान और गोदाम मे कम अनाज
होने की सूचना दी।किसी के पास 100बोरी अनाज था,तो उसने 20-25बोरे ही लिखबाऐ।यानि की सभी ने अपने भंडारण का 20-30फीसदी मात्रा ही बताई।
महाराजा ने शाम को महाराजा ने भूख से परेशान लोगों को संकेत दे दिया कि वे मंडी लूट ले फिर क्या था गरीब लोगों
की भीड मंडी पहुँच गयी और मल्हारगंज की पूरी मंडी लूट ली
गई।सुबह होते ही सभी व्यापारी महाराजा के पास पहुँचे और
बताने लगे कि मेरे गोदाम में 500बोरे अनाज था।लोगों ने सारा
लूट लिया।इसका उन्हें मुआवजा मिलना चाहिए ।जब सभी व्यापारी अपनी कहानी कह चुके तब विद्वान महाराजा शिवाजी
राव होलकर ने अपने मुनिम को बुलवाया और कहा कि वह सूची ले आओं जिसमें इन सभी का स्टाक दर्ज है।जिस-जिस
व्यापारी का जितना माल लिखा था उसी के अनुसार प्रत्येक
व्यापारी को मुआवजा दे दिया गया।व्यापारी तो मन चाहा लाभ कमा न सके,किंतु प्रजा महाराजा के प्रति कृतज्ञ थी।
अतुल्य भारत -अखण्ड भारत -घनश्याम होलकर इतिहासकार *******
सौजन्य: फेसबुक