Quantcast
Channel: पत्रकारिता / जनसंचार
Viewing all articles
Browse latest Browse all 3437

कपालभाति.....*

$
0
0

कपाल’ का अर्थ है माथा(सिर) तथा भाति का अर्थ है चमकना।*

 *कपालभाति के नियमित अभ्यास करने के से सिर चमकदार बनता है अतः इसे कपालभाति कहते हैं।*

 *कपालभाति एक ऐसी सांस की प्रक्रिया है जो सिर तथा मस्तिष्क की क्रियाओं को नई जान प्रदान करता है।*  

*भाल और कपाल का अर्थ है माथा। भाति का अर्थ है*  *प्रकाश अथवा तेज, इसे ‘ज्ञान की प्राप्ति’ भी कहते हैं।*

 *कपालभाति समूचे मस्तिष्क को तेजी प्रदान करती है तथा निष्क्रिया पड़े उन मस्तिष्क केंद्रों को जागृत करती है जो सूक्ष्म ज्ञान के लिए उत्तरदायी होते हैं।*

*#कपालभाति में सांस उसी प्रकार ली जाती है, जैसे धौंकनी चलती है। सांस तो स्वतः ही ले ली जाती है किंतु उसे छोड़ा पूरे बल के साथ जाता है।*


*कपालभाति का अभ्यास करने के लिये ध्यान_की_मुद्रा में बैठें, आँखें_बंद_करें एवं संपूर्ण  ढीला छोड़ दें।*

*दोनों_नोस्ट्रिल से सांस लें, जिससे पेट फूल जाए और पेट की पेशियों को बल के साथ सिकोड़ते हुए सांस छोड़ दें।*

*अगली बार सांस स्वतः ही खींच ली जाएगी और पेट की पेशियां भी स्वतः ही फैल जाएंगी। सांस_खींचने में किसी प्रकार के बल का प्रयोग नहीं होना चाहिए।*

*कपालभाति मे सांस_धौंकनी के समान चलनी चाहिए।*

*कपालभांति_को तेजी से कई बार दोहराएं।कपालभाति करते समय पेट फूलना और सिकुड़ना चाहिए।*

*आप कपालभाति के नियमित अभ्यास को 500 बार तक कर सकते हैं।*

*अगर आपके पास समय है तो रुक रुक कर इसे आप 5 से 10 मिनट तक कर सकते हैं।*


*कपालभाति के लाभ*


*कपालभाति लगभग हर बिमारियों को किसी न किसी तरह से रोकता है।*

*कपालभाति को नियमित रूप से करने पर वजन घटता है और मोटापा में बहुत हद तक फर्क देखा जा सकता है।*

*कपांलभाँति अभ्यास से त्वचा में ग्लोइंग और निखार देखा जा सकता है।*

*कपालभाति के नियमित अभ्यास करने से आपके बालों के लिए बहुत अच्छा है।*

*कपालभाँति के नियमित अभ्यास से अस्थमा को बहुत हद तक कंट्रोल किया जा सकता*

*कपालभाति के नियमित अभ्यास करने से श्वसन मार्ग के अवरोध दूर होते हैं तथा इसकी अशुद्धियां एवं बलगम की अधिकता दूर होती है।*

*कपालभाँति शीत, (नाक की श्लेष्मा झिल्ली का सूजना), साइनसाइटिस तथा श्वास नली के संक्रमण के उपचार में उपयोगी है।*

*कपालभाँति के नियमित अभ्यास करने उदर में तंत्रिकाओं को सक्रिय करती है, उदरांगों की मालिश करती है तथा पाचन क्रिया को सुधारती है।*

*#कपालभाँति के नियमित अभ्यास करने से फेफड़ों की क्षमता में वृद्धि करती है।*

*कपालभांति के नियमित अभ्यास करने से साइनस को शुद्ध करती है तथा मस्तिष्क को सक्रिय करती है।*

*कपाल भाँति के नियमित अभ्यास करने से पाचन क्रिया को स्वस्थ बनाता है।*

*कपालभाति केनियमित अभ्यास करने से माथे के क्षेत्र में यह विशेष प्रकार की जागरुकता उत्पन्न करती है तथा भ्रूमध्य दृष्टि के प्रभावों को बढ़ाती है।*

*कपालभाँति के नियमित अभ्यास करने से कुंडलिनीशक्ति को जागृत करने में सहायक होती है।*

*कपालभाँति के नियमित अभ्यास करने से कब्ज की शिकायत को दूर करने के लिए बहुत लाभप्रद योगाभ्यास है।*

*कपालभाति के नियमित अभ्यास करने से सांस भीतर स्वतः ही अर्थात् बल प्रयोग के बगैर ली जानी चाहिए तथा उसे बल के साथ छोड़ा जाना चाहिए किंतु व्यक्ति को इससे दम घुटने जैसी अनुभूति नहीं होनी चाहिए*


*हृदय रोग, चक्कर की समस्या, उच्च रक्तचाप, मिर्गी, दौरे, हर्निया तथा आमाशाय के अल्सर से पीड़ित व्यक्तियों को #कपालभाति नहीं करनी चाहिए।*


Viewing all articles
Browse latest Browse all 3437

Trending Articles



<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>