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टेलीविजन पर न्यूज एंकर को देखकर युवा पीढ़ी बहुत रोमांचित दिखती है। आज इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में न्यूज रीडर्स की भरमार है और न्यूज रीडिंग का स्वरूप भी पूरी तरहबदल गया है। प्रतिदिन खुलने वाले न्यूज चैनलों की वजह से इस क्षेत्र में रोजगार की संभावनाएं भी बहुत अधिक बढ़गई हैं।
जरूरत है तो सिर्फ धैर्यपूर्वक काम करने वालों की। रेडियो से लेकर टेलीविजन तक सबमें इनकी आवश्यकता है। न्यूज रीडिंग के क्षेत्र में पैसा और शोहरत दोनों हैं।
न्यूज रीडिंग के लिए प्रशिक्षण जरूरी है क्योंकि यह हुनर प्रशिक्षण एवं अनुभव से ही बेहतर तरीके से सीखा जा सकता है। न्यूज रीडिंग से जुड़ी अन्य बारीकियाँ प्रोफेशन में जुड़े रहने से अपने आप ही आ जाती हैं। लेकिन इसमें प्रशिक्षण के साथ-साथ खुद की काबिलियत एवं दक्षता भी बहुत मायने रखती है।
किसी भी न्यूज की जान उसका प्रस्तुतीकरण ही होता है। चाहे प्रिंट मीडिया हो या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, दोनों में प्रभावी प्रस्तुतीकरण तभी संभव है जब आपको न्यूज से जुड़ी तमाम बारीकियाँ मालूम हों।
एक सफल न्यूज रीडर बनने के लिए अभ्यर्थी को अंग्रेजी एवं हिंदी दोनों भाषाओं पर मजबूत पकड़ होनी आवश्यक है लेकिन माध्यम कोई भी हो, अंग्रेजी भाषा का ज्ञान ही आपको यथोचित पहचान दिला सकता है। आत्मविश्वास के साथ न्यूज के सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर ही न्यूज रीडिंग का कार्य किया जा सकता है।
न्यूज रीडिंग के क्षेत्र में करियर बनाने के इच्छुक छात्रों को उच्चारण पर विशेष ध्यान देना चाहिए है। क्योंकि जब तक शब्दों पर पकड़ मजबूत नहीं होगी तब तक अच्छे कार्यक्रम की प्रस्तुति नहीं हो सकती। सामान्य ज्ञान, समाचारों की समझ, आत्मविश्वास, हावभाव आदि ऐसे कई कारक हैं, जिनके सहारे एक अच्छा न्यूज रीडरबना जा सकता है।
न्यूज रीडिंग कोर्स पूरा करने के पश्चात कई तरह की जानकारी जैसे न्यूज में इनवॉल्व होना, एवेयरनेस, समाचारों की गंभीरता, थियोरेटिकल नॉलेज की जानकारी छात्रों को अधिक लाभ पहुंचाती है। यदि न्यूज रीडर को रिपोर्टिंग के लिए जाना पड़े तब उसे किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आती है।
यही नहीं, अच्छी पर्सनालिटी भी न्यूज रीडिंग के लिए बेहद जरूरी है। आकर्षक व्यक्तित्व के साथ यदि न्यूज का सेंस अच्छा हो, चेहरे के अनुकूल भाव हों और शब्दों का चयन उचित प्रकार से किया गया हो तभी एक सफल न्यूज रीडरमाना जा सकता है। अनेक न्यूज रीडर ऐसे भी हैं जो बाह्य व्यक्तित्व के आकर्षक न होने के बावजूद न्यूज सेंस व समझ के कारण बहुत अधिक सफल हुए ह