Quantcast
Viewing all articles
Browse latest Browse all 3437

वासुदेव बलवंत फडके की शहादत

 वासुदेव बलवंत फडके जी की जन्म जयंती पर शहीद भगत सिंह ब्रिगेड समाज सुधार समिति कोटि-कोटि नमन करती है जय हिंद जय भारत शहीदों को कोटि कोटि नमन हिंदुस्तान अमर शहीद क्रांतिकारियों का ऋणी है ऋणी रहेगा मरते दम तक। (4 नवम्बर 1845 – 17 फ़रवरी 1883) भारत के स्वतंत्रता संग्राम के क्रांतिकारी थे जिन्हें आदि क्रांतिकारी कहा जाता है। वे ब्रिटिश काल में किसानों की दयनीय दशा को देखकर विचलित हो उठे थे। उनका दृढ विश्वास था कि 'स्वराज'ही इस रोग की दवा है।


मुम्बई में वासुदेव बलवंत फडके की मूर्ति


जिनका केवल नाम लेने से युवकोंमें राष्ट्रभक्ति जागृत हो जाती थी, ऐसे थे वासुदेव बलवंत फडके। वे भारतीय स्वतंत्रता संग्रामके आद्य क्रांतिकारी थे। उन्होंने स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए सशस्त्र मार्ग का अनुसरण किया। अंग्रेजों 😀के विरुद्ध विद्रोह करने के लिए लोगों को जागृत करने का कार्य वासुदेव बलवंत फडके ने किया। महाराष्ट्र की कोळी, भील तथा धांगड जातियों को एकत्र कर उन्होने 'रामोशी'नाम का क्रान्तिकारी संगठन खड़ा किया। अपने इस मुक्ति संग्राम के लिए धन एकत्र करने के लिए उन्होने धनी अंग्रेज साहुकारों को लूटा।


फडके को तब विशेष प्रसिद्धि मिली जब उन्होने पुणे नगर को कुछ दिनों के लिए अपने नियंत्रण में ले लिया था। २० जुलाई १८७९ को वे बीजापुर में पकड़ में आ गए। अभियोग चला कर उन्हें काले पानी का दंड दिया गया। अत्याचार से दुर्बल होकर एडन के कारागृह में उनका देहांत हो गया।


Viewing all articles
Browse latest Browse all 3437

Trending Articles



<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>