(तस्वीर में मेरे साथ हैं या फिर यूं कहें कि मैं उनके साथ हूं,)
वरिष्ठ संपादक और छत्तीसगढ़ के ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातिलब्ध संपादक, पत्रकार, लेखक, चिंतक श्री रमेश नैयर जो किसी परिचय के मोहताज तो कतई नहीं हैं। बड़े लंबे अरसे बाद सर से मुलाकात हुई। संयोग कुछ ऐसा है कि उनका और मेरा घर आसपास जुड़ी कॉलोनी में ही है। यह बताना मुझे अच्छा लग रहा है कि सर से जब भी मिलो तो आप जानकारियों से लबरेज और कहना चाहिए ज्ञान में अभिवृद्धि से गदगद होकर लौटते हैं।
हमेशा ऊर्जा से भरे और गर्मजोशी के साथ आने वालों को मान मनुहार के साथ स्वागत करने वाले नैयर सर ने पुस्तकों से प्रेम करना सिखाया और जब भी मैं उनके पास से लौटा तो कोई न कोई पुस्तक जरूर देते हैं।
मुझे तो हमेशा इनकरेज करते हैं। सक्रिय पत्रकारिता में अर्ध शताब्दी से भी ज्यादा समय उन्होंने बिताया है तो कहने में कोई गुरेज नहीं कि वह संपादकों के भी संपादक हैं। उनको इसी तरह स्वस्थ प्रसन्नचित्त दीर्घ जीवन की शुभ कामनाएं।
( सौजन्य श्री रमेश कुमार रिपु)