उनसे पहली मुलाकात 1977- 78 में नार्थ कैम्पस दिल्ली विश्विद्यालय के ग्वायर हॉल में हुई थी। जहां प्रयोग नाट्यमंच के द्वारा बदल सरकार के नुक्कड़ नाटक "जुलूस"का मंचन हुआ।
फिर कुछ दिनों बाद वह जानेमाने नृत्यनिर्देशक व फ़िल्म।अदाकार एम के प्रयोग ग्रुप से जुड़ गए। उनके साथ हमने करीब कई दर्जन जुलूस के शो किये। उस टीम में 'मुन्ना था'की भूमिका में सुधीर मिश्र थे जो कि इस समय जाने माने फ़िल्म निर्देशक हैं ,और बकलम 'खुद मुन्ना'है की भूमिका में था।
विनोद के साथ गुज़रे वक्त और मंडी हाउस के हंसी ठहाके जिसमें जुलूस टीम के बेहतरीन कलाकार वीरेंद्र सक्सेना जो आजकल फिल्मी दुनिया में जाने माने चरित्र अभिनेता हैं और आदिल राणा जो जुलूस में एक पोलिस वाले कि भूमिका निभाते थे।
हम बदलते वक्त के साथ टाइम्स ऑफ इंडिया ग्रुप में नवभारत टाइम्स में रिपोर्टर बना और वे एक बार फिर टाइम्स ऑफ इंडिया में उच्च पद पर आए। इससे पहले प्रणव राय और विनोद दुआ ने tv जगत में अपनी रिपोर्टिंग और चुनाव की लाइव रिपोर्टिंग कर तहलका।मचाया। जिसका पूरा देश और विदेश गवाह रहा और उन्हें भरपूर सराहना मिली।
मुझे इस बात की खुशी है कि जुलूस नाटक के जो संदेश थे उसके तेवर को उन्होंने कभी नहीं छोड़ा। सत्ता प्रतिष्ठान और नागरिक अधिकारों और देश के सरोकार के वे जीवंत उदाहरण बने रहे।
विनोद दुआ हम आपको याद रखेंगे। आप हम से दूर न हो पाएंगे क्योंकि आप देश और समाज को समर्पित सख्सियत रहे। नम आंखों से श्रद्धांजलि आपको। अल्लाह आपकी रूह को सुकून दे। आमीन। 🙏🏿🙏🏿🙏🏿