आपातकाल में कर्पूरी ठाकुर की नेपाल में उपस्थिति को लेकर भारत सरकार चिंतित थी। भारत सरकार ने नेपाल सरकार से कहा कि ‘‘आप कर्पूरी ठाकुर को हमारे हवाले कर दें। ऐसा करने से नेपाल सरकार ने साफ इनकार कर दिया। नेपाल सरकार ने कहा कि जिस तरह नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री बी.पी. कोइराला भारत में रह रहे हैं, उसी तरह कर्पूरी ठाकुर भी नेपाल में हैं। नेपाल सरकार के इस रुख से कर्पूरी ठाकुर को तात्कालिक राहत मिल गई।
कर्पूरी ठाकुर चाहते थे कि वे नेपाल में ही भूमिगत रह कर भारत में जारी इंदिरा सरकार विरोधी गतिविधियों पर नजर रखें और जरूरत पड़े तो उन्हें संचालित भी करें। याद रहे कि 25 जून 1975 की रात में जब इस देश में आपातकाल लागू हुआ। तब संयोग से कर्पूरी ठाकुर नेपाल के राज बिराज में ही थे। आपातकाल की गंभीरता को समझने के बाद उन्होंने नेपाल में ही रह कर भारत में जारी आपातकाल विरोधी भूमिगत आंदोलन के कार्यकर्ताओं के लगातार संपर्क में रहने का फैसला किया।
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