स्वर कोकिला लता मंगेशकर क़ो विनम्र श्रद्धांजलि
कांटों से खींच के ये आंचल
तोड़ के बंधन बांधी पायल
कोई न रोको दिल की उड़ान को
दिल वो चला हा हा हा हा
आज फिर जीने की तमन्ना है
आज फिर मरने का इरादा है
आज फिर जीने की तमन्ना है
आज फिर मरने का इरादा है...
अपने ही बस में नहीं मैं
दिल है कहीं तो हूं कहीं मैं
हूं अपने ही बस में नहीं मैं
दिल है कहीं तो हूं कहीं मैं
जाने क्या पाया मेरी ज़िंदगी ने
हंस कर कहा, हाहा हा हा हा
आज फिर जीने की तमन्ना है
आज फिर मरने का इरादा है
आज फिर जीने की तमन्ना है
आज फिर मरने का इरादा है...
मैं हूं गुबार या तूफ़ां हूं
कोई बताए मैं कहाँ हूं
मैं हूं गुबार या तूफ़ां हूं
कोई बताए मैं कहां हूं
डर है सफ़र में कहीं खो न जाऊं मैं
रस्ता नया, आ आ आ आ आ
आज फिर जीने की तमन्ना है
आज फिर मरने का इरादा है
आज फिर जीने की तमन्ना है
आज फिर मरने का इरादा है...
कल के अंधेरों से निकल के
देखा है आंखें मलते-मलते
कल के अंधेरों से निकल के
देखा है आंखें मलते-मलते
फूल ही फूल ज़िंदगी बहार है
तय कर लिया, आ आ आ आ आ
आज फिर जीने की तमन्ना है
आज फिर मरने का इरादा है
आज फिर जीने की तमन्ना है
आज फिर मरने का इरादा है...
🙏🙏🙏 स्वर कोकिला
विश्व रत्न सुश्री लता जी को
शत शत नमन 🙏🙏🙏🙏