‘ जैन के लिए देश प्रेम अनमोल, ठुकराई विलायती नौकरी’
टीएमयू के एमजीबी श्री अक्षत जैन का हैं संकल्प
TMU को दुनिया की टॉप 200 यूनिवर्सिटीज में शुमार कराने की हैं रणनीति (योजना )
अब हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से करेंगे एजुकेशन लीडरशिप में पोस्ट ग्रेजुएशन
प्रो.श्याम सुंदर भाटिया
देश सेवा किसी विशेष मंच की मोहताज नहीं है। सियासीदां या नौकरशाह ही होना इसकी कोई अनिवार्य शर्त नहीं है। हां, इसके लिए जज्बा होना चाहिए। उसूल होने चाहिए। नेक-नीयत होनी चाहिए। शैक्षणिक प्लेटफार्म से भी इसका कुशल नेतृत्व किया जा सकता है। यह मानना है] तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के एस्टिम्ड मेंबर ऑफ गवर्निंग बॉडी (एमजीबी) श्री अक्षत जैन का।
एमजीबी श्री जैन ने ख़ास गुफ्तगू में प्राइमरी शिक्षा से लेकर यूजी तक का सफरनामा भी साझा किया। वह जीवन में देश सेवा के जज्बे को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं। श्री जैन कहते हैं] देश प्रेम अनमोल है। इसी की खातिर उन्होंने आईएफएस बनने की चाह छोड़ दी थी। आकर्षक पगार पर विलायती ऑफर को भी ठुकरा दिया। वह चाहते हैं] भारतीय संस्कार और संस्कृति के संग-संग वैश्विक स्तर की उच्च शिक्षा के मापदण्डों की खुशबू से तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी का कैम्पस महक उठे। अपने सपनों में रंग भरने के लिए अब उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की राह चुनी है। वह एजुकेशन लीडरशिप में वहाँ से मास्टर की डिग्री करने जा रहे हैं। श्री जैन कहते हैं, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से मास्टर की डिग्री करने के बाद दुगनी ऊर्जा से टीएमयू लौटूंगा। वेल्हम स्कूल, देहरादून की तत्कालीन प्राचार्या श्रीमती गुनमीत बिन्द्रा कहती हैं, श्री अक्षत वेल्हम के अपने समकक्ष छात्रों में शीर्ष में शुमार रहे हैं। उन्हें अडिग मूल्यों और जमीनी युवा के रूप में विकसित होते हुए देखना दिल को छू लेने वाला है। मैं हार्वर्ड स्कूल ऑफ एजुकेशन में मास्टर डिग्री के लिए एडमिशन होने पर बधाई देती हूँ। मुझे श्री अक्षत जैन पर गर्व है।
अपने गृह जनपद मुरादाबाद से बेसिक तालीम के बाद पिताश्री एवं टीएमयू के ग्रुप वाइस चेयरमैन श्री मनीष जैन के प्रोत्साहित करने एवं देहरादून के नामचीन वेल्हम ब्वॉयज स्कूल का अति महत्व बताने पर उन्होंने वहां तीसरी क्लास में प्रवेश ले लिया। बारहवीं तक उनकी स्कूलिंग यहीं पर मुकम्मल हुई। प्रारम्भिक पाँच साल अभिभावकों के मोहपाश में निकल गए। रफ्ता-रफ्ता दोस्त बने और स्टडी में भी मन रमने लगा।
श्री जैन बताते हैं, हाई स्कूल के बाद मैंने सिविल सर्विस में आईएफएस बनने का सपना देखा ताकि दूसरे मुल्कों में रहकर भी देश की सेवा कर सकूं। हालांकि मेरे नियर्स एवं डियर्स मेरे चयनित सब्जेक्ट्स पर सवाल भी उठाते थे। बोले, इससे क्या फर्क पड़ता है, देश सेवा भारत में रहकर करें या विदेश में रहकर। 12वीं में मैंने सर्वोच्च 97.2 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। ग्रेजुएशन में आते-आते सोच का दायरा और बड़ा हुआ। सत्र 2015-2019 में अर्थशास्त्र और इन्टरनेशनल रिलेशंस में अमेरिका की टफ्ट्स यूनिवर्सिटी से यूजी किया। म्यूचुअल स्टडी के दौरान लंदन स्कूल ऑफ इकॉनोमिक्स एण्ड पॉलिटिकल साइंस से एक साल का कोर्स करने का सुअवसर भी मिला।
उल्लेखनीय है कि देश के जाने-माने अर्थशास्त्रीएवं पूर्व प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह ने भी अपनी स्टडी वहीं से की है। 2019 में मुझे जानी-मानी डिलॉयट कम्पनी ने कैलिफोर्निया के लिए जॉब का आकर्षक ऑफर दिया। बहुत मनन और मंथन के बाद मैंने तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी में रचने-बसने का फैसला लिया। कोविड-19 के चलते 2 साल दुनिया से ही ऑनलाइन जुड़ाव रहा। श्री अक्षत कहते हैं,कोविड-19 को सच में हमने अवसर में बदला है। हमारा डिजिटल प्लेटफार्म बहुत स्ट्रॉन्ग है।
गूगल पर टीएमयू का मैप टूर अपलोड है। आप दुनिया में कहीं से भी इसकी एक्टिीविटिज देख सकते हैं। कोविड-19 से लेकर आजतक हमारी कोई भी ऑनलाइन क्लास मिस नहीं हुई है। यह बताते हुए गर्व महसूस करता हूँ, सूबे में सरकारी और प्राइवेट यूनिवर्सिटीज में फाइनल रिजल्ट घोषित करने वालों में टीएमयू अव्वल रही है। मेडिकल कॉलेजों को छोड़कर जुलाई तक हमने सभी रिजल्ट घोषित कर दिए थे। मेरा सपना टीएमयू को दुनिया की टॉप 200 यूनिवर्सिटीज में शामिल करना है। उम्मीद करता हूँ, हम सब मिलकर इस ख्वाब को जल्द से जल्द साकार कर लेंगे।
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में प्रवेश उनके सपने पूरे होने जैसा है। यूनिवर्सिटी के हार्वर्ड स्कूल ऑफ एजुकेशन से एजुकेशन लीडरशिप, आर्गेनाइजेशंस और एंटरप्रिन्योरशिप में वह मास्टर डिग्री लेंगे। श्री जैन ने इंडिया की नई शिक्षा नीति को वरदान बताते हुए कहा, हार्वर्ड स्कूल ऑफ एजुकेशन में स्टडी के दौरान विदेशी एजुकेशन लीडरशिप, आर्गेनाइजेशंस और एंटरप्र्रिन्योरशिप की विशेषताओं को करीब से समझने का मौका मिलेगा। बोले, एनईपी- 200 की खास बात यह है, स्टुडेंटस के लिए आशा की किरण है। यदि कोई छात्र फर्स्ट ईयर के बाद स्टडी का ट्रेक मे बदलाव चाहता है तो एक साल की पढ़ाई का उसे सर्टिफिकेट मिल जायेगा। दो बरस की स्टडी के बाद डिप्लोमा, तीसरा वर्ष मुकम्मल करने पर डिग्री तो चौथे वर्ष ऑनर्स का प्रावधान है।
टीएमयू के चांसलर श्री सुरेश जैन बोले, शिक्षा के फील्ड में हमारी यह तीसरी पीढ़ी नहीं, बल्कि चौथी पीढ़ी है। मेरे पिताश्री स्वर्गीय श्री प्रेम प्रकाश जैन ने मेरी जन्म स्थली हरियाना में 1960 में इण्टर कॉलेज खोला था। यूनिवर्सिटी के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए बोले, निःसन्देह इंफ्रास्टक्चर में हम देश की टॉप यूनिवर्सिटीज में शामिल हैं। अब क्वालिटी में भी टॉप यूनिवर्सिटीज शुमार होना है। उन्होंने उम्मीद जताई, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से एजुकेशन लीडरशिप में मास्टर की डिग्री के बाद टीएमयू निश्चित तौर पर लाभान्वित होगी। उन्होंने अपनी बात इस शेर के साथ समाप्त की ...मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंज़िल, मगर लोग साथ आते गए और कारवाँ बनता गया ...
श्री अक्षत जैन के पिताश्री एवं यूनिवर्सिटी के ग्रुप वाइस चेयरमैन श्री मनीष जैन बोले, श्री अक्षत एजुकेशन लीडरशिप में मास्टर की डिग्री दुनिया की टॉप यूनिवर्सिटी से करने जा रहे हैं। इस यूनिवर्सिटी में उच्च शिक्षा के लिए वर्ल्ड की टॉप क्रीम आती है। बेटे अक्षत को संग रहने पर वैश्विक अनुभव मिलेंगे, जिन्हें वह बाद में टीएमयू में साझा करेंगे। जीवीसी श्री जैन बोले, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी एक ऐसा प्लेटफार्म है, जहां दुनिया की सोच बनती है। मैं आशांवित हूँ, अक्षत की यह मास्टर डिग्री तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के लिए मील का पत्थर साबित होगी। हार्वर्ड स्कूल में श्री अक्षत जैन का प्रवेश होने पर दादी श्रीमती वीना जैन के संग-संग माता श्रीमती रिचा जैन समेत पूरे परिवार ने बधाई देते हुए उज्जवल भविष्य की कामना की है।
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