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प्रेस क्लब प्रबंधन का काला सच

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 निर्निमेष कुमार-


प्रेस क्लब प्रबंधन ने मुझे (Nirnimesh Kumar) क्लब से बाहर क्यों किया? ये हैं प्रमुख कारण…

१. २०१० के प्रबंधन के अधिकारियों के खिलाफ एक करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार के केस को बंद किए जाने को मैने उजागर किया और विरोध किया।

२. कल्ब में पांच लाख रूपये नकद के गबन को उजागर किया और इसके के खिलाफ दिल्ली पुलिस में शिकायत की।

३. पूर्व लोकसभा सदस्य अजय माकन के MPLAD फंड से मिले ३२ लाख रूपये में खरीदे गए जिम के समान को कौड़ी के भाव कबाड़ीवाल को बेच दिया, जिसे मैंने उजगार किया और पुलिस में शिकायत की।

४. कल्ब का एक कर्मचारी, जो क्लब के अंदर से चीटिंग रैकेट चला रहा था, उसे मैने उजागर किया। वह तीन महीने जेल में रहकर अभी जमानत पर बाहर आया है। इतना ही नहीं, वह अपने सह अभियुक्तिओं को क्लब के पिछले दरवावाजे से अंदर लाता था और उसे शराब और खाना परोसता था। उस कर्मचारी के नाम से करीब ५० हजार रूपए बकाया है। क्लब के एकाउंटस से कोई सदस्य चेक कर सकता है।

५. प्रबंधन ने क्लब के कर्मचारियों का पिछले पांच महीने से पीएफ का पैसा जमा नहीं किया, जिसे मैंने उजगार किया।

६. पहली लॉकडाउन के वक्त नियम के खिलाफ क्लब खोलकर शराब की बोतलें बेची गई, सदस्य और गैर सदस्य दोनों को, क्लब के वकील पर अभी भी २ लाख अठाईस हज़ार बकाया है उस दौरान शराब खरीदने के लिए। क्लब के किचन का काम करवाने ठीकेदार के यहां भी हजारों रुपए बकाया है उस दौरान शराब की बोतलें खारदीनेर का। एकाउंट में कोई भी सदस्य चेक कर सकता है।

७ प्रबंधन को ये पसंद नहीं की क्लब के वार्षिक सामान्य बैठक में उनसे कोई सवाल पूछे। किसी भी बैठक में मुझे बोलने नहीं दिया गया. जो भी सदस्य उनके खिलाफ बोला, उसे क्लब से बाहर निकाल दिया।

८. कल्ब को एक कॉकस के कब्जे से मुक्त कराने की आवाज उठाई. कल्ब के संविधान में ऐसी तब्दीलियां कर दी गई है कि क्लब सदा एक समूह के कब्जे में ही रहेगा।

९. चुपके चुपके सदस्यता देने का विरोध किया। हर साल इस तरह से सदस्य बनाकर चुनाव जीतने का विरोध किया।

१०. पिछले दस साल से एक ही व्यक्ति को मुख्य चुनाव अधिकारी बनाने का विरोध किया।



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