Quantcast
Viewing all articles
Browse latest Browse all 3437

डायबिटीज और हाइपरटेंशन है ?*

    


*डायबिटीज और हाइपरटेंशन है ?*

यानी *दातून करना भूल चुके* हो...तो 

*वापसी कीजिये, तुरंत!*


सन 1990 से पहले कितने लोगों को 

*डायबिटीज़ होता था?* कितने लोग *हाइपरटेंशन* से त्रस्त थे? नब्बे के दशक के साथ *हर घर में एक डायबिटीज़* और *हाई ब्लड प्रेशर का रोगी* आ गया, क्यों? बहुत सारी वजहें होंगी, जिनमें हमारे *खानपान में बदलाव* को सबसे *खास माना जा सकता* है। बदलाव के उस दौर में एक *चीज बहुत ख़ास थी* जो *खो गयी*, पता है ना क्या है वो? *दातून* ?...गाँव देहात में आज भी लोग *दातून इस्तमाल* करते दिख जाएंगे लेकिन शहरों में *दातून पिछड़ेपन* का संकेत बन चुका है। गाँव देहात में *डायबिटीज़ और हाइपरटेंशन* के रोगी यदा कदा ही दिखेंगे या ना के बराबर ही होंगे। वजह साफ है, ज्यादातर लोग आज भी *दातून करते* हैं।  *डायबिटीज़ और हाइ ब्लड प्रेशर* के साथ *दातून का क्या संबंध, यही सोच* रहे हो ना?..तो आज *आपका दिमाग हिल* जाएगा..और फिर सोचिएगा, हमने क्या खोया, क्या पाया?


ये जो बाज़ार में *टूथपेस्ट और माउथवॉश* आ रहे हैं ना, *99.9% सूक्ष्मजीवों* का नाश करने का दावा करने वाले, उन्हीं ने *सारा बंटाधार* कर दिया है। ये *माउथवॉश और टूथपेस्ट* बेहद *स्ट्राँग एंटीमाइक्रोबियल* होते हैं और हमारे मुंह के *99% से ज्यदा सूक्ष्मजीवों को वाकई मार गिराते* हैं। इनकी मारक क्षमता इतनी जबर्दस्त होती है कि ये मुंह के उन *बैक्टिरिया का भी खात्मा* कर देते हैं, जो हमारी *लार (सलाइवा)* में होते हैं और ये वही बैक्टिरिया हैं जो हमारे शरीर के *नाइट्रेट (NO3-)* को *नाइट्राइट (NO2-)* और बाद में *नाइट्रिक ऑक्साइड (NO)* में *बदलने में मदद* करते हैं। जैसे ही हमारे शरीर में *नाइट्रिक ऑक्साइड* की कमी होती है, *ब्लड प्रेशर* बढ़ता है। ये दुनियाभर की रिसर्च स्ट्डीज़ बताती हैं कि *नाइट्रिक ऑक्साइड* का कम होना *ब्लड प्रेशर को बढ़ाने* के लिए जिम्मेदार है। जर्नल ऑफ क्लिनिकल हायपरेटेंस (2004) में *'नाइट्रिक ऑक्साइड इन हाइपरटेंशन'* टाइटल के साथ छपे एक रिव्यु *आर्टिकल में सारी जानकारी विस्तार से* छपी है। और, *नाइट्रिक ऑक्साइड* की यही कमी *इंसुलिन रेसिस्टेंस* के लिए भी जिम्मेदार है। समझ आया खेल? *नाइट्रिक ऑक्साइड* कैसे बढ़ेगा जब इसे बनाने वाले *बैक्टिरिया का ही काम तमाम* कर दिया जा रहा है? *ब्रिटिश डेंटल* जर्नल में 2018 में तो बाकायदा एक स्टडी छपी थी जिसका टाइटल ही *’माउथवॉश यूज़ और रिस्क ऑफ डायबिटीज़’* था। इस स्टडी में बाकायदा *तीन साल तक उन लोगों पर अध्धयन* किया गया जो दिन में कम से कम *2 बार माउथवॉश* का इस्तमाल करते थे और पाया गया कि *50% से ज्यादा लोगों को प्री-डायबिटिक या डायबिटीज़ की कंडिशन* का सामना करना पड़ा।


अब *बताओ करना क्या* है? कितना *माउथवॉश यूज़* करेंगे? कितने टूथपेस्ट लाएंगे *सूक्ष्मजीवों को मार* गिराने वाले? दांतों की फिक्र करने के चक्कर में आपके पूरे शरीर की *बैंड बज* रही है सरकार.. गाँव देहातों में तो *दातून का भरपूर इस्तेमाल* हो रहा है, और ये दातून *मुंह की दुर्गंध भी दूर* कर देते हैं और सारे *बैक्टिरिया का खात्मा* भी नहीं करते।  अब आप सोचेंगे *टूथपेस्ट और माउथवॉश* को लेकर इतनी पंचायत कर ली तो *दातून के प्रभाव* को लेकर किसी क्लिनिकल स्टडी की बात क्यों नही की? तो भई, अब दातून से *जुड़ी स्टडी की भी बात* हो जाए। 

बबूल और नीम की *दातून को लेकर एक क्लिनिकल स्टडी* जर्नल ऑफ क्लिनिकल डायग्नोसिस एंड रिसर्च में छपी और बताया गया कि *स्ट्रेप्टोकोकस म्यूटेंस की वृद्धि* रोकने में ये दोनों जबर्दस्त तरीके से कारगर हैं। ये वही *बैक्टिरिया है जो दांतों को सड़ाता* है और *कैविटी का कारण* भी बनता है। वो सूक्ष्मजीव जो *नाइट्रिक ऑक्साइड* बनाते हैं जैसे *एक्टिनोमायसिटीज़, निसेरिया, शालिया, वीलोनेला* आदि दातून के शिकार नहीं होते क्योंकि इनमें वो *हार्ड केमिकल कंपाउंड* नहीं होते जो *माउथवॉश और टूथपेस्ट* में डाले जाते हैं। 


आदिवासी दांतों पर दातून घुमाने के बाद *एकाध बार थूकते* है, बाद में *दांतों पर दातून की घिसाई* तो करते हैं और *लार को निगलते जाते* हैं? लिंक समझ आया? *लार में ही तो असल* खेल है। ये हिंदुस्तान का *ठेठ देसी ज्ञान* है ।


मुद्दे की बात ये है कि वापसी करो, थोड़ा 

*भटको और चले आओ दातून* 

की तरफ..कसम से।


*बासी पानी जे पिये, ते नित हर्रा खाय।*

*मोटी दतुअन जे करे, ते घर बैद न जाय।।*


Viewing all articles
Browse latest Browse all 3437

Trending Articles