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बिजनौर की पत्रकारिता के पितामह : बाबूसिंह चैहान

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बिजनौर की पत्रकारिता के पितामह : बाबूसिंह  चौहान

अमन कुमार त्यागी 


बाबूसिंह चैहान का जन्म फाल्गुन पूर्णिमा, सन् 1928 को 

श्रीमती मेवा देवी एवं श्री बसंत सिंह के आंगन ग्राम महावतपुर, पो. जटपुरा, थाना अफजलगढ़, जिला बिजनौर में हुआ था।  आपके पिता कृषक थे परंतु शिक्षा के प्रति जागरूक थे।

बाबू सिंह चौहान शिक्षा प्राप्ति के दौरान ही स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ गए थे। सन् 1943 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान न सिर्फ धामपुर में गिरफ्तारी हुई बल्कि आर.एस.एम. इंटर कालेज, धामपुर से स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने के आरोप में निष्कासन भी झेलना पड़ा। चौहान जी स्वतंत्रता से पूर्व भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के समर्पित कार्यकर्ता थे परंतु स्वतंत्रता के पश्चात् 1948 में जयप्रकाश नारायण, डा. राम मनोहर लोहिया और आचार्य नरेन्द्रदेव के साथ कांग्रेस छोड़कर सोशलिस्ट पार्टी में प्रवेश कर गए। आप 1952 तक सोशलिस्ट पार्टी की राष्ट्रीय परिषद के सदस्य रहे। उन्हीं दिनों जयप्रकाश नारायण व डा. राम मनोहर लोहिया उनके पैतृक गांव महावतपुर में आए और गांव की मिट्टी को नमन करके उनके कार्यों की सराहना की। बाबू सिंह चैहान द्वारा संपादित पत्र ‘चिंगारी’ साप्ताहिक के संपादकीय मंडल में जयप्रकाश नारायण एक संपादकीय सहयोगी के रूप में रहे। सन् 1953 में सोशलिस्ट पार्टी छोड़कर कम्युनिस्ट पार्टी में शामिल हो गए और स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद जनांदोलन तथा मजदूर आंदोलन में अनेक बार जेल की यात्रा की।

श्रमिक आंदोलन में भी आप निरंतर सक्रिय रहे। बिजनौर जनपद के इतिहास में पहले श्रमिक आंदोलन का 1948 में सूत्रपात। 1949 में चीनी मिल मजदूरों का नेतृत्व किया। आमरण अनशन व जेल यात्राऐं भी की। आप उत्तर प्रदेश, बिहार चीनी मिल मजदूर यूनियन के तीन वर्ष तक सचिव भी रहे। जब राजनीतिक दलों से मन उकता गया तो सन् 1967 में सभी राजनीतिक दलों से संबंध विच्छेद कर पूर्णकालिक पत्रकार बन गए। 

26 जनवरी, 1950 को ‘चिंगारी’ हिन्दी साप्ताहिक का संपादन एवं प्रकाशन करके पत्रकारिता जगत में प्रवेश किया। इसके अलावा आपने ‘मांझी’, ‘अनुशीलन’, ‘अणुव्रत’ (कलकत्ता), ‘नवरंग’ और ‘जनजीवन’ हिन्दी दैनिक भटिंडा (पंजाब) आदि पत्रों एवं पत्रिकाओं का संपादन भी आपने कुशलता पूर्वक किया। बिजनौर से प्रथम दैनिक समाचार-पत्र ‘बिजनौर टाइम्स’ का 14 नवंबर, 1963 को प्रकाशन एवं संपादन प्रारंभ किया। इसी समाचारपत्र में सन् 1964 में 'भूखा मानव क्या करेगा', शीर्षक से समाचार प्रकाशित करने पर तत्कालीन जिला प्रशासन द्वारा डीआईआर में गिरफ्तार कर यातनाएं दी गईं। बिजनौर जनपद का प्रथम सांध्य दैनिक ‘चिंगारी’ 25 अक्टूबर 85 से प्रारंभ। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में प्रथम उर्दू दैनिक ‘रोजाना ख़बर जदीद’ का 22 अगस्त 89 से प्रकाशन किया।

आपने ‘निराले संत’, ‘धर्म दर्शन’, ‘जैन धर्म के चार सिद्धांत’ आदि जैनधर्म साहित्य। ‘मैली चूनर, उजला मन’, ‘हवा के पंख’, ‘पनघट की नीलामी’ उपन्यास। ‘श्रमवीरों के देश में’ (यात्रा संस्मरण) के लेखन पर 1975 में सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार। ‘दर्पण झूठ बोलता है’ (ललित निबंध संग्रह) जिसके संबंध में ब्लिट्ज तथा अन्य समाचार पत्रों एवं समालोचकों ने दूसरे हजारी प्रसाद द्विवेदी की संज्ञा दी थी। ‘उफनती नदियों के सामने’ (ललित निबंध संग्रह)। ‘मकड़जाल में आदमी’ (ललित निबंध संग्रह)। ‘संसार एक नाट्यशाला’ (लघु नाटक संग्रह)। ‘कथा जारी है’ (कहानी संग्रह)। ‘अजगर करे न चाकरीश् य व्यंग्य संग्रह) आदि ग्रंथों की रचना भी की।

आकाशवाणी से अनेक नाटकों, वार्ताओं व रूपकों का प्रसारण। विश्वशांति एवं अन्तर्राष्ट्रीय सद्भाव के लिए रूस, चेकोस्लोवाकिया, बुल्गारिया आदि देशों में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में भारतीय प्रतिनिधि के रूप में भाग लिया। 

आप "उ.प्र. श्रमजीवी पत्रकार यूनियन (पंजीकृत)"के प्रांतीय अध्यक्ष एवं "ऑल इंडिया स्माल एवं मीडिया न्यूजपेपर्स फैडरेशन"के उपाध्यक्ष भी रहे।

धर्म निरपेक्षता, लोकतंत्र, समाजवाद, विश्वशांति और साम्प्रदायिक सौहार्द की स्थापना के लिए संघर्ष करते हुए आप 6 अप्रैल 1999 को यह नश्वर संसार छोड़ कर चले गए।

-अमन त्यागी 

पूरा लेख पढ़ें शोधादर्श के बिजनौर विशेषांक में


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