अलविदा भूपिंदर सिंह-
होके मजबूर मुझे उसने भुलाया होगा...
चीन के साथ 1962 की जंग में उन्नीस रहने के बाद देश हताशा में डूबा हुआ था। उसी के बाद उस युद्ध की पृष्ठभूमि पर बनी चेतन आनंद की फिल्म हकीकत आई। यह सन 1964 में बने दिल्ली के शीला में भी लगी थी। हकीकत को दिल्ली देखने जा रही थी। फिल्म का एक अमर गीत ‘होके मजबूर मुझे उसने भुलाया होगा...’ जब पर्दे पर आता तो देखने वालों की आंखें नम हो जाती। कैफी आजमी के लिखे गीत को ऱफी साहब और मन्ना डे के साथ आकाशवाणी दिल्ली में काम करने वाले नौजवान सिंगर भूपिंदर सिंह ने ड्यूट में गाया था। भूपिंदर तब बमुश्किल 22 साल के हो रहे थे। रफी और मन्ना डे जैसे दो दिग्गजों के साथ जिस भाव से उन्होंने मदन मोहन की धुन पर उस गीत को गया था वह अब इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया। उन्हीं भूपेन्द सिंह का सोमवार को मुंबई में निधन हो गया। वे 82 साल के थे।