टीवी पर पूरे भारत के लोगों का भविष्य वाणी करने वाले को केरल में इतनी बड़ी बाढ़ आने आली है यह बात पता नही थी क्या?
फलज्योतिष-कुंडली-शुभअशुभ-ज्योतिष-भविष्यज्ञान-हस्तरेखा ज्ञान- ये 100%
ग़लत है, अवैज्ञानिक है,अंधविश्वास है, अज्ञान है, शोषण है, धंदा है, मानसिकग़ुलामी का हथियार है.
ज्योतिष १००% ग़लत होता है.
इधर उधर के तुक्के लगाना, अंदाजी बड़बड करना,तारे तोड़ना, यजमान को ख़ुश करनेवाली बातें करना, ठगी-चालाकी-छल-झुट बोलकर ठगना इन ज्योतिषों का धंदा है..
क्यों १०० % ग़लत है ?
1. किसीभी ज्योतिष ने एक बार भी भूकम्प चक्रवात सुनामी आदि की भविष्यवाणी व्यक्त नहीं की.
2. कोईभी एक सिद्धांत ये ज्योतिष बताते नहीं.
3. सभी ज्योतिषोंने ज्योतिष का वैज्ञानिक आधार, वैज्ञानिक संशोधन व प्रमाण निश्चित करे निर्धारित करे. आज तक ज्योतिष को सिद्ध करनेवाला विज्ञान का एकभी प्रमाण नहीं मिला. कोईभी परीक्षण हुआ नहीं, कोईभी निरीक्षण-प्रयोग हुआ नहीं.
4. मानवजीवन पर,जन्म-मृत्यु पर, जीवन की सुख-दुःख की -प्रियअप्रिय घटनाये निश्चित करना, कोईभी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिला.
5. पूरे ज्योतिष में एक भी सही सिद्धांत नहीं है जिससे जीवन की किसी भी घटना के बारे में सटीकता से बताया जा सके .
6. ग्रहो में ऐसा कोई प्रभाव नहीं होता है जिससे वह करोडो किलोमीटर से किसी व्यक्ति के जीवन में शिक्षा, नौकरी, शादी, बच्चे, धन, व्यवसाय आदि से जुडी हुई घटनाओ को ज्योतिष के सिद्धांत के अनुसार कर सके
7. ज्योतिष के राशि स्वामी, दृष्टि, मित्र शत्रु, उच्च नीच, मूल त्रिकोण, दशा, राहु केतु, वक्री, अस्त, लग्न, अयनांस जैसे मूल सिद्धांत इन ग्रहो के बारे में आधी अधूरी और गलत जानकारी के आधार पर गलत प्रक्रिया से बनाये गए है. क्योंकि ऋषियों के समय में ब्रह्मांड के केंद्र में स्थित पृथ्वी को स्थिर और चपटी माना जाता था, पृथ्वी के पास सूर्य को माना जाता था, चन्द्रमा को सूर्य से भी दूर माना जाता था, सभी नछत्रो को चद्र्मा और बुध के बीच में माना जाता था .
8. आदिकाल से ऋषि जिस ज्योतिष से जुड़े हुए थे वह आजकल खगोलशास्त्र (Astronomy) के नाम से जाना जाता है - जिसमे विज्ञानं की सहायता से आगे बढ़ा जा रहा है
9. फलित ज्योतिष के समर्थन में कोई भी ऋषि, शास्त्र आदि कभी नहीं रहे - बल्कि इस कार्य को करने वाले को उन्होंने धिक्कारा है .
10. पराशर के नाम से समाज में भ्रम फैलाया गया है जबकि व्यास जी के पिता ऋषि पराशर ने फलित ज्योतिष पर कुछ नहीं लिखा है - बल्कि उनके नाम से दसवीं सदी में होरा शास्त्र लिखा गया है .
11. आनुवंशिकता (जेनेटिक्स),विकासवाद का सिद्धांत, पृथ्वी की उतपत्ति, ब्रह्माण्ड का विकास, नष्ट हो रही गेलेक्सियां,टेस्ट ट्यूब बेबी, क्लोनिंग,जीव जगत की रचना, असंख्य स्पर्म्स का बनना और रोज नष्ट होना,एक फल में सेंकडो बीजो का होना, अनेक जंतुओं के शरीर को काटने पर सभी का जीवित रहना , प्रयोगशाला में कृत्रिम तरीके से प्रारम्भिक जीवन की उतपत्ति,आदि तर्कों और प्रमाणों से ईश्वर, आत्मा, पुनर्जन्म, मोक्ष, अध्यात्म , आदि की अवधारणाओं को गलत सिद्ध किया जा सकता है।
12. हमारी आकाश गंगा के 40हजार करोड़ तारो अर्थात इतने सौर्य-मण्डल वाली आकाश गंगा के अलावा 20000 करोड़ दूसरी आकाश गंगाये है . ये Galaxies अर्थात आकाशगंगाए दृश्यविश्व की है. ज्योतिष में ज्योतिषी जिन ग्रहो के आधार पर कुंडली बना कर भविष्य बताने की बात करते है वह कितना नगण्य है - पर ठगी का धंधा पूरा है .
13. सूर्यतारा(बड़ा गोला)की तुलना में पृथ्वी का आकार (नीचे डॉट जैसी) साथ ही अन्य ग्रहो का आकार भी देखिये - इसलिए आप सभी ग्रहो के आकार की तुलना कर सकते है .
14. यह तो सभी ज्योतिषी कहते ही है की शनि ग्रह धीरे धीरे चलता है क्योंकि लंगड़ा है - और इस बारे में कथाये भी लिखी गयी है - पर अब हम जानते है की शनि की गति चन्द्रमा से भी तेज है - शनि की गति ९ किलोमीटर प्रति सेकंड से भी अधिक है जब की तेज माने जाने वाले चन्द्रमा की गति मात्र एक किलोमीटर प्रति सेकंड है - तो समझा जा सकता है की कौन सा ग्रह तेज चलता है - पर आदिकालीन गलत मान्यता और गलत जानकारी के कारण बनाये गए ज्योतिष के अन्धविश्वास में पूरा समाज फस गया है -
15. शनी ग्रह से डरनेवालों जानलो
Cassini ग्रहयान (Satellite) पृथ्वी से 1997 को छोड़ा गया Saturn planet की ओर.
2017 को satellite CASSINI ने Death dive किया.वैज्ञानिक सूश्म अभ्यास-जाँच कर रहे है.
परंतु जिसकी कुंडली में शनी है वह अपने डर से मुक्त हो जाये. ये शनी ग्रह आपका कुछ बुरा ,अपशकुनि, संकट मृत्यु कोई कुछ भी नहीं कर सकता है.,
ये शनी ग्रह आपके जीवन में अच्छा-बुरा कुछभी प्रभाव डाल/कर सकता नहीं सकता.
ये कामचोर- ठग ज्योतिष अपना धंदा चलाते है.
शनी ग्रह का डर बताने वालों को शनी ग्रह घूमकर आने की सलाह दे. कोई शनी return ज्योतिषी होंगा तो हमें जानकारी दे. शनी return ज्योतिष का हम सत्कार करना चाहते है.
a. शनि १२० करोड़ से लेकर १७० करोड़ kilometre दूर होता है.
b. अगर CASSINI यान को पृथ्वी से शनि तक पहुँचने में ७ साल लगे.
c. यह तारा नहीं है शनि तो ग्रह है. तारे से प्रकाश पृथ्वी तक पहुँच सकता है,जैसे सूर्य तारे का प्रकाश ८.२० मिनट में पृथ्वी पर पहुँचता है. परंतु शनि तारा न होने से प्रकाश पृथ्वी पर पहुँचने का प्रश्न नहीं उठता.
d. सूर्य तारे के गुरुत्वकार्शन में सभी ग्रह सूर्य की कक्षा में घूमते है. शनि ग्रह होनेसे उसके गुरुत्वकर्शन का प्रभाव पृथ्वी पर नहीं पड़ता है.
e. शनि गैस का ग्रह है और उसके कक्षा में कुछचंद्र घूमते है.
f. शनि ग्रह से कोईभी प्रकाश,कोईभी gamma rays, ultraviolet rays पृथ्वी पहुँचने का प्रश्न नहीं है क्योंकि शनि सिर्फ़ ग्रह है कोई तारा(यानी सूर्य समान तारा) नहीं है.